उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के दौरान खजूरी खास क्षेत्र में उपद्रव करने, रेहड़ी और कार जलाने समेत छह मामलों में दो दोषियों द्वारा जेल में 76 दिन बिताने की अवधि को सजा मानते हुए कड़कड़डूमा कोर्ट ने उन्हें 100-100 रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया है। मुख्य महानगर दंडाधिकारी शिरीष अग्रवाल के कोर्ट ने आदेश में कहा कि दोनों ही दोषियों ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया था। ऐसे में नरमी दिखाते हुए उन्हें यह सजा दी गई है।
दंगाइयों ने 24 फरवरी, 2020 को खजूरी खास की वजीराबाद रोड की सर्विस लेन पर लूटपाट के बाद सुभाष मोहल्ला निवासी राजकुमार की फल की चार रेहड़ियों को जला दिया था। इसी तरह इसी रोड पर टाइल्स की दुकान के सामने चांद बाग निवासी इकराम की दो रेहड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया था। खजूरी खास क्षेत्र में ही धर्मपुरा गांधी नगर निवासी सतीश कुमार जैन की कार को दंगाइयों ने भजनपुरा ट्रैफिक सिग्नल के पास जला दिया था।
इसी तरह की तीन अन्य घटना को अंजाम दिया था। हर घटना की अलग-अलग प्राथमिकी पंजीकृत हुई थी। इन छह मामलों में पुलिस ने प्रशांत मल्होत्रा उर्फ गोलू और गौरव उर्फ कमल को आरोपित बनाया था। इन मामलों में पिछले साल अगस्त व सितंबर में दोनों आरोपितों ने जुर्म स्वीकारा था, इस पर कोर्ट ने इनको दोषी करार दिया था। इन छह मामलों में सजा तय करने को लेकर सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट के समक्ष अधिकतम सजा देने का अनुरोध किया।