Bathua Winter Benefits: सर्दियों में क्यों ज़रूर खाना चाहिए बथुआ? जानें इसके अनेक फायदे…

 Bathua Winter Benefits: सर्दी के मौसम में बाज़ार में आपको खूब सारी हरी सब्ज़ियां दिख जाएंगी। ठंड में हरी सब्ज़ियां खाना ज़रूरी भी होता है, ताकि आपका शरीर सर्दी, खांसी और फ्लू से बच सके। सर्दियों में हरी सब्ज़ियों को डाइट शामिल करना इसलिए महत्वपूर्ण होता है। मेथी, पालक, और सरसों इनमें पॉपुलर हैं, लेकिन बथुआ भी आपकी सेहत को बनाए रखने का काम करता है।

बथुआ पोषण से भरपूर सब्ज़ी होती है, जो ठंड के मौसम में मिलती है। इसे दूसरी सब्ज़ी के साथ मिलाकर बनाया जा सकता है। तो आइए जानें कि इसके फायदे क्या हैं?

बथुआ खाने के फायदे क्या हैं?

बथुए की पत्तियां पालक जैसी ही होती हैं और इसे बनाया भी पालक की तरह ही जाता है। तो आइए जानें कि इसे खाने से सेहत को कैसे फायदे मिलते हैं?

1. अमीनो एसिड्स से भरपूर : बथुए की पत्तियों में अमीनो एसिड्स की उच्च मात्रा होती है, जो कोशिकाओं के निर्माण और मरम्मत के लिए महत्वपूर्ण होता है।

2. फाइबर से भरपूर: बथुआ सर्दी के मौसम में आता है। यह फाइबर से भरपूर होता है, इसलिए अगर आप पाचन से जुड़ी दिक्कतों से जूझ रहे हैं, तो इसे ज़रूर खाएं।

3. कैलोरी में कम: सभी हरी सब्ज़ियों की तरह, बथुए में भी कैलोरी की मात्रा कम होती है। इसलिए अगर आप वज़न कम करना चाह रहे हैं, तो डाइट में बथुआ ज़रूर शामिल करें।

4. माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स से भरा: बथुआ कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम और विटामिन ए, सी और बी 6 से भरपूर होता है। यह सभी माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स बथुए को पोषण से भरपूर और सर्दी के लिए ज़रूरी सब्ज़ी बनाते हैं।

डाइट में कैसे शामिल करें बथुआ

1. बथुए का साग ठीक वैसे ही बनता है जैसे पालक या फिर सरसों का साग। आप इसे चावल या फिर रोटी के साथ खा सकते हैं।

2. बथुए को उबाल कर और फिर मैश कर इसे रोटी के आटे में मिलाया जा सकता है। इससे बनाई गई रोटी बेहद पोष्टिक और स्वादिष्ट बनती है।

3. बथुए का पराठा भी इसी तरह बनेगा, बस पराठा थोड़ा मोटा होता है और इसमें घी भी लगाया जाता है।

4. बथुए का रायता भी काफी पसंद किया जाता है। इसके लिए बथुए की पत्तियों को उबाल कर पीस लें और फिर इसे ताज़ा दही में मिला दें। इसमें नमक, मिर्च और भुने ज़ीरे का पाउडर डाल सकते हैं।

बथुआ के नुकसान क्या हैं?

बथुआ ऑक्सेलिक एसिड से भरपूर होता है, इसलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में करना ही ठीक है। ज़रूरत से ज़्यादा बथुआ खाने से किडनी में स्टोन्स हो सकते हैं।