वल्गर कंट्रोवर्सी पर कश्मीर फाइल्स के डायरेक्टर का चैलेंज:विवेक अग्निहोत्री बोले- एक भी सीन झूठा साबित करो, फिल्में बनाना छोड़ दूंगा

द कश्मीर फाइल्स को लेकर फिर से देश में बवाल मचा हुआ है। कई लोग इसको प्रोपेगेंडा फिल्म बताया है। इस बीच फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने एक खुला चैलेंज दिया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर फाइल्स का एक डायलॉग या एक भी सीन झूठा निकला तो मैं फिल्में बनाना छोड़ दूंगा।

दरअसल, इजराइली फिल्म मेकर नदाव लैपिड ने सोमवार को फिल्म फेस्टिवल के दौरान इसे वल्गर और प्रोपेगेंडा फिल्म बता दिया। इसी के बाद से फिल्म को लेकर विवाद हो रहा है। लैपिड ने यह बयान गोवा में 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (IFFI) के समापन समारोह में दिया।

विवेक ने वीडियो जारी किया, बोले- 700 लोगों के रिश्तेदारों को सरेआम काट दिया गया
कश्मीर फाइल्स के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने फिल्म को झूठा बताने वाले लोगों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ”700 लोगों के पर्सनल इन्टरव्यूज के बाद ये फिल्म बनी है। क्या वो 700 लोग, जिनके मां-बाप भाई-बहनों को सरेआम काट दिया गया। गैंग रेप किया गया। दो टुकड़ों में बांट दिया गया। क्या वो सब लोग प्रोपेगैंडा और अश्लील बातें कर रहे थे? जो पूरी तरह से हिन्दू लैंड हुआ करता था, आज वहां हिन्दू नहीं रहते हैं। उस लैंड में आज भी चुन-चुनकर हिंदुओं को मारा जाता है। क्या ये प्रोपेगैंडा और अश्लील बात है? यासीन मलिक अपने टेरर के जुल्मों को कबूल करके जेल में सड़ रहा है, क्या ये प्रोपेगैंडा और अश्लील बात है?”

विवेक ने आगे कहा- दोस्तों ये बार-बार सवाल उठता है कि कश्मीर फाइल्स एक प्रोपेगैंडा फिल्म है। मतलब वहां कभी हिंदुओं का जिनोसाइड हुआ ही नहीं। तो आज मैं इन बुद्धिजीवियों और अर्बन नक्सल को चैलेंज करता हूं। इजराइल से आए महान फिल्ममेकर को भी चैलेंज करता हूं कि कश्मीर फाइल्स का एक डायलॉग, एक शॉट या एक इवेंट कोई प्रूव कर दे कि ये पूरी तरह से सत्य नहीं है, तो मैं फिल्में बनाना छोड़ दूंगा। 

अनुपम खेर बोले- ये फिल्म नहीं अब एक आंदोलन है
अनुपम खेर ने भी एक वीडियो जारी किया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर फाइल्स का सच कुछ लोगों के गले में कांटे की तरह अटक गया है। वो ना उसे निगल पा रहे है ना उगल। इस सच को झूठा साबित करने के लिए उनकी आत्मा ( जो मर चुकी है ) बुरी तरह से छटपटा रही है। पर हमारी ये फिल्म अब एक आंदोलन है, फिल्म नहीं।

खबर को आगे पढ़ने से पहले जान लीजिए लैपिड ने कहा क्या है…
”द कश्मीर फाइल्स फिल्म देखकर हम सभी डिस्टर्ब और हैरान थे। यह फिल्म हमें अश्लील और प्रोपेगेंडा बेस्ड लगी। इतने प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के लिए ये फिल्म उचित नहीं है। मैं आप लोगों के साथ अपनी फीलिंग को खुले तौर पर इसीलिए शेयर कर सकता हूं, क्योंकि इस समारोह की आत्मा ही यही है कि हम यहां आलोचनाओं को स्वीकार करते हैं और उस पर चर्चा करते हैं।

इस समारोह में हमने डेब्यू कॉम्पिटिशन में 7 फिल्में देखीं और इंटरनेशनल कॉम्पिटिशन में 15 फिल्में देखीं। इसमें से 14 फिल्म सिनेमैटिक फीचर्स वाली थीं। 15वीं फिल्म द कश्मीर फाइल्स से हम सभी को परेशान और हैरान करने वाली थी।”

लैपिड के इस विवादित बयान के बाद, उन्हें IFFI जूरी हेड बनाने वाली कमेटी भी निशाने पर आ गई है। लैपिड का नाम जूरी हेड के लिए जिन्होंने सुझाया था उनमें करण जौहर, प्रसून जोशी, मनोज मुंतशिर, खुशबू सुंदर, प्रियदर्शन, बॉबी बेदी, हृषिता भट्ट, निखिल महाजन, ​​​​​​रवि कोट्‌टाराकारा, सुखविंदर सिंह और वाणी त्रिपाठी जैसे दिग्गज शामिल हैं।

इजराइली राजदूत बोले- लैपिड को शर्म आनी चाहिए
इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने लैपिड के इस बयान पर उन्हें कड़ी फटकार लगाई। गिलोन ने कहा- भारत की मेजबानी और दोस्ती के बदले लैपिड के बयान पर मैं शर्मिंदा हूं और माफी मांगता हूं। उन्होंने कहा- लैपिड का बयान असंवेदनशील और अभिमान से भरा हुआ है। आपको शर्म आनी चाहिए।

जानिए नादव लैपिड कौन हैं और उनका IFFI से क्या संबंध है?

