दिल्ली के मालवीय नगर थाना क्षेत्र में बकाया वेतन मांगने पर बिल्डर के गुर्गों की पिटाई से घायल कामगार ने बीते 23 दिसंबर को दम तोड़ दिया। पिछले चार माह से उसका साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में इलाज चल रहा था।
चार माह बाद भी नहीं हुई गिरफ्तारी
स्वजन का आरोप है कि इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार तो कर लिया, लेकिन मुख्य आरोपित बिल्डर फरहाज को चार माह बाद भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। दिवाकर बांका, बिहार का रहने वाला था। उसके भाई राज कुमार की शिकायत पर दर्ज एफआइआर में कहा गया है कि वह अपने भाई दिवाकर, रोहित और मंटू के साथ फरवरी में ठेकेदार आसिफ के साथ पंचशील विहार में एक प्रापर्टी पर बतौर राज मिस्त्री और कामगार था।
आसिफ पर दिवाकर का 25 हजार रुपये मजदूरी का बकाया था। दिवाकर ने कई बार ठेकेदार आसिफ और उसके भाई मुस्तकीम से पैसे की मांग की, लेकिन वे पैसे देने को तैयार नहीं हुए। बार-बार पैसों मांगने पर 28 अगस्त को आसिफ व मुस्तकीम ने राज कुमार और दिवाकर को पैसों का हिसाब करने को बुलाया।
पुलिसकर्मियों के सामने दिवाकर पर हमला
वहां कहासुनी होने पर पुलिस पहुंची और सभी को साईं बाबा मंदिर खिड़की एक्सटेंशन स्थित चौकी ले आई। बिल्डर फरहाज भी चौकी आ गया। उसने पैसे देने के लिए दो दिन का समय मांगा। चौकी के बाहर निकलते ही मुस्तकीम, आफिस, मुतर्रफ, बल्ल्लभ, मंसूर व अन्य ने दिवाकर को पकड़ कर जमीन पर पटक दिया और सड़क किनारे से पत्थर उठा सिर पर मारना शुरू कर दिया। आरोप है कि पुलिसकर्मियों के सामने दिवाकर पर हमला हुआ, लेकिन पुलिसकर्मियों ने बिल्डर, ठेकेदार व अन्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
दिवाकर की पिटाई करते देखकर राज कुमार और रोहित ने जब बीच बचाव की कोशिश की तो उन्हें भी पीटा गया। इसके बाद घायल दिवाकर को मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस का कहना है कि मुस्तकीम, आसिफ और मुतर्रफ को गिरफ्तार कर आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है। मारपीट के दौरान बिल्डर मौके पर मौजूद नहीं था।