एफएमसीजी सेक्टर पर महंगाई ने ज्यादा असर नहीं दिखाया है। चालू वित्त वर्ष में यानी मार्च 2023 तक इनकी बिक्री 7-9% बढ़ने का अनुमान है। संगठित क्षेत्र की कंपनियों की बिक्री इससे ज्यादा 9-11% बढ़ सकती है। हाल की तिमाहियों में इस सेक्टर की बड़ी कंपनियां तेजी से असंगठित क्षेत्र हथिया रही हैं।
दरअसल, देश में खास तौर पर शहरी इलाकों में बिस्किट, साबुन, टूथ पेस्ट जैसे रोजाना खपत के प्रोडक्ट्स (एफएमसीजी) की मांग बढ़ रही है। इस बीच एफएमसीजी कंपनियों ने कई छोटे-बड़े ब्रांड का अधिग्रहण करके विस्तार की रणनीति अपना रखी है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुताबिक, अगले वित्त वर्ष भी एफएमसीजी सेक्टर की ग्रोथ 10% के आसपास रहने की संभावना है।
एफएमसीजी की बिक्री 5 लाख करोड़ से ज्यादा
क्रिसिल के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में संगठित क्षेत्र की एफएमसीजी कंपनियों ने कुल 4.7 लाख करोड़ रुपए की बिक्री की थी। चालू वित्त वर्ष में ये आंकड़ा 5.12 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। जबकि महंगाई 6% के आसपास बनी हुई है।
शहरी इलाकों में बढ़ रही डिमांड
क्रिसिल सीनियर डायरेक्टर अनुज सेठी ने बताया कि बीते 12 महीनों में शहरी इलाकों में एफएमसीजी की डिमांड पर महंगाई ने ज्यादा असर नहीं दिखाया है। इस लिहाज से बिक्री अच्छी है। लेकिन ग्रामीण इलाकों में डिमांड थोड़ी सुस्त है।