सुप्रीम कोर्ट में 34 जजों की स्ट्रेंथ पूरी:सरकार ने 2 नए जजों के नाम पर मुहर लगाई, जस्टिस राजेश बिंदल-जस्टिस अरविंद कुमार बने SC जज

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के लिए दो नए जजों के नामों की घोषणा की। इसके बाद SC में 34 जजों की स्ट्रेंथ पूरी हो गई है। जिन जजों के नाम चुने गए हैं उनमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरविंद कुमार को सुप्रीम कोर्ट जज बनाए गए हैं।

इसके पहले सुप्रीम कोर्ट में 34 जजों की पूरी क्षमता सितंबर 2019 से नवंबर 2019 के दौरान थी। इसके बाद से फरवरी 2023 तक जजों की पोस्ट वेकेंट रहीं।

कानून मंत्री ने दी जानकारी
नए जजों के नाम की घोषणा केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट करते हुए दी। उन्होंने लिखा- “भारतीय संविधान के प्रावधानों के तहत राष्ट्रपति ने हाईकोर्ट्स के जजों राजेश बिंदल और अरविंद कुमार को सुप्रीम कोर्ट के रूप में नियुक्त किया है। मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं।”

5 फरवरी को 5 जजों की नियुक्ति को मंजूरी मिली
इसके पहले सरकार ने कॉलेजियम की सिफारिश के आधार पर 5 फरवरी को ही 5 जजों के नाम पर मुहर लगाई थी। इसके बाद पांचों जज ने 6 फरवरी को शपथ ली। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद सरकार ने 24 घंटे के अंदर ये नाम फाइनल कर दिए थे। बाकी बचे दो जजों के नाम पर 10 फरवरी को मंजूरी दी गई।

कॉलेजियम ने जजों के नाम की सिफारिश की थी
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 13 दिसंबर को सरकार से 5 नामों की सिफारिश की थी। इनमें जस्टिस पंकज मिथल चीफ जस्टिस राजस्थान HC, जस्टिस संजय करोल चीफ जस्टिस पटना HC, जस्टिस पी वी संजय कुमार चीफ जस्टिस मणिपुर HC, पटना हाईकोर्ट के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद HC के जस्टिस मनोज मिश्रा का नाम शामिल था। सुप्रीम कोर्ट में जजों की सैंक्शन स्ट्रेंथ CJI समेत 34 है। 5 जजों की नियुक्ति के बाद अब 32 जज हो गए हैं। अभी भी दो पोस्ट खाली हैं।

सुप्रीम कोर्ट का कॉलेजियम क्या है?

जिस कॉलेजियम पर यह पूरा विवाद हो रहा है, वह हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति और ट्रांसफर की प्रणाली है। कॉलेजियम के सदस्य जज ही होते हैं। वे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को नए जजों की नियुक्ति के लिए नामों का सुझाव भेजते हैं। मंजूरी मिलने के बाद जजों को अपॉइंट किया जाता है।

देश में कॉलेजियम सिस्टम साल 1993 में लागू हुआ था। कॉलेजियम में 5 सदस्य होते हैं। CJI इसमें प्रमुख होते हैं। इसके अलावा 4 मोस्ट सीनियर जज होते हैं। अभी इसमें 6 जज हैं।