PM की मां के निधन पर मुनव्वर भावुक:शायर राणा बोले- किसी की मां के जाने पर लगता है मेरी मां चली गई

पीएम मोदी की मां हीरा बा का शुक्रवार का निधन हो गया। लखनऊ में मशहूर शायर मुनव्वर राणा निधन की खबर सुनकर भावुक हो गए। उन्होंने कहा, “किसी की भी मां के जाने पर मुझे लगता है कि मेरी मां चली गई।

पीएम की मां के निधन पर कहा, मोदी जी अब आप संभल के चलिए क्योंकि अब मां नहीं है,जिन की दुआएं आपको बचा लिया करती थी।” मुनव्वर राणा ने मां पर लिखी अपनी किताब 25 मार्च 2017 को पीएम मोदी को भेंट की थी।

सवाल: पीएम मोदी की मां का निधन हो गया है। इस पर आप क्या कहेंगे?

जवाब: मुझे जब से मालूम हुआ मेरे पास शब्द नहीं है। इसलिए मेरा ख्याल है कि मां को लेकर मेरा और मोदी जी का बंटवारा अभी तक नहीं हुआ है। मेरी मां का 2017 में निधन हुआ। हालांकि मैं कोई ऐसी शख्सियत नहीं था। मगर, इसके बावजूद पीएम मोदी ने मेरी मां के जाने पर शोक संवेदना का पत्र रायबरेली घर पर भेजा था।

सवाल: आप पीएम मोदी से मिले हैं आपने मां पर पुस्तक की भेंट की थी?

जवाब: मुझे याद है कि इससे पहले कई बार मुझे मिलने की दावत दी गई लेकिन मैं नहीं गया। लेकिन मैं उनका कर्जदार हो गया तो फिर मैं उनसे मिलने एक बार गया था। मैंने जब उन्हें मां पर लिखी किताब भेंट की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा अहमदाबाद में ही मैं किताब पढ़ चुका हूं। बहुत अच्छी किताब है। इस दौरान मां पर गुफ्तगू भी होती रही।

सवाल: पीएम मोदी को लेकर मां पर जुड़ा कोई किस्सा आपको याद है?

जवाब: जब मेरी मुलाकात हुई थी तब मैंने उनसे यह बात कही थी। जब प्रधानमंत्री की शपथ लेने लिए जा रहे थे। दुनिया देख रही थी। आपकी मां कमजोर जिनके हाथ थे, जो कभी आपको थपक से सुला देती रही होंगी। वहां कितने कमजोर थे जो शायद आप के तकिए के गिलाफ चढ़ाने में रहे होंगे। अपने कमजोर हाथ से मिठाई खिलाई थी। सौ, पचास रुपए सगुन के वह आपकी जेब में रखें होंगे।

मैं अपने आप को 6-7 वर्ष का बच्चा समझ रहा था। यह तमाशा मैं देख रहा था मुझे बहुत अच्छा लगा। तब मेरे दिल से यहीं दुआ निकली खुदा इनकी मां को सलामत रखें। किसी की भी मां बच जाए तो मुझे तो यही लगता है कि मेरी मां सलामत है। आज तक मेरा यही रहा। शायद मेरी शायरी का यही सबाब भी है। यही मेरी शायरी, यही मेरी शायरी का मोल भी है। यही मेरी शायरी मुझे जन्नत के जख्म में ले जाएगी।

सवाल: इस दुःख की घड़ी में पीएम मोदी से कोई बात कहना चाहते हैं?

जवाब: जब मुझे मालूम हुआ तो तकलीफ हुई।अब पीएम मोदी सचमुच में अकेले हो गए। यह फौज यह हुकुम आते सत्ताधारी यह खुशामद करने वाले, तारीफ करने वाले पर लिखी कहावत है उसको हम मोदी साहब के नाम कर सकते हैं। “मोदी जी अब आप संभल के चलिए क्योंकि अब तो वह मां भी नहीं रही, जिनकी दुआ है आपको बचा लेती थी। अब आप को होशियार रहकर जिंदगी गुजारनी पड़ेगी।” भगवान उनको स्वर्ग में स्वर्ग में जगह दे। उनके नेक करने के लिए आपको तरक्की दे। एक अच्छे बादशाह साबित हो।

सवाल: मां पर लिखी कोई शायरी आपको याद आ रही हो?

जवाब: यह शेर कहने का मौका नहीं है। यह गम जो है खुद एक शायरी है। मिलने की तमन्ना आए हैं। आवाज आती है किसी की बीमा जाती है मुझे लगता है कि फिर से मेरी मां जा रही हो। खुदा उसकी मां न छीने आना जाना तो लगा रहता है।