विधानसभा स्पीकर्स सम्मेलन:सीपी जोशी बोले- हम कार्यपालिका की तानाशाही से शासित हो रहे,विधानसभा स्पीकर हेल्पलेस हैं

राजस्थान विधानसभा के स्पीकर डॉ सीपी जोशी ने कहा है कि आज ससंदीय लोकतंत्र के सामने कई चुनौतियां हैं। आज हम कार्यपालिका की तानाशाही से शासित हो रहे हैं। विधानसभा सदनों की बैठकें ही कम हो रही हैं तो सरकारों को जवाबदेह कौन बनाएगा। जब विधानसभा की बैठकें ही कम होंगी तो अकाउंटेबिलिटी उतनी नहीं रहेगी। संसद और विधानसभाओं में चर्चा नहीं होगी तो वे अप्रासंगिक हो जाएंगी। कानून बनाने की प्रक्रिया पर न बोलें तो ही बेहतर हैं। कानून बनाने में विधायकों की भूमिका कितनी है, सब जानते हैंं। सीपी जोशी विधानसभा स्पीकर्स के सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। जोशी ने कहा- विधानसभा स्पीकर तो हेलपलेस है। विधानसभा के स्पीकर तो केवल रेफरी हैं। स्पीकर विधानसभा नहीं बुला सकते हैं, यह काम सरकार करती है। दुर्भागय यह है कि हम केवल हाउस चलाते हैं, बाकी कोई पावर नहीं हैं, स्पीकर हेल्पलेस है। सीएम से कहना चाहता हूं कि विधानमंडल को वित्तीय स्वायत्तता दी जाए। सीएम आज आदर्श पेश कर नई शुरुआत करें।

राजस्थान विधानसभा में आज से दो दिन तक अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन (AIPOC) हो रहा है। इसमें देश भर के विधानसभा और विधान परिषद स्पीकर्स भाग ले रहे हैं। उपराष्ट्रपति उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला अध्यक्षता कर रहे हैं। इस सम्मेलन में आज और कल देश भर से आए विधान सभा और विधान परिषदों के अध्यक्ष जी-20 से लेकर विधायिका और न्याय पालिका में टकराव रोकने के मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

विधानसभा स्पीकर्स के नाम आने वाले कोर्ट नोटिस और कॉलेजियम का मुद्दा उठेगा

सम्मेलन के दौरान कल ​अदालतों से टकराव रोकने को लेकर होने वाले सेशन पर सबकी निगाहें रहेंगी। इस सेशन में विधानसभा स्पीकर्स को विधायकों के दल बदल और इस्तीफों के मामले में हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट से मिलने वाले नोटिस का मुद्दा उठेगा। राजस्थान विधानसभा स्पीकर से भी हाईकोर्ट विधायकों की याचिकाओं पर जवाब मांग चुका है। विधानसभा स्पीकर्स को जारी होने वाले कोर्ट नोटिस पर टकराव हो चुका है। दल बदल कानून के तहत विधायकों को अयोग्य ठहराने पर फैसला स्पीकर्स करते हैं, ये मामले कोर्ट में भी जाते हैं और यही टकराव का कारण बनते हैं। कई प्रदेशों में इस तरह के मkeys हो चुके हैं। कल के सेशन में इस पर चर्चा होगी। कॉलेजियम से जजों के चयन का सिस्टम बदलने पर भी चर्चा होगी।

इन मुद्दों पर होगी चर्चा

विधानसभा और विधान परिषद स्पीकर्स के सम्मेलन में दो दिन जी-20 में भारत का नेतृत्व, संसद और विधानमंडलों को प्रभावी, जवाबदेह और उपयोगी बनाने की आवश्यकता, डिजिटल संसद के साथ राज्य विधानमंडलों को जोड़ना और विधायिका, न्यायपालिका के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने की आवश्यकता पर अलग अलग सेशन में चर्चा होगी।