भगवान बांके बिहारी जी के प्रकट्य उत्सव पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। सुबह जहां भव्य शोभायात्रा निकाली गई। वहीं रात को प्रकट्य स्थली निधिवन में आतिशबाजी का नजारा देखने को मिला। आतिशबाजी से पहले भजन संध्या में भजन गायक ने लाडले को भजनों से रिझाया तो भक्त झूमने को मजबूर हो गए। अपने आराध्य को प्रकट्य उत्सव की बधाई दी।
शोभायात्रा में महाराष्ट्र के बैंडों की रही धूम
भगवान बांके बिहारी की शोभायात्रा निधिवन से शुरू हुई। शोभायात्रा में विभिन्न झांकियां थीं तो भक्त शोभायात्रा के आगे आगे सोहनी ( झाड़ू) लगाते हुए चल रहे थे। शोभायात्रा में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र थे महाराष्ट्र के मुंबई और नागपुर से आए बैंड। महाराष्ट्र से आए पीएसएम बैंड और नागपुर से आए शिवांग बैंड की धुन ने भक्तों को मंत्र मुग्ध कर दिया। शिवांग बैंड में आए 90 सदस्यों में से 40 महिला सदस्य एक सुर ताल में ढोल बजा रहे थे।
चांदी के रथ में विराजमान हुए स्वामी हरिदास
भगवान बांके बिहारी जी के भक्तों द्वारा 5 वर्ष पूर्व बनवाए गए चांदी के रथ में विराजमान होकर स्वामी हरिदास जी शोभायात्रा के साथ बधाई देने के लिए निकले। नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए शोभायात्रा बांके बिहारी जी मंदिर पहुंची। यहां स्वामी हरिदास जी का छवि चित्र उनके लाडले ठाकुर भगवान बांके बिहारी जी के समक्ष रखा गया। मान्यता है कि भगवान बांके बिहारी जी के प्राकट्य दिवस पर बधाई देने के लिए निधिवन से बांके बिहारी मंदिर आते हैं।
प्रकट्य उत्सव पर देर शाम निधिवन में भजन संध्या का आयोजन किया गया। स्वामी हरिदास जी की समाधि के समक्ष भजन गायिका पूनम दीदी ने बांके बिहारी जी को भजन सुनाए। पूनम दीदी ने जब बधाई के भजन गाए तो भक्त अपने को झूमने से नहीं रोक पाए। देश विदेश के कोने कोने से आए भक्तों ने बांके बिहारी को बधाई देते हुए जमकर नाच गाना किया।
निधिवन में हुई भव्य आतिशबाजी
प्रकट्य उत्सव पर सबसे अंत में निधिवन में भव्य आतिशबाजी की गई। लुधियाना से आए आतिशबाजों ने लाइट की आधुनिक आतिशबाजी की तो स्काई शॉट से पूरा आसमान रात में भी उजाले से जगमग हो उठा। निधिवन में जैसे ही आतिशबाजी हुई तो भक्त भगवान बांके बिहारी को बधाई देते हुए जयकारे लगाने लगे।