भारत जोड़ो यात्रा में अब तक राहुल गांधी 7 राज्यों से गुजरकर 2500 किलोमीटर से ज्यादा का सफर कर चुके हैं। इस दौरान यात्रा के साथ-साथ वे दौड़ते, नाचते, खेलते और लगातार भाषण देते नजर आ रहे हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के सियासी पहलू से अलग उनकी फिटनेस के भी चर्चे हैं। आखिर क्या वजह है राहुल गांधी बिना थके इतने एनर्जेटिक नजर आ रहे हैं?
यह जानने के लिए उनके साथ यात्रा का लाइव कवरेज कर रही भास्कर टीम ने कैंप से जुड़े भारत यात्रियों से बातचीत की। राहुल गांधी की इस फिटनेस के पीछे वजह है उनका रूटीन, जिसे वे 3 महीने से लगातार फॉलो कर रहे हैं। यहां तक की तेज ठंड में भी उन्होंने अपना रूटीन नहीं बदला है। वे दिन में एक मिनट भी नहीं सोते। रात को डिनर के बाद और सोने से पहले एक घंटा किताबें पढ़ते हैं। आइए आपको भी बताते हैं यात्रा के दौरान कैसा है राहुल का डेली रूटीन….
4.30 बजे उठने से शुरू होता है राहुल का दिन
राहुल गांधी के नए दिन की शुरुआत सुबह 4.30 बजे होती है। करीब 4.30 बजे उठकर राहुल गांधी तैयार होते हैं। उनका नाश्ता सुबह 5 बजे हो जाता है। कई भारत यात्री कहते हैं कि हम कल्पना भी नहीं कर सकते थे कि सुबह का नाश्ता कभी 5 बजे करेंगे। राहुल हमेशा कैंप से नाश्ता करके ही निकलते हैं। नाश्ते के बाद 5.30 बजे के आसपास फ्लैग होस्टिंग होती है। इसके बाद ठीक 6 बजे राहुल गांधी उस पॉइंट पर पहुंच जाते हैं, जहां से यात्रा शुरू होती है। सुबह के नाश्ते में राहुल फ्रूटस को प्राथमिकता देते हैं।
रेस्ट पॉइंट से ठीक 3 किलोमीटर पहले टी-ब्रेक
राहुल गांधी सुबह की यात्रा के दौरान अपने अगले रेस्ट पाइंट से ठीक 3 किलोमीटर पहले टी-ब्रेक के लिए रुकते हैं। यहां वे चाय लेते हैं। राहुल थड़ी पर भी चाय पी लेते हैं। इस दौरान वे चाय के साथ मूंगफली पाक, गजक वगैरह लेते हैं। यात्रा के दौरान जब वे चलते हैं तो दाएं-बाएं दो व्यक्तियों से बातचीत करते हैं। इसके अलावा साथ चल रहे लोगों से भी मिलते हैं। इसके बाद लंच ब्रेक वाली जगह रुक जाते हैं।
लंच कैंप में ही, भारत यात्रियों के ग्रुप से मिलते हैं
लंच ब्रेक से लेकर दोपहर 3.30 बजे अगली यात्रा शुरू होने के बीच राहुल लंच लेते हैं। लंच उनका साधारण रहता है। राहुल अकेले लंच करते हैं। राहुल का लंच और डिनर फूड इंस्पेक्टर टेस्ट करते हैं। सैंपल लेने के बाद लंच उन तक पहुंचता है। बाहर से आया खाना वे नहीं खाते हैं। इससे पहले वे भारत यात्रियों और प्रदेश यात्रियों के ग्रुप से मिलते हैं। इसके लिए 45 मिनट तय हैं।
दिन में सोते नहीं, यात्रियों के परिवार से वीडियो कॉल पर चर्चा
यात्रा में साथ चल रहे शत्रुघ्न शर्मा बताते हैं कि दिन में ब्रेक के दौरान वे सोते नहीं है। कई लोगों से मुलाकात करते हैं। जब हमसे मिलते हैं तो परिवार के बारे में पूछते हैं। यात्रियों के परिवार से वीडियो कॉल पर बातचीत करते हैं। इस दौरान कई लोगों से मुलाकात होती है।
सोने से पहले एक घंटा स्टडी
दिन में यात्रा शुरू होने के बाद शाम के रेस्ट पॉइंट से ठीक 3 किलोमीटर पहले फिर राहुल गांधी का टी-ब्रेक होता है। इसके बाद वे कॉर्नर मीटिंग हो तो उसे संबोधित करते हैं। इसके बाद उनका डिनर होता है। कई बार वे यात्रियों के साथ ही डिनर कर लेते हैं। रात में ज्यादातर वे किसी से मुलाकात नहीं करते हैं।
