चीन बीते 4 दशक से विश्व की सप्लाई चेन का केंद्र रहा है। लेकिन, अब भारत समेत पांच देश उसका विकल्प बन रहे हैं। इनमें वियतनाम, मलेशिया, बांग्लादेश और थाईलैंड शामिल हैं। खासकर भारत चीन को कड़ी चुनौती दे रहा है।
भारत में श्रमिकों की भारी तादाद साथ-साथ मैन्युफैक्चरिंग का अनुभव भी है। सरकार भी उद्यगों को तेजी से बढ़ाने के पक्ष में है, निर्यात करना भी आसान है। 2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन से व्यापार युद्ध शुरू किया था। इसके बाद से ही चीन सप्लाई चेन के मामले में पिछड़ता जा रहा है।
कोरोना से चीन को हुआ नुकसान
मार्केट रिसर्च फर्म फॉरेस्टर के शोध निदेशक आशुतोष शर्मा ने कहा कि अमेरिका जितना चीन का नुकसान नहीं कर पाया, उससे कहीं अधिक नुकसान कोरोना से हुआ है। ट्रम्प ने चीन पर भारी टैरिफ लागू किए थे। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी छूट नहीं दी। अब चीन से आयात होने वाली गाड़ियों की भी जांच के आदेश दिए हैं।