नए साल 2023 में भारत की अध्यक्षता में G-20 सम्मेलन आयोजित होंगे। पहली बार भारत को G-20 सम्मेलनों की अध्यक्षता का अवसर मिला है। इसमें यूपी का अहम रोल रहेगा। UP के 4 शहरों को G-20 सम्मेलनों की अगुवाई के लिए चुना गया है।
मेरठ मंडल के ग्रेटर नोएडा सहित आगरा, लखनऊ और वाराणसी में G-20 के सम्मेलन होंगे। इसमें प्रधानमंत्री सहित G-20 में शामिल देशों के डेलिगेशन और उच्चाधिकारी भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ मंडल की कमिश्नर सेल्वा कुमारी सहित अन्य अफसरों को बुधवार को दिशा-निर्देश भी दिए।
1. ब्रांड यूपी’ से कराएं दुनिया का परिचय
यूपी के जिन 4 शहरों में ये G-20 सम्मेलन होंगे वहां ब्रांड यूपी से दुनिया को परिचित कराना है। उत्तर प्रदेश के व्यापार, उद्योग, हस्तकला, संस्कृति, खानपान, शैली, संस्कृति और शिक्षा से लेकर यूपी के हुनर को दिखाना है। सम्मेलन स्थलों पर ब्रांड यूपी के नाम से प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इन प्रदशनियों में यूपी के प्रमुख औद्योगिक आयटम और उत्पादों को रखा जाएगा। इसमें ODOP के तहत आने वाले उत्पादों को विशेष तौर पर स्थान दिया जाएगा।
2. जी-20 के लोगो से होगा विभागीय पत्राचार
मेरठ कमिश्नर ने कहा कि अब सभी विभागीय पत्राचार एवं प्रत्येक कार्यक्रम में जी-20 लोगो लगाया जाए। जी-20 सम्मेलनों की मेजबानी वाले शहरों को भव्य स्वरूप दिया जाए। शहर में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक महत्व वाली विरासतों पर आकर्षक लाइटिंग की जानी चाहिए। अतिथियों के भ्रमण रूट पर दीवारों पर प्रदेश की संस्कृति को दर्शाने वाले चित्रों को प्रदर्शित किया जाए। भारत की योग परंपरा को आज पूरी दुनिया अपना रही है, ऐसे में सूर्य नमस्कार के विभिन्न मुद्राओं को प्रदर्शित करती हुई प्रतिमाएं लगाई जा सकती हैं।
3 मेहमानों पर होगी फूलों की बारिश
इन सम्मेलनों के लिए आयोजन स्थलों पर विशेष फूलों से सजावट की जाएगी। मेहमानों पर फूलों की बारिश की जाएगी। मोहक साज-सज्जा भी की जाएगी। डेलीगेट्स की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। मेडिकल इमरजेंसी, ट्रैफिक आदि के संबंध में भी आवश्यक व्यवस्था की जाए। अतिथियों के भोजन में उत्तर प्रदेश की विविधतापूर्ण खान-पान संस्कृति का समावेश होना चाहिए।
4. हर शहर में होगा थीम आयोजन
सभी चार शहरों में होने वाले आयोजन में स्थानीय संस्कृति को थीम बनाया जाए। जैसे, राजधानी लखनऊ में अवध संस्कृति, आगरा में ब्रज संस्कृति, रंगोत्सव, वाराणसी में गंगा संस्कृति को थीम बनाकर कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। प्रदेश आगमन पर पुष्प वर्षा के साथ अतिथियों का स्वागत किया जाए। स्थानीय सांस्कृतिक समूहों, स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लें। राजधानी लखनऊ में एक ‘जी-20 पार्क’ की स्थापना की जानी चाहिए।
5. डेलीगेट्स की सुरक्षा सबसे जरूरी
हर डेलीगेट्स के साथ एक लाइजनिंग अधिकारी की तैनाती की जाए। लाइजनिंग अधिकारी की विधिवत ट्रेनिंग कराई जाए।हर प्रकार के बाह्य और आतंरिक सुरक्षा की आशंकाओं के दृष्टिगत कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किये जाए। साइबर अपराध के प्रयासों पर भी नजर रखी जाए। अग्निशमन के लिए मानक अनुरूप इंतजाम होने चाहिए। बेहतर सर्विलांस, इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर काम किया जाए।
इन बिंदुओं पर होगी विशेष तैयारी, युवाओं को जोड़ने पर विशेष काम हो
व्यापक जनसहभागिता से ही यह सम्मेलन अपने उद्देश्यों में सफल होगा। जी-20 आयोजन से अधिकाधिक युवाओं को जोड़ा जाना चाहिए। विश्वविद्यालयों में इस विषय पर विशेष चर्चा-परिचर्चा आयोजित की जानी चाहिए। आयोजन वाले सभी चार शहरों में प्रदेश के युवा चित्रकारों के चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई जाए। इसके अलावा, पुस्तक मेला, योग चैलेंज, क्राफ्ट मेला, स्कूल स्तर पर नृत्य एवं संगीत प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाए। स्थानीय प्रतिष्ठानों, सार्वजनिक वाहनों पर जी-20 की ब्रांडिंग की जाए। ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित कार्यक्रमों के आयोजन में तीनों स्थानीय विकास प्रधिकारणों को भी जोड़ा जाए।
एक सप्ताह पहले से सफाई हो
जिन शहरों में सम्मेलन होने हैं, वहां कार्यक्रम की तिथि से एक सप्ताह पूर्व स्वच्छता का विशेष अभियान चलाया जाए। इन शहरों को प्लास्टिक फ्री बनाने का प्रयास हो। जनप्रतिनिधियों का सहयोग लें, जनसहभागिता को बढ़ाएं।
ग्लोबल स्टैंडर्ड की इंटरनेट कनेक्टिविटी होगी
इंटरनेट कनेक्टिविटी की बड़ी भूमिका होगी। कार्यक्रम स्थल पर ग्लोबल मानकों के अनुरूप हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध हो। वैकल्पिक व्यवस्था भी रखी जाए।