ब्राजील में 8 जनवरी को हुए दंगों की जांच में पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो का नाम भी शामिल कर लिया गया है। इसकी इजाजत वहां की सुप्रीम कोर्ट ने दी है। यह पहली बार है कि दंगों के संभावित जिम्मेदारों में बोल्सोनारो का नाम सामने आया है।
गौरतलब है कि 8 जनवरी को ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में बोल्सोनारो के हजारों समर्थकों ने संसद, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति भवन में भारी तोड़फोड़ की थी। उन्हें रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस के गोले दागे थे। घटना में करीब 1,500 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। यह सब नए राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा के शपथ ग्रहण समारोह के एक हफ्ते बाद हुआ था।
सरकारी वकीलों का आरोप- बोल्सोनारो ने दंगे भड़काए
जांच में शामिल सरकरी वकीलों का कहना है कि बोल्सोनारो ने अपने झूठे दावों के जरिए ये दंगे भड़काए। दरअसल, अक्टूबर 2022 में ब्राजील में राष्ट्रपति चुनावों में सिल्वा ने बोल्सोनारो को करीब 21 लाख 39 हजार वोटों से हराया था। इसके बाद बोल्सोनारो ने एक वीडियो में दावा किया था कि सिल्वा को वोटर्स ने नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने चुना है।
बोल्सोनारो ने यह वीडियो दंगे के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था और बाद में इसे डिलीट भी कर दिया गया था। हालांकि, वकीलों का मानना है कि इसका कंटेंट बोल्सोनारो की जांच करने के लिए काफी है।
पूर्व जस्टिस मिनिस्टर को अरेस्ट करने का आदेश
दंगे भड़काने के आरोप बोल्सोनारो के अलावा पूर्व जस्टिस मिनिस्टर एंडरसन टेरोस, पूर्व पुलिस कमांडर फेबियो अगस्तो सहित कई बिजनेसमैन और सरकारी अधिकारियों पर लगे हैं। पुलिस ने गुरुवार को टेरोस के घर छापेमारी की, जिसमें उन्हें इलेक्शन रिजल्ट को पलटने के संबंध में दस्तावेज मिले। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। टेरोस दंगे के पहले ही अमेरिका चले गए थे। वहीं, अगस्तो को दंगे के बाद सस्पेंड कर दिया गया है।
सिल्वा बोले- दंगे में पुलिस भी शामिल थी
सिल्वा ने दावा किया है कि कई वीडिया फुटेज ऐसे हैं जिनमें प्रदर्शनकारी और पुलिस आपस में बातचीत कर रहे हैं। इससे साबित होता है कि हमला करने वालों की पुलिस के साथ मिलीभगत थी।
गवर्नरों के साथ हुई एक मीटिंग में सिल्वा ने कहा कि पुलिस और इंटेलिजेंस ने सभी खतरों को नजरअंदाज किया था। सीएनएन की रिपोर्ट में बताया गया है कि जब प्रदर्शनकारी सरकारी इमारतों में घुस रहे थे तब पुलिस चुपचाप खड़ी उन्हें देख रही थी।
प्रदर्शनकारियों ने सिल्वा को राष्ट्रपति मानने से किया इनकार
सिल्वा ने 1 जनवरी को राष्ट्रपति की शपथ ली थी। इसके बाद से ही बोल्सोनारो के समर्थक ब्रासीलिया में बड़ी संख्या में डेरा डाले हुए थे। उन्होंने सिल्वा को राष्ट्रपति मानने से इनकार कर दिया है। उनके प्रदर्शन लगातार जारी हैं। दंगे से पहले वे एक पुलिस स्टेशन में घुसकर आगजनी कर चुके हैं। इन सभी घटनाओं के चलते संसद में अब तक एक भी सत्र नहीं चल पाया है।
ब्राजील की हिंसा ने अमेरिका की याद दिलाई
ब्राजील की प्रमुख सरकारी इमारतों में जिस तरह से हिंसा हुई है, वैसी ही हिंसा 2 साल पहले 6 जनवरी 2021 को अमेरिका में भी हुई थी। तब चुनाव हार चुके राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थक कैपिटल हिल यानी अमेरिकी संसद में दाखिल हुए थे। उन्होंने हिंसा की थी। यह सब 2020 राष्ट्रपति चुनाव के रिजल्ट को बदलने के लिए हुआ था, जिसमें जो बाइडेन की जीत हुई थी। इस घटना की जांच कर रही कमेटी ने हिंसा के लिए पूरी तरह से ट्रम्प को जिम्मेदार ठहराया था।