USA के बाद लैटिन अमेरिका में दिखा चीनी बैलून:पैंटागन का दावा- इसे भी जासूसी के लिए भेजा, दोनों देशों में तनातनी बढ़ी

अमेरिका के बाद अब लैटिन अमेरिका के आसमान में भी एक बैलून उड़ता दिखाया दिया है। शुक्रवार रात पैंटागन के ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने कहा कि हमें रिपोर्ट्स मिल रही हैं कि एक और बैलून लैटिन अमेरिका की तरफ से आ रहा है। उन्होंने कहा- हमारा अंदाजा है कि यह एक और जासूसी बैलून है, जो चीन का ही है।

दरअसल गुरुवार को अमेरिका के मोंटाना शहर में भी एक जासूसी बैलून दिखा था। जिसे अमेरिका की डिफेंस मिनिस्ट्री पैंटागन ने इंटेलिजेंस गैदरिंग यानी खुफिया जानकारी इकट्ठा करने वाला बैलून बताया था। घटना के बाद चीन ने माफी मांग ली थी और कहा था कि ऐसा गलती से हुआ है।

स्पाई बैलून की वजह से चीन-अमेरिका के रिश्ते बिगड़े
अमेरिका के आसमान में चीन का जासूसी बैलून आने से दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक क्राइसिस, यानी कूटनीतिक संकट पैदा हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- अमेरिका के फॉरेन मिनिस्टर एंटनी ब्लिंकन ने चीन के दौरे को रद्द कर दिया है। वो रविवार से दो दिन के चीन के दौरे पर जाने वाले थे।

उधर, चीन ने अपने बयान में कहा है कि जिसे अमेरिका खुफिया जानकारी इकट्ठा करने वाला जासूसी बैलून कह रहा है वो केवल एक सिविलियन एयरशिप है, जो अपने तय रूट से भटक गया। इसका इस्तेमाल केवल मौसम की जानकारी के लिए होता है।

इसके पलटवार में अमेरिकी अफसर ने कहा- अगर यह सिविलियन बैलून है तो यह 6 हजार किलोमीटर दूर मोंटाना तक कैसे और क्यों पहुंचा। पेंटागन ने कहा- इसे अमेरिका में निगरानी के लिए भेजा गया था।

अमेरिका में आए बैलून का साइज 3 बसों जितना
अमेरिकी अधिकारियों ने अभी तक नहीं बताया है कि चीन का बैलून कितना बड़ा है। हालांकि इसका पता लगाने के लिए मिलिट्री ने अपने 2 F-22 फाइटर जेट उसके पास भेजे। जिसके बाद ABC न्यूज को एक अधिकारी ने बताया था कि यह बैलून तीन बसों जितना बड़ा है।

अभी यह बैलून कहां है?
अमेरिका ने अभी इसे बैलून को तबाह करने पर कोई फैसला नहीं किया है। जिसके चलते यह अभी उन्हीं के एयरस्पेस में है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जनरल राइडर ने कहा है कि इसकी लोकेशन की जानकारी आम लोगों के साथ शेयर नहीं की जाएगी। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि यह बैलून अभी अमेरिका के बीचों-बीच है।

सैटेलाइट से जासूसी
CIA के पूर्व अधिकारी माइकल पी मुलरो का कहना है कि गुब्बारा ऐसा कुछ करने में सक्षम नहीं है जो कोई और साधन जैसे कि सैटेलाइट पहले से ही नहीं दे रहा है। दोनों के पास कई सैटेलाइट हैं जो पहले ही पूरी सूचनाएं हासिल कर रहे हैं।

सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के मुताबिक 2000 के बाद से अमेरिका में चीन की ओर से जासूसी की 160 घटनाएं सामने आई हैं। चीन ने मोबाइल टॉवर्स पर हुवावे के जासूसी डिवाइस लगाने की साजिश रची थी। ग्रामीण इलाकों को टारगेट बनाते हुए वहां अपने डिवाइस लगाए थे। यह सैन्य ठिकानों की ओर बढ़े तो खुफिया एजेंसियों ने कार्रवाई की।

अमेरिका भी कर रहा चीन की घेराबंदी
अमेरिकी रक्षा विभाग ने गुरुवार को ही फिलिपींस में सैनिक अड्डे बढ़ाने का फैसला किया। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी सेना को घेरने और ताइवान पर हमले की स्थिति में एक्शन के लिए यह जरूरी है। इससे पहले अमेरिका सहित दुनिया में चीन ने ऐसे थाने बनाए हैं जो अपने नागरिकों की जासूसी कर रहे हैं।