Neem For Diabetes: जानिए डायबिटीज़ में कैसे गुणकारी साबित होती है नीम!

 Neem For Diabetes: डायबिटीज़ एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीज़ के शरीर में ब्लड शुगर स्तर बढ़ जाता है। इसमें टाइप-2 डायबिटीज़ काफी आम है। WHO के मुताबिक, हर साल करीब 16 लाख लोग डायबिटीज़ की वजह से अपनी जान गवां बैठते हैं, वहीं दुनिया भर में इस वक्त डायबिटीज़ के मरीज़ों की संख्या 42.2 करोड़ है।

डायबिटीज़ की वजह से हार्ट अटैक, स्ट्रोक, आंखों की रोशनी जाना, पैरों का एमप्यूटेशन और किडनी फेल जैसी दिक्कतें आ सकती हैं। यह बीमारी निम्न-मध्यम आय वाले देशों में अधिक प्रचलित है। डायबिटीज़ पर नियंत्रण रखना आसान नहीं है। हालांकि, ऐसी कई खाने की चीज़ें उपलब्ध हैं, जो आपकी मदद कर सकती है।
नीम चिरकाल से भारत और चीन की औषधियों का अभिन्न हिस्सा रहा है। नीम एक ऐसा पौधा या पेड़ है लगभग पूरे भारत में पाया जाता है। नीम का पेड़ करीब 30 से 35 फीट ऊंचा होता है और इसका हर हिस्सा चिकित्सकिय गुणों से लबरेज़ होता है। नीम के पेड़ की
पत्ती, फूल, बीज, फल, जड़ और छाल सब किसी ना किसी प्रकार से औषधिक प्रयोग में लाए जाते हैं। इंफेक्शन, सूजन, फीवर, चर्म रोग या दांतों की कोई परेशानी हो सारे रोगों में नीम का प्रयोग किया जाता है।
कुछ अध्ययनों के अनुसार नीम डाइबिटीज़ को काबू करने में भी सहायक साबित होती है। इंडियन जनरल ऑफ फिजियोलॉजी एंड फारमाकोलोजी में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार नीम कई सारे रोगों के आगमन को रोकने में कारगर होती है।
हालांकि इस दावे पर अभी और शोध होना बाकी है कि क्या वाकई नीम ब्लड शुगर लेवल को नीचे लाने में मददगार होती है, लेकिन ज्यादातर विशेषज्ञ इसके समर्थन में ही खड़े नज़र आते हैं। अगर आप डाइबिटिक हैं तो आप रोज नीम का जूस पी सकते हैं या फिर सिर्फ नीम की पत्तियां भी चबा सकते हैं, लेकिन याद रहे कि इसे सीमा से अधिक न लें और इसके इस्तेमाल से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर सलाह-मशविरा कर लें।
नीम की पत्तियां ग्लाइकोसाइड्स और एंटी वायरल गुणों से भरपूर होती हैं, जो आपका ब्लड शुगर लेवल संतुलित करने में आपकी मदद करती हैं।
डाइबिटीज के लिए कैसे बनाए नीम का जूस
डाइबिटीज ग्रस्त लोगों को अक्सर कड़वे पदार्थों का सेवन करने के लिए कहा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार नीम के जूस में भी एंटी-बायोटिक गुणों वाले सक्रिय तत्व पाए जाते हैं।
इसके बनाने के लिए
– आधे लीटर पानी में 20 नीम की पत्तियों को 5 मिनट के लिए उबालें।
– पत्तियां धीरे-धारे नरम होने लगेंगी और पानी गहरे हरे रंग का हो जाएगा।
– इसे छानकर एक कंटेनर में रख लें और दिन में कम से कम 2 बार इसका सेवन करें।