  • नादव लैपिड का जन्म 1975 में इजराइल में हुआ। 2001 में उन्होंने ‘कॉन्टिनुआ बाइलैंडो’ नाम का उपन्यास लिखा।
  • लैपिड ने अपनी पहली फीचर फिल्म पुलिसमैन के लिए 2011 लोकार्नो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में स्पेशल जूरी पुरस्कार मिला। स्य्नोन्य्म्स (Synonyms) फिल्म के लिए 2019 में बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन बियर पुरस्कार जीता।
  • 2016 में लैपिड ने कान्स फिल्म फेस्टिवल में क्रिटिक्स वीक सेगमेंट के लिए जूरी मेंबर के रूप में काम किया। 2021 में उन्होंने कान्स फिल्म फेस्टिवल में कॉम्पिटिशन के लिए अपनी फिल्म ‘अहेड्स नी’ भेजी।
  • लैपिड का IFFI से पुराना संबंध है, क्योंकि उनकी 2014 की फिल्म ‘द किंडरगार्टन टीचर’ के एक्टर सरित लैरी को समारोह में बेस्ट एक्टर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। इसके बाद 2016 में उन्हें इंटरनेशनल क्रिटिक्स वीक का जूरी मेंबर बनाया गया था।

अशोक पंडित बोले- लैपिड की भाषा से आपत्ति
लैपिड का यह बयान सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। उनके इस बयान की कई लोगों ने निंदा की है। फिल्म मेकर अशोक पंडित ने कहा कि फिल्म के लिए इस्तेमाल की गई लैपिड की इस भाषा पर मुझे कड़ी आपत्ति है। 3 लाख कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार को चित्रित करना अश्लील नहीं कहा जा सकता। मैं एक कश्मीरी पंडित के रूप में इस बेशर्म बयान की निंदा करता हूं।

अनुराग ठाकुर जी, मैं एक कश्मीरी पंडित जिसने नरसंहार देखा है, मांग करता हूं कि हमारी त्रासदी को अभद्र बताने वाले नदाव लपिड के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.”

एक्टर दर्शन बोले- फिल्म अश्लीलता पर नहीं, वास्तविकता पर है
एक्टर दर्शन कुमार ने भी फिल्म में अहम किरदार निभाया है। लैपिड के बयान पर उन्होंने कहा कि किसी भी फिल्म को देखने के बाद हर व्यक्ति की अपनी राय होती है। लेकिन इस फैक्ट से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कश्मीर फाइल्स एक ऐसी फिल्म है, जिसमें कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा के बारे में बताया गया है। ये लोग अभी भी आतंकवाद के खिलाफ न्याय के लिए लड़ रहे हैं। इसलिए यह फिल्म अश्लीलता पर नहीं, बल्कि वास्तविकता पर है।

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा- PM मोदी, उनकी BJP सरकार, दक्षिणपंथी इकोसिस्टम सबने मिलकर कश्मीर फाइल्स को प्रमोट किया। उस फ़िल्म को इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ने खारिज कर दिया है। ज़्यूरी प्रमुख ने इसे प्रोपेगेंडा-भद्दा बताया है और इसे फिल्म फेस्टिवल के लिए अनुचित बताया।

‘द कश्मीर फाइल्स’ में कश्मीरी हिंदुओं की कहानी, PM ने की थी तारीफ
11 मार्च 2022 को रिलीज हुई फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ 1990 में हुए कश्मीर विद्रोह पर आधारित है। फिल्म में कश्मीरी हिंदुओं के पलायन और नरसंहार दर्दनाक की कहानी को दर्शाया गया है। अनुपम खेर, पल्लवी जोशी और मिथुन चक्रवर्ती जैसे स्टार्स ने लीड रोल निभाया है। कश्मीर फाइल्स ने अच्छा कारोबार किया था। इसने बॉक्स ऑफिस पर 290 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने BJP संसदीय दल की बैठक में फिल्म की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि ऐसी फिल्में बनती रहनी चाहिए। इनसे सच उजागर होता है। फिल्म में जो दिखाया गया है, कश्मीर के उस सच को दबाने की कोशिश की जाती रही है। सब फ्रीडम ऑफ स्पीच की बात करते हैं। इस देश में इमरजेंसी जैसी बड़ी घटना हुई, लेकिन इस पर कोई फिल्म नहीं बनीं, क्योंकि सत्य को बताने का लगातार प्रयास नहीं हुआ।

कश्मीर फाइल्स को इन देशों ने बैन किया

1. न्यूजीलैंड: मुस्लिम समुदाय ने डिमांड की
फिल्म की न्यूजीलैंड में बैन कर दिया गया है। पहले फिल्म को A सर्टिफिकेट के साथ रिलीज की मंजूरी मिल गई थी, लेकिन मुस्लिम समुदाय की मांग पर हुई समीक्षा के बाद सेंसर बोर्ड ने फिल्म पर रोक लगाने का फैसला किया था।

2. सिंगापुर: सेंसर बोर्ड ने बैन लगाया
विवेक अग्निहोत्री की यह फिल्म सिंगापुर में रिलीज होने वाली थी, लेकिन वहां के सेंसर बोर्ड ने फिल्म को बैन कर दिया था। इस खबर के आने के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने विवेक और भाजपा पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि फिल्म में मुसलमानों की गलत इमेज होने और कश्मीर में चल रहे संघर्ष में हिंदुओं को सताए जाने का एकतरफा पोर्ट्रेयल है। यह फिल्म कई कम्युनिटी के बीच दुश्मनी पैदा करने और भाईचारे को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखती है।​​​​​​