दुनिया की पहली नेजल कोरोना वैक्सीन को भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है। कोवैक्सिन बनाने वाली हैदराबाद की भारत बायोटेक ने इसे बनाया है। नाक से ली जाने वाली इस वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर लगाया जा सकेगा। सबसे पहले इसे प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए लोगों को पैसे देने होंगे। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इसे आज से ही कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम में शामिल कर लिया गया है।
भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन का नाम iNCOVACC रखा गया है। पहले इसे BBV154 कहा गया था। इसे नाक के जरिए शरीर में पहुंचाया जाएगा। इसकी खास बात यह है कि शरीर में जाते ही यह कोरोना के इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों को ब्लॉक करती है। इस वैक्सीन में इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए इससे चोट लगने का खतरा नहीं है। साथ ही हेल्थकेयर वर्कर्स को भी खास ट्रेनिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इधर, भारत में कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया आज दोपहर 3 बजे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मीटिंग में कोविड की स्थिति और तैयारियों पर चर्चा होगी। इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय नए साल और आगामी त्योहारों के मद्देनजर के लिए एक नई सलाह जारी कर सकता है।
कोरोना से जुड़े अपडेट्स…
- सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को देश के ज्यादातर स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना को लेकर मॉक ड्रिल की जाएगी।
- लखनऊ PGI के निदेशक ने मरीजों, तीमारदारों को मास्क होने पर ही एंट्री के निर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ्य और सफाई कर्मियों के लिए भी मास्क अनिवार्य किए गए हैं।
- उत्तर प्रदेश में सभी पुलिसकर्मियों को मास्क पहनना और सैनिटाइजर का उपयोग करना अनिवार्य किया गया है।
- केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारत ने दूसरे देशों को भी वैक्सीन दी। देश में 4 टीकों का उत्पादन हो रहा। हमें सतर्क रहने की जरूरत है।
- तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री हरीश राव ने कहा कि कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है। साथ ही लोगों से बूस्टर डोज लेने की अपील है।
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पिछले 24 घंटों में 164 केस, 3 मौतें
देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 164 नए केस सामने आए हैं, जबकि 9 लोगों की मौत हो गई। इनमें 2 मौतें महाराष्ट्र और एक मौत दिल्ली में हुई, बाकी की 6 मौतें केरल में हुई हैं, जो पहले का डेटा है और अभी सामने आया है। देश में कोरोना के कुल मामले 4,46,77,903 हो गए हैं, जबकि मरने वालों की संख्या 5,31,925 हो चुकी है। वहीं, 4,41,30,223 लोग ठीक हुए हैं।
IMA ने कहा- लॉकडाउन की जरूरत नहीं
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के डॉक्टर अनिल गोयल ने गुरुवार को कहा कि भारत में लॉकडाउन की जरूरत नहीं पड़ेगी। IMA के मुताबिक, चीन की तुलना में भारत के लोगों की इम्यूनिटी ज्यादा स्ट्रॉन्ग है। भारत की 95% आबादी में कोरोना के खिलाफ इम्यूनिटी बनी है, ऐसे में देश में लॉकडाउन नहीं लगेगा। -
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिव्यू मीटिंग की
गुरुवार को मीटिंग के दौरान PM मोदी ने मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग की अपील की। इसके अलावा उन्होंने टेस्टिंग बढ़ाने और कोविड सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि त्योहार आ रहे हैं इसलिए लोग मास्क पहनें। मीटिंग खत्म होने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने इंटरनेशनल ट्रेवलर्स के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी। 24 दिसंबर से इसे देशभर के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर लागू कर दिया जाएगा। -
इंटरनेशनल ट्रेवलर्स के लिए गाइडलाइंस में ये बातें…
- सभी ट्रेवलर्स पूरी तरह वैक्सीनेडेट होने चाहिए। फ्लाइट्स में और एंट्री प्वाइंट्स पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। जैसे-मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
- पैसेंजर में कोविड के लक्षण पाए जाने पर उसे स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के तहत आइसोलेट किया जाएगा। फ्लाइट से उतरने के बाद भी उसे आइसोलेट किया जाएगा और ट्रीटमेंट दिया जाएगा।
- फ्लाइट से उतरते समय फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। एंट्री फ्वाइंट पर सभी पैसेंजर्स की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी।
- स्क्रीनिंग में किसी पैसेंजर में लक्षण पाए जाने पर उसे आइसोलेट कर इलाज के लिए भेजा जाएगा। इंटरनेशल फ्लाइट्स के 2%पैसेंजर्स की रैंडम सैंपलिंग की जाएगी।
- इन पैसेंजर्स का सिलेक्शन एयरलाइंस करेंगी, जो अलग-अलग देशों के होंगे। सैंपल देने के बाद ही ये एयरपोर्ट से जा सकेंगे।
- यदि कोई सैंपल पॉजिटिव निकला तो उसे जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए लैब में भेजा जाएगा। ऐसे पैसेंजर्स का प्रोटोकॉल के हिसाब से इलाज किया जाएगा और उन्हें आइसोलेट किया जाएगा।
- यात्रा से लौटने पर सभी यात्री अपनी हेल्थ का ध्यान रखेंगे। यदि इनमें से किसी में लक्षण बाद में दिखाई देते हैं तो वह नजदीकी हेल्थ सेंटर्स पर इसकी जानकारी देंगे।
- 12 साल तक के बच्चों को रेंडम सैंपलिंग में शामिल नहीं किया जाएगा। हालांकि, यात्रा के दौरान या उसके बाद लक्षण मिलने पर उनका स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के हिसाब से इलाज किया जाएगा