अभिनेत्री आकांक्षा दुबे सुसाइड केस में आरोपी सिंगर समर और उसके भाई संजय के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हुआ है। पुलिस को आशंका थी कि दोनों भाई विदेश भाग सकते हैं। पुलिस दोनों की 10 दिन से तलाश कर रही है। अब तक चार राज्यों के 9 शहर और 50 से अधिक ठिकानों पर ताबड़तोड़ दबिश दी।
चार टीमों ने शहर से लेकर गांवों तक खाक छानी। सिंगर के रिश्तेदारों, भोजपुरी कलाकारों समेत 100 से अधिक करीबियों से पूछताछ की। मगर, दोनों तक पुलिस पहुंच नहीं पाई है। इधर, पुलिस ने गुरुवार को शासन और उच्च अधिकारियों को इनाम की घोषणा के लिए पत्रावली भेजी है। अप्रूवल मिलने के बाद दोनों पर इनाम घोषित किया जाएगा।
समर पर 25 हजार तक घोषित हो सकता है इनाम
पुलिस के मुताबिक, अब गायक समर सिंह और उसके भाई को पकड़वाने वाले का नाम गोपनीय रखने की प्लानिंग है। पुलिस सूत्रों की माने तो समर सिंह पर पुलिस 25 हजार का इनाम घोषित करने की तैयारी में है। मुंबई और पटना से टीमों के लौटने के बाद समर सिंह को इनामिया बनाने की कवायद तेज हो जाएगी। एसीपी संतोष सिंह ने बताया कि चंद दिनों में ही समर सिंह और उसके भाई पर इनाम घोषित कर दिया जाएगा। इसकी प्रक्रिया चल रही है।
एयरपोर्ट अथॉरिटी को भेजी लुकआउट नोटिस
पुलिस ने लुकआउट नोटिस की सूचना एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया को भेजा है। इसके साथ देश भर के एयरपोर्ट प्रबंधन को भी अलर्ट किया गया है। यही नहीं प्रदेश के सभी थानों में भी नोटिस को भेजा गया है। पुलिस दोनों की तलाश के लिए अब टीमें भी बढ़ाने वाली है। साथ ही सोशल मीडिया पर फोटो वायरल करेगी।
तलाश के लिए चार टीमें जुटी
पुलिस कमिश्नर के आदेश के बाद पूर्वांचल से लेकर बिहार और झारखंड के अलावा पुलिस टीमें मुंबई में डेरा डाले हैं। एसीपी सारनाथ ज्ञान प्रकाश राय ने बताया कि दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं। संभावित ठिकानों के साथ ही कई नंबर सर्विलांस पर लगाए गए हैं, दोनों आरोपियों के फोन बंद है जा रहे हैं।
मां ने दर्ज कराया था समर सिंह पर केस
26 मार्च को सारनाथ स्थित एक होटल के कमरे में आकांक्षा दुबे मृत पड़ी मिली थीं। उनकी मां मधु दुबे की तहरीर के आधार पर 27 मार्च को सारनाथ थाने में भोजपुरी गायक समर सिंह और संजय सिंह के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था।
मौत का कारण अब तक पहेली
आकांक्षा दुबे की मौत का कारण अब तक स्पष्ट हो नहीं सका। वहीं होटल से लेकर मालीक्यूबार तक सामने आ रहे वीडियो भी नई कहानी सुना रहे हैं। चंद घंटे पहले की इन तमाम वीडियो में आकांक्षा पूरी तरह से नॉर्मल और खुश नजर आ रही हैं। इसके कुछ देर बाद सुसाइड से पहले वह इंस्टाग्राम पर लाइव थीं। इसमें वह फूट-फूटकर रोती नजर आईं। लेकिन, मौत की वजह अब तक अस्पष्ट है। सवाल उठ रहे कि आकांक्षा किस दबाव में थी? ऐसा कदम क्यों उठाया? इन सवालों के जवाब एक सप्ताह बाद भी नहीं मिले हैं।
सीबीआई जांच की मांग कर रहे वकील
भोजपुरी अभिनेत्री की मौत के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से परिजनों में आक्रोश है। आकांक्षा के वकील ने सीबीआई जांच की मांग की है, मुख्यमंत्री को मांगपत्र भेजा है। बताया कि आकांक्षा को न्याय अब सीबीआई जांच से ही मिल सकता है।
माली कुंज क्लब में रखी गई थी पार्टी
आकांक्षा दुबे शनिवार रात मंडुआडीह स्थित माली कुंज क्लब में एक पार्टी में शामिल होने के लिए गई थी। CCTV वीडियो में साफ दिख रहा है कि पार्टी में उनके साथ विभु विहार कालोनी, मंडुआडीह निवासी अरुण पांडेय व उनकी पत्नी श्रद्धा शामिल थी। इसमें खाने के साथ पीने और डांस का इंतजाम किया गया था। सभी ने जमकर डांस किया और पार्टी का इंजाय किया।
वायरल वीडियो में आकांक्षा और श्रद्धा झूमते नजर भी आ रहे हैं। पार्टी से निकलकर श्रद्धा अपने घर चली गई। अरुण पांडेय अपने कार से सारनाथ स्थित होटल छोड़ने के लिए आते समय कॉमन फ्रेंड संदीप को बुला लिया। टिकरी, तारापुर चितईपुर निवासी संदीप अपनी कार से आकांक्षा को सारनाथ के बुद्धा सिटी कालोनी स्थित सोमेंद्र होटल पर पहुंचा। वह लगभग 17 मिनट तक संदीप अभिनेत्री के साथ कमरे में रहा, इसके बाद वह वापस चला गया।
लुक आउट नोटिस क्या होता है?
लुक आउट सर्कुलर यानी LOC को लुक आउट नोटिस के नाम से भी जाना जाता है। लुक आउट सर्कुलर किसी भी व्यक्ति को विदेश यात्रा करने से रोकता है। इस नोटिस के जारी होने के बाद आरोपी के देश छोड़कर जाने पर पाबंदी लग जाती है।
लुक आउट नोटिस का इस्तेमाल इंटरनेशनल बॉर्डर जैसे- एयरपोर्ट, समुद्री क्षेत्र और बंदरगाहों पर इमिग्रेशन जांच के लिए किया जाता है। लुक आउट नोटिस जारी होने का मतलब है कि इमिग्रेशन अफसर ऐसे व्यक्ति को एयरपोर्ट पर ही रोक सकते हैं। या उन्हें हिरासत में ले सकते हैं।
पुलिस कुछ मामलों में देश के बाहर किसी व्यक्ति के जाने पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। ऐसा तब होता है जब वह व्यक्ति संदिग्ध हो और इस बात की आशंका हो कि वह जांच में शामिल होने से बचना चाह रहा है।