Delhi MCD Politics: चुनाव के बाद AAP पार्षदों की नजर महापौर पद पर, भाजपाइयों ने नेता विपक्ष पर टिकाई निगाहें

चुनाव खत्म होने के बाद अब नवनिर्वाचित पार्षदों की नजर प्रमुख पदों पर टिक गई है। दिल्ली नगर निगम में आप को बहुमत मिला है तो महापौर उसकी पार्टी का ही होगा, वहीं भाजपा के पास नेता विपक्ष का पद होगा। इसलिए दोनों पार्टियों के चुने हुए पार्षदों की नजर सबसे पहले इन्हीं दोनों पदों पर हैं। दो से अधिक बार पार्षद बनने वालों ने अपनी दावेदारी भी जतानी शुरू कर दी है।

यमुनापार में भाजपा ने मारी है बाजी

यमुनापार में आप के 20 पार्षद निर्वाचित हुए। वहीं, भाजपा ने 61 में से 35 सीटों पर कब्जा कर बाजी मारी है। आप पार्षदों की पहली पसंद महापौर पद की है। इस पद के लिए अनुभव होना भी जरूरी है। पहली बार महिला को महापौर बनाया जाना है। ऐसे में यमुनापार से पार्टी के पास तीन अनुभवी महिलाएं हैं।

दिलशाद कालोनी से प्रीति, भजनपुरा से रेखा रानी और सुंदर नगरी से चुनी गईं मोहिनी जीनवाल शामिल हैं। प्रीति चौथी बार पार्षद बनी हैं। अनुभव के मामले में वे सबसे आगे हैं। रेखा रानी 2012 से 2017 तक पार्षद रहीं। निगम के विभिन्न पदों पर उन्होंने काम किया। वे दूसरी बार सामान्य सीट से पार्षद चुनकर आई हैं। घोंडा विधानसभा क्षेत्र के इस वार्ड पर कब्जा कर रेखा रानी ने भाजपा के गढ़ में सेंध लगाई है। वे पार्टी में विभिन्न पदों पर भी रह चुकी हैं। ऐसे में इनका दावा मजबूत है।

सुंदर नगरी से चुनी गईं मोहिनी जीनवाल को भी जनता ने दूसरी बार जिताया है। वे पहले सीमापुरी से पार्षद थीं। इस बार पार्टी ने उन्हें सुंदर नगरी से उतारा था। यहां भी उन्होंने 10,403 मतों से भाजपा को पटखनी दे दी। उनकी छवि जुझारू महिला की रही है। वे स्थायी समिति की सदस्य रहीं।इसके अलावा पार्टी में विभिन्न पदों पर उन्होंने काम किया है।

भाजपा में नेता विपक्ष की लड़ाई

इसी तरह से भाजपा में नेता विपक्ष की लड़ाई है। भाजपा को यमुनापार ने सबसे अधिक सीटें दी हैं। इसलिए इस पर पहला हक बनता है। प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता विपक्ष अभी यमुनापार के नेताओं के पास नहीं है। ऐसे में निगम में नेता विपक्ष पद पर सबकी नजरें हैं। गीता कालोनी से नीमा भगत और गौतमपुरी से सत्या शर्मा निगम में महापौर पद पर रह चुकी हैं। अगर भाजपा महिला पार्षद को बनाना चाहती है तो इन दोनों के अलावा शशि चांदना, रीना महेश्वरी, नीता बिष्ट के नामों पर विचार हो सकता है। तीनों की यह दूसरी पारी है।

पुरुष नेता पर भी भाजपा लगा सकती है दांव

अगर पार्टी पुरुष को नेता विपक्ष बनाती है तो संदीप कपूर, बीर सिंह पंवार और सत्यपाल सिंह का नाम प्रमुख है। ये तीनों पूर्वी निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष रह चुके हैं। इनके अलावा निर्माण समिति के अध्यक्ष रह चुके पुनीत शर्मा ने दूसरी पारी में और भी बड़े अंतराल से जीत दर्ज की है। पंकज लूथरा की भी यह दूसरी पारी है। एक बार उनकी पत्नी गीतिका लूथरा भी पार्षद रही हैं। प्रमोद गुप्ता दूसरी बार यमुना विहार का प्रतिनिधित्व करेंगे। वे जोन चेयरमैन रह चुके हैं। ऐसे में इन तीनों का दावा मजबूत है। भाजपा नेताओं का मानना है कि नेता विपक्ष का पद यमुनापार के पार्षद को ही मिलना चाहिए।