मेरठ के दौराला में शुक्रवार को कोल्ड स्टोरेज में अचानक गैस का बायलर फट गया। जिसके चलते 1 सेकंड में पूरी बिल्डिंग भरभराकर गिर गई। हादसे में अब तक 7 मजदूरों की मौत हो चुकी है। जबकि 16 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। हादसा लंच के वक्त हुआ, उस समय कुछ मजदूर खाना खा रहे थे, तो कुछ खाना बना रहे थे। अचानक लेंटर गिरने से सभी मलबे में दब गए। किसी के मुंह में रोटी का टुकड़ा फंसा रह गया, तो किसी की रोटी थाली में रखी रह गई।
हादसे में बचे मजदूरों का कहना है कि पता ही नहीं चला क्या हुआ, कैसे हुआ? बस अचानक तेज आवाज आई, ऐसा लगा जैसे किसी ने बम ब्लास्ट कर दिया हो। इसके बाद छत हम लोगों के ऊपर गिर पड़ी। हम मलबे में दबे गए। दैनिक भास्कर से रेस्क्यू ऑपरेशन में बचे मजदूरों ने हादसे की आंखों देखी शेयर की है।
‘रोटी बनाने के लिए चूल्हा जलाया और छत गिर पड़ी’
जम्मू के उधमपुर के रहने वाले रतन सिंह ने बताया,”हम 27 लोग ठेकेदार के साथ यहां मेरठ आज ही आए थे। यहां हम पहली बार काम करने आए हैं। हमें यहां आलू चुगाई का काम करना था। हम लोग कोल्ड स्टोरेज पर सुबह आकर उतरे थे। दोपहर में खाने की तैयारी हो रही थी। चूल्हा जलाया ही था। पता नहीं अचानक क्या हुआ, तेज आवाज आई और छत गिर पड़ी। हम मलबे में दबे मिले, बस यही याद है। हमारे कई साथी घायल हैं, वे अस्पताल में भर्ती हैं। कुछ मर भी गए।”
‘समझ नहीं आया क्या हुआ’
हादसे में घायल गोपाल को हाथ और पैर में चोट आई है। उन्होंने बताया, ”रोटी खाकर बैठे थे। दूसरे मजदूर साथी बोरी से पिट्ठू तैयार कर रहे थे। अचानक आवाज हुई और इमारत गिर गई। कोई नहीं समझ पाया क्या हुआ? कई साथी मलबे में दब गए, बाकी पता नहीं चला।
‘खाना बना रहे थे अचानक लगा भूकंप आया’
घायल नवरतन चंद को पैर और गले में काफी चोट आई है। नवरतन ने बताया, ”हम खाना बना रहे थे। तभी अचानक बिल्डिंग गिर गई। ऐसा लगा भूकंप आया हो। मेरा सारा सामान, बैग, पैसे मलबे में दब गए। हम बहुत गरीब हैं, अब समझ नहीं आ रहा क्या करें?
