अमेरिकी वायु सेना तेजी से अपने स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स की फ्लीट को बढ़ा रही है। इसी बीच शुक्रवार यानी 2 दिसंबर को इस फ्लीट में B-21 रेडर बॉम्बर भी शामिल होने जा रहा है। नए साल की शुरुआत में इसकी तैनाती हो जाएगी। इसे बनाने में 16 हजार करोड़ रुपए की लागत आई है।
B-21 रेडर को अब तक का दुनिया का सबसे एडवांस मिलिट्री एयरक्राफ्ट बताया जा रहा है। अमेरिका का दावा है कि इस विमान की टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस है कि दुनिया का कोई भी रडार इसे पकड़ नहीं सकता। इसे वेपन डेवलपमेंट कंपनी नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन ने बनाया है।
मौजूदा स्टेल्थ बॉम्बर्स B-1 और B-2 की जगह लेगा
नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन की एरोनॉटिक्स सिस्टम्स यूनिट के प्रेसिडेंट टॉम जोन्स ने बताया कि इस एयरक्राफ्ट को कैलिफोर्निया के पामडेल में एयर फोर्स प्लांट 42 में बनाया गया है। ये एयरक्राफ्ट इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग डेवलपमेंट (EMD) बैच का हिस्सा हैं। इस परियोजना को लॉन्ग रेंज स्ट्राइकर बॉम्बर (LRS-B) कॉन्ट्रैक्ट के तहत फंड दिया गया है। ये सेना के मौजूदा स्टेल्थ बॉम्बर्स B-1 और B-2 की जगह लेगा।
B-21 रेडर की खासियत
टॉम जोन्स ने कहा- इस एयरक्राफ्ट को न्यूक्लियर मिशन के लिए तैयार किया गया है। ये लंबी दूरी का डिजिटल बॉम्बर है जो फुर्तीली तकनीक और क्लाउड कंप्यूटिंग के जारिए कम्युनिकेट कर सकेगा। इसे हाई-एंड थ्रेट एन्वायर्नमेंट के लिए ऑप्टिमाइज किया गया है। इसकी नेटवर्किंग केपेबिलिटी भी काफी एडवांस है। इससे आसानी से खराब मौसम में भी संपर्क किया जा सकता है।
लेफ्टिनेंट कर्नल डूलिटल रेड से इंस्पायर होकर रखा गया नाम
B-21 रेडर का नाम सेकंड वर्ल्ड वॉर के डूलिटल रेड के सम्मान में रखा गया है। इस ऐतिहासिक मिशन के बारे में बात करते हुए टॉम जोन्स ने कहा- लेफ्टिनेंट कर्नल जेम्स ‘जिमी’ डूलिटल के नेतृत्व में 80 एयरमेन और 16 B-25 बॉम्बर ने युद्ध के मायने ही बदल दिए थे।