महोबा के कबरई के क्रेशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के मामले में जेल में बंद निलंबित आईपीएस मणिलाल पाटीदार को रिश्वत लेने के मामले में तकनीकी आधार पर जमानत मिल गई है। पाटीदार की अर्जी पर भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश लोकेश वरुण ने जमानत मंजूर कर ली है। जबकि अन्य मामलों में मणिलाल पाटीदार जेल में ही रहेंगे।
दरअसल, आपको बता दें कि वर्ष 2020 के 8 सितंबर को क्रेशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की गले में गोली लगने के बाद 13 सितंबर को मौत हो गई थी। घटना के एक दिन पहले क्रेशर कारोबारी ने अपना वीडियो वायरल कर महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर 6 लाख रुपये रिश्वत मांगने और ना देने पर हत्या करवा देने की धमकी का आरोप लगाया था। वहीं मृतक व्यापारी का जुआ खेलता वीडियो महोबा के एक यूट्यूब पोर्टल में चलवाकर दबाब बनाने का काम भी किया गया था। जिसके बाद इन्द्रकांत त्रिपाठी की गोली लगने से हुई मौत के मामले में महोबा ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में हड़कंप मच गया था।
इस मामले में गठित एसआईटी की जांच में महोबा के तत्कालीन एसपी और कबरई थाना प्रभारी सहित पांच लोगों पर आत्महत्या के लिए उकसाने और भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए थे। साथ ही जांच के दायरे में उक्त यूट्यूब चैनल का जिक्र भी एसआईटी ने किया था। तो वहीं दूसरी तरफ इसके अलावा ट्रकों से अवैध वसूली मामले में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के ट्रांसपोर्टर पीपी पांडे ने भी पूर्व आईपीएस के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कराया था। इसकी जांच उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान कानपुर द्वारा की जा रही थी। इसी दौरान कानपुर की सतर्कता अनुष्ठान ने भी एक लाख रुपये के इनामी रहे निलंबित आईपीएस मणिलाल पाटीदार पर भ्रष्टाचार सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
पिछले साल 15 अक्टूबर को किया था कोर्ट में आत्मसमर्पण
निलंबित आईपीएस तकरीबन दो वर्ष तक फरार रहा और वर्ष 2022 के 15 अक्टूबर को लखनऊ की कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था, तभी से जेल में बंद मणिलाल पाटीदार को अब एक मामले में जमानत मिलने से थोड़ी राहत मिली है। बताया जाता कि उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में 60 दिन बीत जाने के बाद भी आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया। इसी के चलते न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम न्यायालय संख्या 9 लखनऊ के लोकेश वरुण ने लगाए गए आरोपों में 10 वर्ष से कम सजा होने और निर्धारित समय से आरोप पत्र दाखिल न किए जाने पर जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए अभियुक्त को एक लाख के मुचलके पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया है। जेल में बंद मणिलाल पाटीदार को एक मामले में जमानत मिलने से राहत मिली है, जबकि अन्य मामलों में महोबा का तत्कालीन एसपी जेल में ही रहेगा।
क्रेशर व्यापारी के भाई पुलिस की मिलीभगत का लगाया आरोप
वहीं इस पूरे मामले को लेकर क्रेशर व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी के भाई विजय त्रिपाठी का कहना है कि मणिलाल पाटीदार को मिली जमानत कहीं ना कहीं सतर्कता अधिष्ठान पुलिस की मिलीभगत है, उन्हें शक है कि जानबूझकर समय से आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया, जिसके कारण मणिलाल पाटीदार को जमानत मिल गई है। इस पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करने की बात कही है। उन्होंने समय से आरोप पत्र न दाखिल होने पर जांच की भी मांग की है। उनका आरोप है कि सतर्कता अधिष्ठान पुलिस मणिलाल पाटीदार की मदद कर रही है। उनके द्वारा सतर्कता अधिष्ठान पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।