एक महीने करना था काम
जम्मू से आए काकाराम ने बताया, ” हम लोग काम करने आए थे, लेकिन यहां हमारे साथियों के साथ ऐसा होगा सोचा नहीं था। एक महीने के लिए हमें यहां काम करना था। हम 4 ट्रॉली खाली कर चुके थे, उसके बाद आराम कर रहे थे। तभी अचानक तेज आवाज हुआ। मेरा सारा सामान मलबे में दब गया है।
’10 साल पहले काम के लिए आया था, अबकी बार हादसा हो गया’
लेबर ठेकेदार जगदीश सिंह ने बताया, ”आज सुबह ही पहुंचे थे। लेबर खाना बना रहे थे। कुछ खाना खाकर आराम कर रहे थे। 10 साल पहले काम के लिए आया था, अब दूसरी बार आया हूं। मैं मजदूरों का कुछ सामान लेने गया था, अचानक फोन आया बिल्डिंग गिर गई तो यहां भागा।”
किसानों के सामने माल रखने की चुनौती
आलू किसान नदीम बहुत परेशान हैं। उन्होंने बताया कि हम बर्बाद हो गए। मेरा 1000 पैकेट के करीब आलू आ चुका है। यहां 15 हजार से ज्यादा पैकेट आलू रखा जाता है। 10 साल से ज्यादा समय हो गया। मैं इसी कोल्ड स्टोर में माल रखता आया हूं। अचानक ये हादसा हो गया। अब अंदाजा नहीं हमारा कितना नुकसान होगा। हम अपना आलू अब कहां रखें यह समस्या है।
1 हजार किसानों का सवा लाख कट्टा आलू होता स्टोर
पूर्व विधायक चंद्रवीर सिंह का जनशक्ति कोल्ड स्टोर 33 साल पुराना है। 1 हजार से ज्यादा किसानों के लगभग 1लाख 40 हजार कट्टा आलू इस कोल्ड स्टोर में स्टोर होता है। 10 बीघा में यह कोल्ड स्टोर बना है। घटना के बाद से कोल्ड स्टोर का मैनेजर भी डर कर गायब है।
3 महीने से बंद था कोल्ड स्टोर
कोल्ड स्टोर साल में 9 महीने चलता और 3 महीने बंद रहता है। सीजन में यह स्टोर शुरू होता है। शुक्रवार को स्टोर शुरू होना था। विधायक चंद्रवीर अपने मैनेजर के साथ कोल्ड स्टोर को चालू कराने के लिए आ ही रहे थे। तभी फोन पहुंचा कि बिल्डिंग गिर गई। लेबर भी शुक्रवार को ही बुलाया गया था।
मेंटेनेंस फॉल्ट के कारण हुआ हादसा
बताया जा रहा है कि कोल्ड स्टोर तीन महीने बाद खुला था। अभी तक घटना का कारण बायलर के मेंटेनेंस ठीक से नहीं हो पाया माना जा रहा है। बायलर में तकनीकी कमी थी, जिसकी वजह से बायलर में भरी अमोनिया जो स्टोर को ठंडा रखती है। उसका प्रेशर बना और बायलर फट गया। इससे हादसा हुआ। बता दें कि एक बायलर में 450 किलो तक अमोनिया होती है।
पूर्व विधायक की हालत गंभीर
पूर्व विधायक चंद्रवीर सिंह की बेटी मनीषा अहलावत ने बताया कि हमें घटना का बेहद खेद है। हम पूरी तरह से पीड़ितों और मृतकों के परिवार के साथ हैं। आर्थिक मदद भी पूरी करेंगे। इलाज से लेकर उनके रहने, खाने की सभी व्यवस्था करा रहे हैं। घटना के बाद पूर्व विधायक चंद्रवीर सिंह की हालत बहुत गंभीर है, वो अस्पताल में भर्ती हैं। डॉक्टरों ने आगामी 48 घंटे उनके लिए बेहद क्रिटिकल बताए हैं।
डीएम ने बनाई जांच समिति
मेरठ डीएम ने लेंटर गिरने के पूरे हादसे पर एक जांच कमेटी गठित की है, जिसे 48 घंटे में अपनी रिपोर्ट देनी है। जिसमें यह बताया जाए कि ये हादसा था या कोई साजिश। देर रात डीएम, एसएसपी मेडिकल अस्पताल में घायलों का हाल जानने पहुंचे। राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर भी मेडिकल अस्पताल में घायलों का हाल जानने पहुंचे। प्रशासन ने बच्चा पार्क रैन बसेरा और कोल्ड स्टोर के बगल में डीपीएस स्कूल में दो जगहों पर शेल्टर होम बना दिया है। ताकि घायलों, मृतकों के परिजनों को यहां रुकवाया जा सके।
इनकी हुई मौत
1- बलबंत पुत्र शरणदास
2 – बलदेव पुत्र रुमाल
3 – बलवीर सिंह पुत्र बंशी लाल
4 – सतपाल पुत्र जगतराम
5 – कालू पुत्र किच्चू
6 – रमेश पुत्र प्रेम
7 – होशियार सिंह पुत्र अज्ञात
घायल मजदूर
1 – काकाराम
2 – रमेश
3 – श्याम लाल
4 – सूरज
5 – सुदेश
6 – पवन
7 – धार सिंह
8 – ऋषिपाल