कश्मीर में एक महीने से चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान में पहली बार प्रशासन तुरंत कार्रवाई को अंजाम दे रहा है। अब तक लगभग 50 हजार करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी को कब्जा मुक्त करा कर लैंड ट्रांसफर किया जा रहा है। सरकारी सूत्रों के अनुसार लगभग 87 हजार एकड़ की सरकारी भूमि को हाथों-हाथ सरकारी दफ्तरों को सौंप दिया गया है।
पूर्व में छेड़े गए अतिक्रमण हटाओ अभियानों में देखने में आता था कि प्रशासन कब्जा हटा कर सरकारी तख्ती वगैरह लगाकर खानापूर्ति कर देता था। कुछ समय बाद अतिक्रमणकारी यहां पर फिर कब्जा कर लेते थे। इस बार प्रशासन ऐसा करने का मौका ही नहीं दे रहा है। अभियान में आम लोगों की बजाए इस बार रसूखदारों पर भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
अभियान से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि चिन्हित अतिक्रमणकारी को नोटिस दिया जाता है। यदि स्वेच्छा से अतिक्रमण नहीं हटे तो पूरी प्रॉपर्टी सीज करने की कार्रवाई हो रही है। श्रीनगर में सरकारी जमीन पर बने कुछ होटलों से टूरिस्टों को निकाल कर प्रॉपर्टी को सीज किया।
- श्रीनगर में सरकारी जमीन पर चिन्हित एक अवैध रूप से निर्मित इमारत को राजस्व विभाग की टीम ने सीज किया। दो दिन के बाद ही इस इमारत में राजस्व विभाग ने पटवारखाना खोल दिया।
- बिजबेहरा में भाजपा नेता सोफी यूसुफ का शॉपिंग कॉम्पलैक्स सरकारी जमीन पर पाया गया। इसे सीज किया लेकिन यहां की 11 दुकानों के मालिकों को बंद करने को नहीं कहा, बल्कि दुकानों का किराया ग्रामीण विकास विभाग में जमा करने के आदेश दिए।
- गंदेरबल में गौ संवर्धन के लिए चिन्हित की गई सैकड़ों एकड़ जमीन से कब्जा हटा कर प्रशासन ने कब्जे में लिया। अब यहां गौ संवर्धन होगा।
- अनंतनाग में नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व विधायक अल्ताफ कालु द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा कर सेना से किराया वसूलने का मामला सामने आया। अब प्रशासन की ओर से जांच पूरी कर कालु से अवैध किराया वसूली की तैयारी की जा रही है।