यूपी STF का CSJM यूनिवर्सिटी के कुलपति विनय पाठक पर शिकंजा बढ़ता जा रहा है। कमीशन के आरोपों से घिरे विनय पाठक की तैनाती के दौरान अब AKTU के साथ ही डॉ. भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी आगरा और कानपुर की CSJM यूनिवर्सिटी में हुई नियुक्तियों की भी जांच शुरू कर दी है।
STF को इन दोनों यूनिवर्सिटी में भी विनय पाठक की तैनाती के दौरान नियुक्तियों में गड़बड़ियां होने की शिकायत मिली थी। यहां पर STF की दो टीमें पहले से जांच कर रही हैं।
आगरा यूनिवर्सिटी की कुलपति की रिपोर्ट के बाद जांच तेज हुई
आगरा यूनिवर्सिटी के कुलपति और प्रशासनिक अधिकारियों की जांच रिपोर्ट के बाद STF की जांच तेज हो गई है। आगरा यूनिवर्सिटी के कुलपति ने STF के पत्र के बाद कई बिंदुओं पर अपनी जांच रिपोर्ट STF को सौंपी थी।
AKTU में कर्मचारियों की नियुक्ति में हुए कई खेल
STF सूत्रों के मुताबिक, AKTU में जांच के दौरान यहां हुई नियुक्तियों में कई साक्ष्य हाथ लगे हैं। इसके बाद STF ने आगरा और कानपुर यूनिवर्सिटी में भी इन नियुक्तियों को लेकर मंगलवार को कई दस्तावेज खंगाले।
इनमें भी कई जगह पर धांधली करने के साक्ष्य मिले हैं। इससे साफ है कि फर्जी नियुक्त करने वाले विनय पाठक से लेकर नियुक्ति पाने वाले पर STF का शिकंजा कस गया है।
नियमों को ताक पर रख बना दिए विभागाध्यक्ष
STF सूत्रों के मुताबिक, विनय पाठक ने अपनी पावर का गलत इस्तेमाल करते हुए AKTU और उससे जुड़े सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में अपने चहेतों को अहम पदों पर बैठाया था। यही नहीं न्यायालय के आदेश के बाद भी चहेतों को विनियमित कर दिया।
आरोप है कि IIT दिल्ली से मैनेजमेंट विभाग से एमटेक करने वाले को आल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीई) के नियम के विपरीत निदेशक पद पर बैठाया। यही नहीं करीबी होने के कारण एकेटीयू का प्रतिकुलपति और फिर बाद में खुद पद से हटने पर कार्यवाहक कुलपति की कुर्सी पर बैठा दिया।