रात को सोने से पहले राहुल गांधी लगभग 1 घंटा स्टडी करते हैं। इसके बाद रात 11 बजे के आसपास राहुल गांधी सो जाते हैं। उनकी रोजाना की नींद लगभग साढ़े 5 से 6 घंटे की होती है। इसके बाद अगले दिन सुबह 4 बजे से फिर नए दिन की शुरुआत होती है।
डिनर के बाद 10 मिनट का वॉक, पुशअप करते रहते हैं
राहुल गांधी यात्रा के बावजूद दिनभर अपनी रूटीन एक्सरसाइज को नहीं भूलते। दिनभर में जब समय मिलता है तो पुश-अप, सिट-अप, चिन-अप वगैरह करते रहते हैं। इसके अलावा डिनर के बाद रात को 10 मिनट की एक वॉक जरूर करते हैं।
सब कुछ समय पर, महीनों से यही रूटीन
कई भारत यात्री बताते हैं कि राहुल गांधी की दिनचर्या में ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर का टाइम तय है। यह कभी डिस्टर्ब नहीं होता। 3 महीने से यही रूटीन है। सीताराम लाम्बा कहते हैं कि चाहे सर्दी और या गर्मी, हमें सुबह 4 बजे ही उठना पड़ता है। भारत यात्री शत्रुघ्न शर्मा कहते हैं कि शुरू में यात्रियों को यह रूटीन टफ लगा। मगर अब इसकी आदत हो गई है। अब सभी उसी रूटीन के अनुसार चलते हैं।
कई बार आया 7 बजे यात्रा शुरू करने का प्रस्ताव, राहुल ने ठुकराया
भारत यात्री बताते हैं कि जब सर्दी बढ़ने लगी तो कई बार यात्रा सुबह 6 बजे के बजाय 7 बजे शुरू करने का प्रस्ताव आया। मगर हर बार राहुल ने इसे नकार दिया। राहुल का कहना है कि सुबह 6 बजे की यात्रा एक मॉर्निंग वॉक की तरह होती है। यही वजह है कि सर्दी में भी सुबह 6 बजे ही यात्रा का समय है।
लेट होने वालों को एंट्री नहीं
यात्रा में जहां भी नाइट स्टे होता है, वहां 16 मूविंग वॉशरूम हैं। इनमें एक वॉशरूम राहुल गांधी के लिए रिजर्व है। ज्यादातर लोग 4 से 4.30 बजे के आस पास उठते हैं। सभी को 5.30 बजे झंडा वंदन के लिए पहुंचना जरूरी होता है। लेट होने पर एंट्री नहीं दी जाती। कंटेनर हाउस में राहुल गांधी के अलावा 146 लोगों के रुकने की जगह है। झंडा वंदन होने के बाद राजस्थान में 6 बजे राहुल गांधी की यात्रा शुरू हो जाती है। यात्रियों के निकलने के बाद कंटेनर लॉक करके अगली लोकेशन पर भेज दिए जाते हैं।
यात्रियों की हेल्थ भी सुधरी, वजन कम हुआ
राजस्थान यूथ बोर्ड के अध्यक्ष और भारत यात्री सीताराम लांबा ने बताया कि यात्रा का असर भारत यात्रियों की फिटनेस पर भी हुआ है। जो छोटे-मोटे बीमार थे, जिन्हें डायबिटीज थी, वो भी फिट हो गए। अब कोई दवाई नहीं खाता। दिनचर्या बहुत अच्छी है। माहौल भी बहुत अच्छा है। यात्रा में अलग-अलग भाषा और क्षेत्र के लोग भी आपस में बातें करते हैं। जो भाषा नहीं जानते वो एक दूसरे से इशारों में बात करते हैं। यात्रा में एक छोटा भारत बन गया है।
ऐसे चलती है यात्रा
भारत जोड़ो कन्याकुमारी से 120 भारतीय यात्री साथ चल रहे हैं। करीब 20 राज्यों के कांग्रेस नेता शामिल हैं, जिनमें 30 प्रतिशत महिलाएं भी हैं। सबसे आगे स्टेट से जुड़े लोक नृत्य कलाकार अपनी परफॉर्मेंस देते हुए चलते हैं। फिर तिरंगा दल और इसके बाद सेवादल चलता है। इसके बाद राहुल गांधी के आस-पास 500 से 800 मीटर घेरे में कौन रहेगा यह सब फिक्स रहता है। राहुल 300 से 400 मीटर के सुरक्षा घेरे में चलते हैं। इसके बाद पुलिस का घेरा अलग से होता है।
यात्रा के दौरान राहुल से मिलने वाले पदाधिकारी व यात्री साथ चलते हैं। एक बार मिलने के बाद नए यात्री आगे आ जाते हैं। राहुल के पीछे आमजन का कारवां चलता है। सबसे लास्ट में यात्रा के साथ चलने वाले व्हीकल का काफिला रहता है।