Delhi: आम्रपाली के निदेशक अनिल कुमार शर्मा को नहीं मिली जमानत, दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका

आम्रपाली सफायर डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अनिल कुमार शर्मा की नियमित जमानत की मांग को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अनिल शर्मा ने चिकित्सा आधार पर नियमित जमानत मांगी थी। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने कहा कि शिकायतकर्ताओं (फ्लैट खरीदारों) संग समझौते के बाद भी आवेदक भवन आवंटित करने में नाकाम रहा। शिकायतकर्ताओं को नुकसान पहुंचाने के लिए साजिश रची थी।

भुगतान के बाद भी नहीं हुआ घर उपलब्ध

पीठ ने कहा कि चिकित्सा रिपोर्ट और एफआइआर के तथ्यों को देखते हुए याचिकाकर्ता को निमयित जमानत नहीं दी जा सकती। पीठ ने कहा कि घर खरीदारों ने याची अनिल कुमार शर्मा समेत अन्य सह-आरोपितों पर पर्याप्त भुगतान के बाद भी भवन उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया है।

पीठ ने चिकित्सा रिपोर्ट के आधार पर कहा कि याची की स्थिति सामान्य है। उन्हें डाक्टर द्वारा सुझाई गई चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अनिल शर्मा की तरफ से पेश अधिवक्ता ने कहा कि वह सात अगस्त 2021 से हिरासत में हैं। उन्हें 17 नवंबर 2020 और 13 अगस्त 2021 को दो बार अंतरिम जमानत दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल की चिकित्सकीय स्थिति ठीक नहीं है। वह कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) मनोज पंत ने नियमित जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपित, कंपनी का 20 मार्च 2002 से निदेशक है। उन पर गंभीर आरोप हैं। आरोपित बैंक खातों को नियंत्रित करता है। कंपनी के दिन-प्रतिदिन का निर्णय लेता है।

याचिकाकर्ता ने सह आरोपितों के साथ शिकायतकर्ता और अन्य पीड़ितों को झूठा आश्वासन दिया था कि भवनों की बुकिंग के समय उनके पास सभी अपेक्षित अनुमोदन थे। एपीपी ने कहा कि याचिकाकर्ता ने एक ही तरीके से भवनों की बुकिंग के समय कई पीड़ितों को धोखा दिया। आरोपित बिल्डर ने आज तक नोएडा प्राधिकरण से पूर्णता प्रमाणपत्र प्राप्त नहीं किया है।