अगर आप स्कूल स्टूडेंट के पेरेंट हैं, और करिअर ऑप्शंस तलाश रहे हैं, तो आपने फील किया होगा कि 2020 से कोविड आने के बाद फिर से फार्मेसी, मॉडर्न वैक्सीन डेवलपमेंट और बायोटेक हॉट करिअर लगने लगे हैं। लेकिन ये तो हमेशा से अपीलिंग रहे हैं।
फार्मेसी से खुली राहें
पिछले लगभग दो या तीन दशकों में मैंने अपने परिवार और सर्कल में यह पाया है कि जिस भी व्यक्ति ने फार्मेसी के क्षेत्र में एजुकेशन पाई, वो आज वेल-सेटल्ड है।
एक समय था कि फार्मेसी में मैनपॉवर की आवश्यकता इतनी अधिक थी कि जिन्होनें फार्मेसी में डिग्री नहीं ली थी, मतलब ऐसे लोग जो कॉमर्स, साइंस या आर्ट्स बैकग्राउंड के थे और हार्ड-वर्क करने के इच्छुक थे, ने इस क्षेत्र में ‘मेडिकल रेप्रेजेंटेटिव’ के रूप में नौकरियां पाईं, काम करते हुए क्षेत्र का नॉलेज बढ़ाया और विभिन्न पार्टनरशिप्स के जरिए आज अपना ‘मेडिकल शॉप’ लेकर बैठे हैं।
स्कूलिंग से ही परिवर्तन की एक छोटी लहर
मेरे एक रिलेटिव जो आज इस क्षेत्र में एक सरकारी नौकरी में कार्यरत हैं ने मुझे एक बार बताया था कि किस प्रकार उनके स्कूल की कक्षा बारहवीं-साइंस बायोलॉजी का पूरा बैच एक फार्मेसी कॉलेज के सेमिनार के बाद उस कॉलेज को ज्वाइन कर गया था। IT, बैंकिंग और फायनेंस के शोर तले भारत में करिअर के क्षेत्र में फार्मेसी एक सायलेंट रिवोल्यूशन की तरह रहा है। हालांकि लोग अब इस क्षेत्र में सेचुरेशन आने की बातें करने लगे हैं।
विश्व का फार्मास्युटिकल हब
भारत प्राचीन काल में विश्व का फार्मास्युटिकल हब रहा है। जरा सोच कर देखिए जब आधुनिक एलोपैथी नहीं थी, भारत के पास ‘आयुर्वेद’ था, जिसमें तमाम तरह के विकारों के लिए इलाज के नुस्खे थे। इतना ही नहीं इन नुस्खों के लिए जरूरी ‘मसाले’ जैसे लौंग, हल्दी इत्यादि भी भारत में उपलब्ध था।
वर्तमान में भारत कुल वैश्विक दवा निर्यात के 20% हिस्से के साथ, मात्रा के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा जेनेरिक दवा प्रदाता है। वड़ोदरा, अहमदाबाद, अंकलेश्वर, वापी, बद्दी, कोलकाता, विशाखापत्तनम, हैदराबाद, बैंगलोर, चेन्नई, मडगांव, नवी मुंबई, मुंबई, पुणे और औरंगाबाद इस इंडस्ट्री के केंद्र हैं।
जिन छात्रों के हाई स्कूल (10+2) में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी विषय थे और जो बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (MBBS) और बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS) से अलग कोर्सेज की खोज कर रहे हैं, वे फार्मेसी में एजुकेशन कर सकते हैं।
करिअर ऑप्शंस की बड़ी रेंज
लोग गलत सोचते हैं कि करिअर विकल्प में केवल केमिस्ट शॉप्स, मेडिकल स्टोर्स या डिस्पेंसरियों में नौकरियों सीमित होती हैं। आइए, उस भ्रम को दूर करें! ये है एक पूरी सूची फार्मेसी में करिअर ऑप्शंस की
1) रिसर्च एंड डेवलपमेंट मैनेजर: रिसर्च एंड डेवलपमेंट मैनेजर प्रोफेशनल्स चिकित्सा और दवा विज्ञान के लिए सामग्री पर लगातार शोध करने के लिए जिम्मेदार होते है।
2) फार्मेसिस्ट: विभिन्न सरकारी और प्रायवेट मेडिकल संस्थानों में फार्मेसिस्ट की आवश्यकता होती है।
