जापान गांवों में बसने के लिए पैसे दे रहा:हर बच्चे के हिसाब से 6 लाख रुपए, फिर भी लोग शहर छोड़ने तैयार नहीं

जापान में तेजी से बढ़ती आबादी के चलते सरकार राजधानी टोक्यो सहित अन्य महानगरों को छोड़ने के लिए हर बच्चे के हिसाब से 6 लाख 36 हजार रुपए दे रही है, ताकि वे ग्रामीण इलाकों में जाकर अपना आशियाना बना सकें।

जापान की सरकार का कहना है कि युवा पेरेंट्स अगर टोक्यो छोड़कर कहीं और बसते हैं तो उन्हें दूसरी सुविधाएं भी दी जाएंगी। सरकार को उम्मीद है कि साल 2027 तक 10 हजार लोग टोक्यो से ग्रामीण इलाकों में चले जाएंगे।

भारत, चीन, जापान बढ़ती आबादी से परेशान
दुनिया के कुछ देश बढ़ती आबादी से परेशान हैं। इनमें भारत, चीन और जापान जैसे देश शामिल हैं। राजधानी दिल्ली से लेकर बीजिंग और टोक्यो में लोगों की आबादी लगातार बढ़ती जा रही है। इस बढ़ती आबादी को कम करने के लिए जापान सरकार ने दिलचस्प और अनोखा तरीका आजमाया है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, टोक्यो दुनिया का सबसे बड़ा शहर है, जिसकी आबादी करीब 3.8 करोड़ है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जापान की आबादी में तेजी से बदलाव नजर आ रहा है। बच्चों की संख्या तेजी से घट रही है और 65 से ज्यादा उम्र वाले लोगाें की संख्या बढ़ रही है। इतना ही नहीं, सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद बच्चों की संख्या नहीं बढ़ रही है।

गांवों में चाइल्डकेयर तक आसान पहुंच बनाई
जापान के खाली हो चुके कस्बों और गांवों में ग्रामीण जीवन के प्रति लोगों को आकर्षित किया जा रहा है। इसके लिए चाइल्डकेयर तक आसान पहुंच बनाई गई है। नागानो प्रांत के ओटारी गांव में कितने लोग रह रहे हैं। इन क्षेत्रों को फिर से मजबूत करने के लिए नए सिरे से प्रयास किए जा रहे हैं।

शहर छोड़कर जाने वालों को रोजगार में मदद
जो लोग शहर छोड़कर जा रहे हैं, सरकार उन्हें रोजगार जमाने के लिए भी आर्थिक मदद दे रही है। हालांकि साल 2021 में सिर्फ 2 हजार 400 लोगों ने यह स्कीम चुनी है। यानी टोक्यो की आबादी के कुल 0.006% लोगों ने ही अब तक ये प्लान चुना है।