पाकिस्तान एक बार फिर दिवालिया होने से बच गया है। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने पाकिस्तान को स्टाफ लेवल एग्रीमेंट के तहत 3 अरब डॉलर का कर्ज देने का फैसला किया है। IMF और पाकिस्तान की सरकार के बीच 9 महीने का स्टैंडबाय अरेंजमेंट हुआ है। हालांकि, अभी इसे IMF के एग्जीक्यूटिव बोर्ड की मंजूरी मिलना बाकी है।
पाकिस्तान के लिए IMF के मिशन प्रमुख नाथन पोर्टर ने कहा- मुझे ये ऐलान करते हुए खुशी हो रही है कि IMF का पाकिस्तानी अथॉरिटी के साथ उसके IMF कोटे के 111 फीसदी यानी 3 बिलियन डॉलर के लिए 9 महीने के स्टैंडबाय एरेंजमेंट के तहत स्टॉफ-लेवल एग्रीमेंट हो गया है।
दरअसल, पाकिस्तान और IMF के बीच 6.5 अरब डॉलर के कर्ज पर 2019 में सहमति बनी थी। इसकी दो किश्तें पाकिस्तान को मिल चुकी हैं। तीसरी किश्त पर मंजूरी के लिए 30 जून यानी आज आखिरी दिन था। अगर आज भी IMF के साथ समझौता नहीं होता तो ये प्रोग्राम ही एक्सपायर हो जाता।
पाकिस्तान के लिए उम्मीद से ज्यादा का राहत पैकेज
जियो न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान को 3 बिलियन डॉलर का राहत पैकेज उसके उम्मीद से ज्यादा है। 2019 में हुए समझौते के आधार पर उसे 2.5 बिलियन डॉलर मिलने का इंतजार था। IMF के बोर्ड की तरफ से इस समझौते पर मिड-जुलाई में फैसला आने की उम्मीद है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने डील होने के बाद ट्वीट करते हुए अल्हम्दुलिल्लाह लिखा।
नाथन पोर्टर ने कहा- पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को कुछ समय से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। इसमें पिछले साल आई बाढ़ और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद कमोडिटी के दामों में तेज उछाल शामिल है।
9 जून को पेश हुआ था बजट, इससे IMF नाराज था
इससे पहले 9 जून को पाकिस्तान सरकार ने 50.45 बिलियन डॉलर का बजट पेश किया था। पाकिस्तानी सरकार ने वित्त वर्ष 2024 के लिए कुल एक्सपेंडिचर (खर्च) 13.32 लाख करोड़ रुपए रखा था। इसका 55% हिस्सा कर्ज और उसकी ब्याज चुकाने में खर्च होगा। यानी करीब 7.3 लाख करोड़ रुपए कर्ज चुकाने में ही चले जाएंगे।
सरकार ने अगले साल महंगाई दर 21% से कम रखने का टारगेट रखा है। मंत्री इशाक डार ने बताया था कि नए बजट में कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है। हालांकि, सरकार के इस फैसले से IMF नाराज हो गया था।
शाहबाज सरकार का प्लान B तैयार था
IMF की तरफ से किश्त मंजूरी को लेकर हो रही लगातार देरी को देखते हुए शाहबाज सरकार ने प्लान B भी तैयार कर लिया था। पाकिस्तान के फाइनेंस मिनिस्टर इशहाक डार ने पिछले महीने कहा था- अगर IMF हमें कर्ज की किश्तें जारी करना शुरू नहीं करता या हमारा पुराना प्रोग्राम बहाल नहीं करता तो हमारे पास प्लान बी तैयार है।
माना जा रहा था कि 3 से 4 अरब डॉलर हासिल करने के लिए पाकिस्तान अपने दोस्त मुल्कों से मदद की गुहार लगा सकता है। सऊदी अरब ने फरवरी में पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर देने का वादा भी किया था। हालांकि, उसे अभी तक ये फंडिंग नहीं मिली है।
IMF की शर्तें पूरी नहीं कर पा रही थी शाहबाज सरकार
पाकिस्तान को IMF की तरफ से कर्ज मिलने की मंजूरी 8 महीने देरी से मिली है। इसकी वजह यह रही कि इमरान खान ने सरकार गिरने के ठीक दो दिन पहले पेट्रोल-डीजल 10 रुपए तक सस्ता कर दिया था, जिससे IMF नाराज हो गया था। शाहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री बनने के बाद कई बार पेट्रोल के दाम बढ़ाए थे लेकिन इसके बाद भी वो IMF की शर्तें पूरी नहीं कर पा रहे थे।
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक- IMF ने पाकिस्तान सरकार से रेवेन्यू और इनकम के बारे में तफ्सील से रिपोर्ट मांगी थी। पाकिस्तान ने रिपोर्ट पेश भी की थी, लेकिन IMF की टीम इससे सख्त नाखुश थी।
पाकिस्तान में जून के पहले हफ्ते में महंगाई का हाल
- टमाटर के दाम 1.11% तक बढ़े
- चिकन के दाम 2.87% तक बढ़े
- प्याज के दामों में 7.31% की बढोतरी दर्ज की गई
- चाय के दाम 1.56% बढ़े
- नमक के दाम में 1.08% की बढ़ोतरी हुई
- आटे के दाम 4.06% बढ़े
- LPG के दाम 4.46% बढ़े
सरकार पिछले बजट का टारगेट पूरा करने से चूकी
पाकिस्तान सरकार अपने पिछले साल के बजट का कोई टारगेट पूरा नहीं कर पाई थी। पिछले साल 2023 के लिए ग्रोथ का टारगेट 5% रखा गया था। जिसे बाद में घटाकर 2% कर दिया था। अब 2023 के लिए पाकिस्तान की ग्रोथ रेट 0.29% रखी गई है। साउथ एशिया में सबसे ज्यादा महंगाई पाकिस्तान में है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर केवल 32 हजार करोड़ रुपए रह गया है।