भारत की इकोनॉमी के 31 मार्च 2023 को खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष में 7% की दर से बढ़ने की उम्मीद है। इस बात की जानकारी शुक्रवार (6 जनवरी) को नेशनल स्टेटिस्टिक्स ऑफिस ने दी है। 2022-23 के लिए नेशनल इनकम का यह पहला एडवांस एस्टिमेट बेहद जरूरी है। क्योंकि, इस डेटा का यूज 2023-24 के अगले वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र सरकार के बजट को तैयार करने में किया जाता है।
बीते 5 सालों में अर्थव्यवस्था के हाल
साल | GDP ग्रोथ |
2018-19 | 6.5% |
2019-20 | 3.7% |
2020-21 | -6.6% |
2021-22 | 8.7% |
2022-23 (अनुमान) | 7.0% |
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के खराब प्रदर्शन के कारण आएगी गिरावट
NSO ने कहा है कि 2021-22 में 8.7% की तुलना में 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7% बढ़ने की उम्मीद है। यह गिरावट मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के खराब प्रदर्शन के कारण आएगी।
ऑर्गेनाइजेशन ने कहा, ‘वर्ष 2022-23 में स्थिर (2011-12) कीमतों पर रियल GDP और GDP 157.60 ट्रिलियन रुपए अनुमानित है। जबकि, 31 मई 2022 को जारी वर्ष 2021-22 के लिए GDP का प्रोविजनल एस्टीमेट 147.36 ट्रिलियन रुपए था।’
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का आउटपुट घटकर 1.6% रहने का अनुमान
NSO ने आगे कहा, ‘वित्त वर्ष-22 में 9.9% की ग्रोथ के मुकाबले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का आउटपुट घटकर 1.6% रहने का अनुमान है। 2022-23 के दौरान नोमिनल GDP में ग्रोथ 2021-22 में 19.5% की तुलना में 15.4% अनुमानित है।
FY23 में ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाएं जैसी इंडस्ट्रीज के FY22 की तुलना में अनुमानित 13.7% के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाला सेक्टर होने की उम्मीद है।
फिफ्टी-फिफ्टी… 4 सेक्टर सुस्त, 4 चुस्त
इंडस्ट्री | 2022-23 (अनुमान) | 2021-22 |
कृषि | 3.5% | 3% |
यूटिलिटी | 9.0% | 7.5% |
ट्रेड, ट्रांसपोर्ट और होटल आदि | 13.7% | 11.1% |
रियल एस्टेट | 6.4% | 4.2% |
पब्लिक एडमिन | 7.9% | 12.6% |
माइनिंग | 2.4% | 11.5% |
निर्माण | 9.1% | 11.5% |
मैन्युफैक्चरिंग | 1.6% | 9.9% |
RBI ने रियल GDP ग्रोथ में 6.8% का अनुमान लगाया था
पिछले महीने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष के लिए देश के ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) के विकास के अनुमान को 7% से घटाकर 6.8% कर दिया था, जो कि जारी जियोपॉलिटिकल टेंशन और ग्लोबल फाइनेंशियल कंडीशंस के कड़े होने के कारण था।
RBI ने 2022-23 के लिए रियल GDP ग्रोथ 6.8%, तीसरी तिमाही में 4.4% और चौथी तिमाही में 4.2% रहने का अनुमान लगाया था। इसने दिसंबर 2022 में तीसरी बार 2022-23 के लिए विकास अनुमान को पार किया था।
इस साल की शुरुआत में अर्थशास्त्रियों ने इस वित्तीय वर्ष में भारत की विकास दर के लिए अपने अनुमानों को लेटेस्ट गवर्नमेंट प्रोजेक्शन के आसपास तक घटा दिया था। तब उन्होंने एक्सपोर्ट्स में कमी और हाई इन्फ्लेशन के जोखिम से परचेसिंग पावर में कमी का हवाला दिया था।
भारत के दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी बने रहने की उम्मीद
इसके बावजूद इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (OECD) ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, केवल सऊदी अरब को छोड़कर G-20 देशों के बीच भारत के दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी बने रहने की उम्मीद है।