अयोध्या में गायक गौरीशंकर दास गवैया का रविवार देर रात निधन हो गया। वह 85 साल के थे। वह लंबे समय से बीमार थे। आज अंतिम यात्रा सुबह 11 बजे निकाली जाएगी। 6 जनवरी को उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया था। इसके बाद उन्हें लखनऊ में राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। रविवार को ही उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था। इसके बाद उन्हें अयोध्या में गोलाघाट स्थित आश्रम लाया गया था। जहां देर रात उनका निधन हो गया।
30 साल से कनक भवन में संगीत कर रहे थे
गायक गौरीशंकर दास गवैया महाराज प्रसिद्ध पखावज वादक रामशंकर दास उर्फ पागल दास के गुरू भाई हैं। उन्होंने अपने जीवन में कम से कम 30 साल कनक भवन को अपना संगीत समर्पित किया। अस्वस्थ होने के कारण पिछले कुछ साल वे गोलाघाट स्थित आश्रम में ही शिष्यों को शास्त्रीय संगीत की शिक्षा दे रहे थे। साल 2022 में गौरी शंकर दास को सम्मानित किया गया था।
गौरीशंकर दास के स्वास्थ्य से महंत चिंतित
श्रीरामवल्लभाकुंज के प्रमुख और अयोध्या तीर्थ विवेचिनी सभा के अध्यक्ष स्वामी राजकुमार दास,लक्ष्मण किला के महंत मैथिलरमण शरण, नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास, हनुमत निवास के महंत डॉक्टर मिथिलेश नंदिनी शरण, मंगल भवन के महंत राम भूषण दास कृपालु, जगदगुरू रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य, सनकादिक आश्रम के महंत डाक्टर संतोष दास योगी और सियाराम किला के महंत करूणा निधान शरण, मधुकरी संत एमबी दास ने गौरीशंकर दास महाराज के निधन पर गहरा दुख जताया हैl
साल 2022 में मिला था सम्मान
गौरी शंकर दास (गवैया) को अयोध्या के पौराणिक गुरुपीठ तिवारी मंदिर के परिसर में स्थापित वशिष्ठ फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत गिरीश पति त्रिपाठी के संयोजन में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव मुख्य अतिथि चंपत राय, बिंदुद्याचार्य स्वामी देवेंद्रप्रसादाचार्य एवं अयोध्या के विशिष्ट संतो महंतों की उपस्थिति में दोनों महापुरुषों को सम्मानित किया गया था।
वशिष्ठ सम्मान सनातन धर्म के प्रचार प्रसार एवं संस्कृति की रक्षा करने वाले विशिष्ट महापुरुषों एवं बृजनंदन ब्रह्मचारी सम्मान सामाजिक क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले मूर्धन्य महापुरुषों को दिया जाता है।सम्मान समारोह में वृजनंदन ब्रह्मचारी सम्मान के गौरी शंकर दास (गवैया) को 11000 रुपए के सम्मानित किया गया था।