स्मार्टफोन और टेक्नोलॉजी की दुनिया में लोग इसकी लत से बचने के लिए डिजिटल डिटॉक्स पर जाते हैं। इसमें निश्चित समय के लिए लोग मोबाइल और सोशल मीडिया से दूरी बना लेते हैं, पर एक्सपर्ट के मुताबिक डिजिटल डिटॉक्स के जरिए इस लत को काबू करना आसान नहीं। इससे छुटकारा पाने के लिए कुछ और तरीके निकालने होंगे।
मार्क बेनिऑफ सेल्सफोर्स चीफ एग्जीक्यूटिव 10 दिन के डिजिटल डिटॉक्स(डिजिटल उपकरणों से दूरी बनाना) पर गए। उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा, हमें स्मार्ट डिवाइस की लत लग चुकी है। इसे छोड़ने पर वे बेहतर महसूस कर रहे हैं। किताब ‘द शालोस’ के लेखक निकोल कैर मानते हैं कि डिजिटल डिटॉक्स नशे की लत छुड़ाने जैसा है।
दस्तावेज और तस्वीरों के लिए भी फोन पर निर्भर
खुद को डिजिटल डिवाइस से दूर रखने से जुड़े विषयों पर लिखने वाले सूजंग-किम पैंग कहते हैं, फोन से कुछ दिनों के लिए दूरी बनाना काफी नहीं है। परेशानी उससे बड़ी है, क्योंकि 10 दिनों तक डिवाइस से दूर रहने के बाद 11वें दिन उन्हीं के बीच लौट जाओगे। ऐसे में 11वें दिन सतर्क रहना जरूरी है। डिजिटल डिटॉक्स के 21 अध्ययनों की समीक्षा के बाद पता चला कि कुछ मामलों में परिणाम बिल्कुल उलट मिले।
लेकिन ज्यादातर में मिश्रित परिणाम सामने आए। एक दशक पहले तकनीक से दूरी बनाना मुश्किल नहीं था, पर आज हालात बदल चुके हैं। मानसिक शांति के लिए छुट्टी पर जाने वाले लोग दस्तावेजों और तस्वीरों के लिए भी फोन पर निर्भर हैं।
फोन को खुद से तय दूरी पर रखने की कोशिश करें
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के न्यूरोलॉजी प्रो एडम गैजले के अनुसार डिजिटल डिटॉक्स के लिए रोजाना इससे दूरी बनाना होगा। इसके लिए आपको नोटिफिकेशन बंद रखनी चाहिए। जब इसकी जरूरत न हो तो फोन को खुद से तय दूरी पर रखें।