3) फार्मा सेल्स रिप्रेजेंटेटिव: सभी दवा कंपनियों को अपने उत्पादों के मार्केटिंग और सेल्स के लिए उच्च प्रशिक्षित फार्मासिस्टों की आवश्यकता होती है।
4) सरकारी नौकरियां: ड्रग इंस्पेक्टर, असिस्टेंट/डिप्टी ड्रग कंट्रोलर या स्टेट/सेंट्रल ड्रग कंट्रोलर – बी.फार्मा स्नातकों के पास ड्रग इंस्पेक्टर, असिस्टेंट/डिप्टी ड्रग कंट्रोलर या स्टेट/सेंट्रल ड्रग कंट्रोलर के रूप में नौकरी पाने का अवसर है। ड्रग इंस्पेक्टर नई दवाओं के विकास चरण के दौरान आवश्यक गुणवत्ता, सुरक्षा और दक्षता मानकों का पालन करवाता है। यह पद अत्यधिक आकर्षक हैं और इसके लिए रिक्तियां विभिन्न सरकारी यूपीएससी और एसएससी भर्तियों के माध्यम से भरी जाती हैं।
5) फार्मास्युटिकल एजुकेटर: वे थ्योरी और प्रैक्टिकल कक्षाओं के माध्यम से छात्रों को फार्मेसी के विभिन्न पहलुओं के बारे में पढ़ाकर अकादमिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
6) क्लिनिकल रिसर्च एसोसिएट: ये फार्मासिस्ट ड्रग डिस्कवरी टीमों का हिस्सा होते हैं। वे आमतौर पर फोर्मुलेशन और प्रक्रिया में सुधार और क्लिनिकल ट्रायल्स के क्षेत्रों में काम करते हैं।
7) होलसेलर और रिटेलर: प्रॉपर लायसेंस इत्यादि होने पर आप अपनी दवा की दुकान शुरू कर सकते हैं। विभिन्न पहलू जैसे दुकान का स्थान, खुलने और बंद होने का समय आदि, मालिक की आय का निर्धारण करते हैं। दवाओं की थोक आपूर्ति करना भी एक उपयुक्त विकल्प है यदि आप मेडिकल दुकान/दवा स्टोर मालिकों के साथ अच्छे संबंध स्थापित कर सकते हैं।
8) मेडिकल राइटर: बैचलर ऑफ फार्मेसी करने के बाद मेडिकल स्क्राइब, मेडिकल कोडर्स या मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन के रूप में कार्य किया जा सकता है और उन्हें मेडिकल से संबंधित दस्तावेज आदि लिखने की भी आवश्यकता हो सकती है।
उपलब्ध डिग्री और कोर्सेज
इस क्षेत्र में बेचलर ऑफ फार्मेसी (बी फार्मा), मास्टर ऑफ फार्मेसी, डॉक्टर ऑफ फार्मेसी, फार्मास्युटिकल मैनेजमेंट में एमबीए, फार्मेसी प्रथाओं और ड्रग स्टोर प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, फार्मेसी प्रक्टिसेस और ड्रग स्टोर मैनेजमेंट में पोस्ट-ग्रेजुएट डिप्लोमा, डिप्लोमा – क्लिनिकल रिसर्च, डिप्लोमा – ड्रगस्टोर प्रबंधन इत्यादि डिग्रियां और कोर्सेज उपलब्ध है।
फार्मेसी एजुकेशन के शीर्ष कॉलेज (NIRF के अनुसार)
1) जामिया हमदर्द, नई दिल्ली, 2) नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, हैदराबाद, 3) पंजाब यूनिवर्सिटी, 4) नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, मोहाली, 5) बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी
आगे क्या होगा
समय के साथ इस क्षेत्र में कॉम्पिटिशन काफी बढ़ गया है, और आज नए युग के फार्मेसी उद्योग में, उम्मीदवारों को मुख्य तकनीकी ज्ञान के अलावा कम्प्यूटेशनल और मैनेजमेंट स्किल्स में निपुण होना चाहिए।
आगामी स्वास्थ्य समस्याओं की भविष्यवाणी करने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा अधिक से अधिक नई तकनीकों का उपयोग करने के साथ, फार्मा क्षेत्र भी पारंपरिक होने से अत्यधिक टेक्नोलॉजी-ड्रिवन क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है।