हरियाणा के रोहतक स्थित PGI के कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर (CMO) को रिश्वत लेते हुए शुक्रवार देर शाम को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी डॉक्टर ने MLR में जानलेवा हमले की धारा 307 हटवाने के एवज में 2 लाख 30 हजार रुपए की मांग की थी, लेकिन जब पीड़ित ने बातचीत की तो डेढ़ लाख में मान गया।
विजिलेंस के DSP सुमित कुमार ने बताया कि सनसिटी निवासी मनदीप हुड्डा ने शिकायत दी थी कि एक जनवरी को दिल्ली बाईपास पर एक होटल में पार्टी करते समय उसका झगड़ा हो गया था। दूसरा पक्ष पीजीआई के डॉक्टर ही थे। दोनों तरफ से अर्बन एस्टेट थाना में लड़ाई झगड़े का मामला दर्ज करवाया।
विपक्षी पार्टी की चोटों को दिखाया जानलेवा
इस लड़ाई झगड़े के दिन ट्रामा सेंटर में दूसरी पार्टी चोट लगने के कारण आई थी, जिसमें उस समय ड्यूटी पर तैनात सीएमओ डॉ. इमरान खान थे। उन्होंने दूसरी पार्टी के फेवर में चोटों को जानलेवा दिखाया, ताकि उनकी FIR में धारा 307 जुड़ जाए और मामला गंभीर लगे।
डेढ़ लाख में हुआ सौदा
वहीं शिकायतकर्ता से डॉक्टर ने धारा 307 हटाने के लिए पहले 2 लाख 30 हजार रुपए की डिमांड की थी। मगर बाद में डेढ़ लाख में सौदा तय हुआ। शिकायत पर विजिलेंस ने टीम बनाई। वहीं रोहतक पीजीआई के पीछे पार्किंग में पैसे लेने के लिए डॉक्टर पहुंचा। वहां से विजिलेंस ने आरोपी डॉक्टर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
अन्य रिश्वतखोर डॉक्टरों का भी लगाया जा रहा पता
विजिलेंस के DSP सुमित कुमार ने कहा कि इस मामले में गहनता की जांच की जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि पीजीआई में और कौन-कौन से डॉक्टर इस तरह का काम कर रहे हैं। जो रिश्वत के पैसे लेकर एमएलआर में गड़बड़ी करते हैं और धाराओं को घटाते व बढ़ाते हैं।
रोहतक पीजीआई से पास की थी MBBS
आरोपी डॉक्टर इमरान खान ने रोहतक पीजीआई से ही MBBS की डिग्री पास की थी। 2009 बैच के MBBS रहे डॉ. इमरान खान पढ़ाई के बाद वर्ष 2018 में बतौर मेडिकल ऑफिसर रोहतक पीजीआई के ट्रामा सेंटर में ही तैनात हो गए।