कोरोना पर IIT प्रो. मणींद्र अग्रवाल का दावा:भारत में चीन जैसे हालात नहीं होंगे, 2% आबादी खतरे की जद में

चीन में फैल रहे कोविड के नए वैरिएंट BF.7 ने दुनिया भर में हाहाकार मचा रखा है। कोरोना का डर फिर लौट रहा है। यूपी में सीएम योगी आज कोविड के नए खतरे को देखते हुए हाईलेवल मीटिंग बुलाई है। दैनिक भास्कर ने IIT कानपुर के प्रोफेसर पद्मश्री प्रो. मणींद्र अग्रवाल से बात की। प्रो. अग्रवाल के कोविड पर पहले के कई अनुमान काफी सटीक साबित हुए थे। कंप्यूटर सांइंस इंजीनियरिंग के प्रो. अग्रवाल ने गणितीय मॉडल ‘सूत्र’ के विश्लेषण के आधार पर दावा किया है कि भारतीयों को इस बार फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है।

वह कहते हैं, “देश में 98% लोगों में कोविड को लेकर नैचुरल इम्यूनिटी डेवलप हो चुकी है। इस बार चाइना में जो ओमिक्रॉन फैमिली का सब-वैरिएंट फैला है, वो वैक्सीन को बाईपास कर रहा है। देश में 2% लोग इसके खतरे की जद में हैं। इनकी वजह से कुछ समय के लिए हालात खराब हो सकते हैं। लेकिन देश में चाइना जैसे हालात बिल्कुल भी नहीं होंगे।

सवाल: क्या देश में चौथी लहर की आशंका है?
जवाब:
 अभी तक स्टडी में जो बातें सामने आई हैं, उसके मुताबिक अभी देश में कोविड की लहर आने की संभावना नहीं है। हां, लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। सभी कोविड नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। बाकी देश में केस बढ़ने के बाद ही सटीक आकलन किया जा सकेगा।

सवाल: वैक्सीनेशन कोविड के नए वैरिएंट से लोगों को सुरक्षित रखेगा?
जवाब:
 चाइना में मौजूदा समय में जो वायरस फैला है, वो ओमिक्रॉन फैमिली का सब-वैरिएंट है। ऐसा अभी तक देखा गया है कि ये वैरिएंट वैक्सीनेशन को भी बाईपास कर रहा है। जो वैक्सीनेशन करा चुके हैं, वो ये न समझें कि अब उन्हें कोविड नहीं होगा। उन्हें कोविड होगा, लेकिन वे जल्द ठीक भी होंगे।

सवाल: क्या देश में चाइना जैसे हालात होने की आशंका है?
जवाब:
 अभी तक जो गणितीय मॉडल पर स्टडी की है। फिलहाल, देश में कोविड की वजह से किसी भी प्रकार की खतरनाक स्थिति नहीं है। देश में 98% लोगों में नैचुरल इम्यूनिटी डेवलप हो चुकी है। सिर्फ 2% लोग ही खतरे की जद में कहे जा सकते हैं। यानी इनमें नैचुरल इम्यूनिटी डेवलप नहीं हुई है। इनकी वजह से ही कुछ समय के हालात बिगड़ सकते हैं, लेकिन नियंत्रित स्थिति में होंगे।

सवाल: चाइना में वैक्सीनेशन के बाद भी हालात बिगड़ रहे हैं, तो भारत में ऐसा क्यों नहीं होगा?
जवाब:
 अभी तक जो स्टडी सामने आई है, उसके मुताबिक चाइना में जीरो कोविड पॉलिसी लागू की गई। इस पॉलिसी के तहत कोविड होने के बाद लोगों को बाहर आने की परमिशन नहीं दी गई। यही पॉलिसी चाइना के लिए खतरनाक साबित हो रही है। जबकि देश में कोविड से ठीक होने के बाद लोगों को प्रतिबंधित नहीं किया गया। इसकी वजह से लोगों में नैचुरल इम्यूनिटी तेजी से डेवलप हुई। यही कारण है कि देश की 98% आबादी में नैचुरल इम्यूनिटी डेवलप हो चुकी है।

सवाल: क्या नैचुरल इम्यूनिटी में कभी कमी नहीं आएगी, क्या इसका बड़ा कारण वैक्सीनेशन है?
जवाब:
 नैचुरल इम्यूनिटी का लेवल भी बॉडी में एक समय के बाद घटेगा। ब्राजील, साउथ कोरिया और जापान के लोगों में देखा गया है कि उनकी नैचुरल इम्यूनिटी अब कम हो रही है। देश में ऐसा होगा। कोविड होने वालों में भी नैचुरल इम्यूनिटी बढ़ी है। यही कारण रहा कि कोविड होने वालों को वैक्सीन की डोज 2 महीने बाद दी गई। वैक्सीन से भी लोगों में इम्यूनिटी तेजी से बढ़ी है।

अब आपको बताते हैं कैसे काम करता है मॉडल
प्रो. मणींद्र अग्रवाल और उनकी टीम ने कोरोना संक्रमण की पहली लहर में गणितीय माडल विकसित किया था। उसे सूत्र नाम दिया था। प्रोफेसर अग्रवाल की टीम कोरोना संक्रमण की शुरुआत और पीक तक पहुंचने से लेकर केस घटना तक का पूर्वानुमान का आकलन करती आई है। इसमें औसत 7 दिनों के केस पर अनुमान लगाते हुए मॉडल बनाया जाता है। अब तक किए सभी आकलन बिल्कुल सही साबित हुए हैं।