Dahi Winter Myths: क्या सर्दी के मौसम में दही पहुंचाता है सेहत को नुकसान? जानें क्या है सच…

 Dahi Winter Myths: दही एक हेल्दी प्रोबायोटिक होता है, जिसमें प्रोटीन, विटामिन्स और खनिज पदार्थों की मात्रा उच्च होती है और कार्ब्स की कम। दही को रायते, फ्लेवर्ड दही या फिर छाछ के तौर पर खाने के साथ शामिल करने से आप मील को एंजॉय तो करेंगे ही साथ ही आपके पाचन को भी बढ़ावा मिलेगा। दही चाहे कितना भी पोष्टिक हो, इसे लेकर कई तरह के मिथक सुनने में आते हैं। जैसे कई ऐसे लोग हैं, जो ठंड में दही नहीं खाते, क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है, खासतौर पर रात में। लेकिन क्या सच में सर्दी के मौसम में दही खाना नुकसान पहुंचा सकता है?

 Dahi Winter Myths: दही एक हेल्दी प्रोबायोटिक होता है, जिसमें प्रोटीन, विटामिन्स और खनिज पदार्थों की मात्रा उच्च होती है और कार्ब्स की कम। दही को रायते, फ्लेवर्ड दही या फिर छाछ के तौर पर खाने के साथ शामिल करने से आप मील को एंजॉय तो करेंगे ही साथ ही आपके पाचन को भी बढ़ावा मिलेगा। दही चाहे कितना भी पोष्टिक हो, इसे लेकर कई तरह के मिथक सुनने में आते हैं। जैसे कई ऐसे लोग हैं, जो ठंड में दही नहीं खाते, क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है, खासतौर पर रात में। लेकिन क्या सच में सर्दी के मौसम में दही खाना नुकसान पहुंचा सकता है?

दूसरा मिथक: बच्चों को ठंड में दही नहीं खिलाना चाहिए।

सच: इम्यूनिटी को ताकत देने के लिए दही एक बेहतरीन फूड है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और यह वाइट ब्लड सेल्स संश्लेषण को भी बढ़ावा देता है। इसलिए, बच्चों को दही ज़रूर खिलाना चाहिए। बस ध्यान रखें कि वह फ्रिज से निकला न हो। आप दही को टेस्टी और हेल्दी बनाने के लिए इसमें फल और सब्ज़ियों को भी शामिल कर सकती हैं।

तीसरा मिथक: रात में दही नहीं खाना चाहिए।

सच: यह एक मिथक है। रात के खाने के साथ दही खाना अच्छा होता है। इससे आपके पेट को भी आराम मिलता है। इसके सेवन से दिमाग में ट्रिपटोफेन नाम का अनोखा अमीनो एसिड रिलीज़ होता है, जो मस्तिष्क को शांत कर सोचने में मदद करता है।

चौथा मिथक: स्तनपान में दही के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि इससे मां और बच्चे दोनों को सर्दी लग सकती है।

सच: यह सच नहीं है। स्तनपान के ज़रिएं बच्चे तक सिर्फ पोषक तत्व ही पहुंचते हैं, सर्दी या किसी तरह का इन्फेक्शन नहीं क्योंकि ब्रेस्टमिल्क इम्युनोग्लोबुलिन से भरपूर होता है। दही में मौजूद एक्टिव बैक्टीरिया बीमारी का कारण बनने वाले कीटाणुओं से लड़ने हैं और पाचन में सुधार करते हैं। स्तनपान कराने वाली महिलाएं कैल्शियम और प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए डाइट में दही या रायता ले सकती हैं।