PM ने 17वीं इंडियन कोऑपरेटिव कांग्रेस को संबोधित किया:कहा- आज हमारा देश विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य पर काम कर रहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 17वें भारतीय सहकारी कांग्रेस सम्मेलन को संबोधित किया। दो दिन (1-2 जुलाई) चलने वाला यह कार्यक्रम दिल्ली के प्रगति मैदान में हो रहा है। 2 जुलाई को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कार्यक्रम में चीफ गेस्ट के रूप में शामिल होंगे।

पीएम मोदी ने इस मौके पर कोऑपरेटिव प्रोडक्ट्स के लिए एक ई-कॉमर्स मंच NCUI हाट और सहकारी विस्तार व परामर्श सेवा पोर्टल भी पेश किया। अपने संबोधन में पीएम ने कहा- आज हमारा देश विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य पर काम कर रहा है। इस बारे में मैंने लाल किले से कहा था कि हमारे हर लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सबका प्रयास आवश्यक है।

सहकारिता को एक बड़ी ताकत देने का फैसला किया
पीएम ने आगे कहा कि जब विकसित भारत के लिए बड़े लक्ष्यों की बात आई, तो हमने सहकारिता को एक बड़ी ताकत देने का फैसला किया। हमनें पहली बार सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय बनाया, अलग बजट का प्रावधान किया। आज को-ऑपरेटिव को वैसी ही सुविधाएं, वैसे ही प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जैसे कार्पोरेट सेक्टर को मिलते हैं। सहकारी समितियों की ताकत बढ़ाने के लिए उनके लिए टैक्स की दरों को भी कम किया गया है।

सहकारिता क्षेत्र से जुड़े जो मुद्दे वर्षों से लंबित थे, उन्हें तेज गति से सुलझाया जा रहा है। हमारी सरकार ने सहकारी बैंकों को भी मजबूती दी है। पिछले 9 वर्षों में ये स्थिति बिल्कुल बदल गई है। आज करोड़ों छोटे किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि मिल रही है। कोई बिचौलिया नहीं, कोई फर्जी लाभार्थी नहीं।

सरकार सालाना 50 हजार रुपए किसानों तक पहुंचा रही
पीएम ने आगे कहा कि केंद्र सरकार साढ़े 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक खेती और किसानों पर खर्च कर रही है। केंद्र सरकार हर किसान तक सरकार सालाना औसतन 50 हजार रुपए किसी न किसी रूप में पहुंचा रही है। इस राशि से किसान को कई मायनों में लाभ हो रहा है। इससे वे साहूकारों और बिचौलियों से भी बच रहे हैं।

आज को-ऑपरेटिव को वैसी ही सुविधाएं, वैसे ही प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जैसे कार्पोरेट सेक्टर को मिलते हैं। सहकारी समितियों की ताकत बढ़ाने के लिए उनके लिए टैक्स की दरों को भी कम किया गया है। केंद्र सरकार देश में सहकारी आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए लगातार कदम उठा रही है। इस प्रयास को मजबूती देने के लिए सरकार द्वारा एक अलग सहकारिता मंत्रालय बनाया गया.

पीएम ने कहा- आज केंद्र सरकार के जितने भी मिशन हैं, उनको सफल बनाने में सहकारिता के सामर्थ्य में मुझे कोई संदेह नहीं है। सहकारिता ने आजादी के आंदोलन में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैंने आवाह्न किया है कि आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाएं। एक वर्ष से भी कम समय में करीब 60 हजार अमृत सरोवर देश भर में बनाएं जा चुके हैं।

बीते 9 वर्षों में सिंचाई हो या पीने का पानी हो, उसे घर-घर, खेत-खेत पहुंचाने के लिए हमने कई काम किए हैं। हमारा लक्ष्य है कि किसानों और हमारे पशुओं को पानी की कमी न हो। इसलिए सहकारी क्षेत्र से जुड़े लोगों को भी इस पावन अभियान से जरूर जुड़ना चाहिए। ज्यादा पानी, ज्यादा फसल की गारंटी नहीं है। माइक्रो सिंचाई का कैसे गांव-गांव तक विस्तार हो, इसके लिए सहकारी समितियों को अपनी भूमिका का भी विस्तार करना होगा।

प्रोग्राम का विषय ‘अमृत काल
17वीं इंडियन कोऑपरेटिव कांग्रेस के आयोजन का उद्देश्य सहकारी आंदोलन में अलग-अलग ट्रेंड्स पर चर्चा करना, चुनौतियों का सामना करना और भारत के सहकारी आंदोलन के विकास के लिए भविष्य की तैयारी करना है।

एक जीवंत भारत के लिए ‘सहयोग के माध्यम से समृद्धि’ थीम पर सात टेक्निकल सेशन भी होंगे। जिसमें राष्ट्रीय स्तर तक की सहकारी समितियों, इंटरनेशनल सहकारी संगठनों के प्रतिनिधि सहित 3600 से ज्यादा लोग हिस्सा लेंगे।