कानून की किताब लेकर LG से मिलने पहुंचे केजरीवाल:CM बोले- शिक्षकों काे प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड जाने से रोका गया; LG ने कहा- आरोप मनगंढ़त

दिल्ली में शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड जाने से राेकने के मुद्दे पर सियासत हो रही है। शुक्रवार को सीएम अरविंद केजरीवाल दिल्ली के LG वीके सक्सेना से मिलने कानून का किताब लेकर पहुंचे। LG से मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम मिलकर काम करना चाहते हैं।

LG से मुलाकात के बाद केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से हम लोग देख रहे हैं कि दिल्ली सरकार के कामों में उनका का हस्तक्षेप बढ़ता ही जा रहा है। इससे दिल्ली के लोगों के काम हो नहीं पा रहे हैं। इसी को लेकर आज उपराज्यपाल से मिलने गया था। मैं देश का संविधान, जीएनसीटी एक्ट समेत क‌ई कानूनों की किताबें लेकर गया था।

केजरीवाल बोले- LG जो कर रहे हैं, वह सब असंवैधानिक है
केजरीवाल ने कहा कि कानून कहता है कि पुलिस, कानून और लैंड उपराज्यपाल का विषय और बाकी का अधिकार चुनी हुई सरकार के पास है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का आदेश कहता है कि ट्रांसफर्स विषयों पर उपराज्यपाल को निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है। इसका मतलब है कि उपराज्यपाल ने जैस्मीन शाह का दफ्तर सील किया, एल्डरमैन बनाए, पीठासीन अधिकारी बनाया, 164 करोड़ की वसूली का आदेश दिया, शिक्षकों को फिनलैंड जाने से रोका वो सब असंवैधानिक है।

वहीं दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कार्यालय ने कहा है कि सीएम केजरीवाल के द्वारा मेरे से मुलाकात के दौरान मेरे हवाले से सुप्रीम कोर्ट सहित कही जा रही सारी बातें मनगढंत है और मैनें ऐसा कुछ नहीं कहा है।

केजरीवाल ने कहा-आप सीधा अधिकारी से फाइल नहीं मंगवा सकते
केजरीवाल ने कहा कि जब मैंने उपराज्यपाल से ये बात की तो उन्होंने कहा कि ये सब सुप्रीम कोर्ट की राय हो सकती है,इसका कोई मतलब नहीं है। मैं दिल्ली का एडमिनिस्ट्रेटर हूं कुछ भी कर सकता हूं। केजरीवाल ने कहा कि मैंने फिर पूछा कि आप सीधा अधिकारी से फाइल नहीं मंगवा सकते, ऐसा कहीं नहीं लिखा है तो उन्होंने कहा कि ये मुझ पर लागू नहीं होता। फिर मैंने पूछा कि आपने एल्डर मैन नियुक्त क्यों किया इस पर उपराज्यपाल ने कहा कि एमसीडी एक्ट में प्रशासक लिखा है। ऐसे तो ऐसे तो शिक्षा और अन्य विभागों के लिए भी लिखा है तो चुनी हुई सरकार क्या करेगी।

CM ने आगे कहा कि मैंने उपराज्यपाल को कोर्ट के और भी आदेश दिखाए तो उन्होंने कहा कि मैं प्रशासक हूं, मेरे पास सुप्रीम पावर है। मैंने उपराज्यपाल को बताया कि सभी विभागों का भुगतान रोक दिया गया है, अधिकारी दबी जुबान में बता रहे हैं ऊपर से आदेश है, उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा नहीं किया। हम फिर से उपराज्यपाल से कहेंगे कि दिल्ली के काम ना रोके, हाथ जोड़ने पड़े तो जोड़ेंगे, कोर्ट जाना पड़ेगा तो जाएंगे लेकिन दिल्ली वालों काम नहीं रुकने देंगे।