आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में बनने जा रहा है। वर्ष 2023 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। कैसा बनेगा यह मेडिकल डिवाइस पार्क, इसकी खासियत क्या होगी, कितने लोगों को रोजगार मिलेगा आदि सवालों का जवाब तलाशती रिपोर्ट:
यह है मेडिकल डिवाइस पार्क: फार्मास्युटिकल उद्योग के विकास के लिए एक छतरी के नीचे चिकित्सा उपकरण उद्योग को स्थापित करना। यह रसायन और उर्वरक मंत्रालय की एक उप योजना है। दो चरणों में तैयार किया जाएगा मेडिकल डिवाइस पार्क को दो चरणों में बनाया जाएगा। पहले चरण में 125 एकड़ में शेड बनाकर उद्योगों को आवंटित किए जाएंगे। दूसरे चरण में 225 एकड़ एरिया में भी यही योजना आएगी।
न जमीन खरीदनी पड़ेगी, न इमारत बनानी पड़ेगी: मेडिकल डिवाइस पार्क की खासियत यह है कि इसमें उद्योग कम समय में लग सकेंगे। उद्योगपतियों को न जमीन खरीदनी पड़ेगी और न ही इमारत बनाने की जरूरत होगी। उनकी लागत भी कम आएगी। इससे कम समय में उद्योग शुरू हो सकेंगे और सकरारी प्रक्रिया भी होगी।
विशाखापत्तनम से सीख: विशाखापत्तनम में मेडिकल डिवाइस पार्क बना हुआ है। वहां इसी तरह शेड का उपयोग किया गया है। यीडा के दोनों एसीईओ शीघ्र ही विशाखापत्तनम जाएंगे। अध्ययन करने के बाद फार्मा उद्योग से जुड़े लोगों से चर्चा कर डिजाइन किया जाएगा। शेड की कीमत जमीन और निर्माण खर्च को जोड़कर तय होगी।
100 शेड तैयार किए जाएंगे: मेडिकल डिवाइस पार्क में फिलहाल 100 के करीब शेड तैयार किए जाएंगे। जरूरत पड़ी तो दूसरे चरण के शेड भी जल्द बनाए जाएंगे। ये शेड 90 साल की लीज पर आवंटित होंगे।
अगले माह तक बनेगी योजना: प्राधिकरण ने इसके लिए सेक्टर-28 में 350 एकड़ जमीन तय कर दी है। इसकी योजना अगले माह आएगी। पहली बार प्लॉट के बजाय तैयार शेड उद्योगों को आवंटित किए जाएंगे। वे इनमें शीघ्र इकाई लगाकर मेडिकल उपकरणों का उत्पादन कर सकेंगे। इससे निवेश के साथ ही रोजगार के हजारों अवसर कम समय में युवाओं को मिल सकेंगे।
..तो केंद्र से मिलेगी 100 करोड़ रुपये की मदद: केंद्र सरकार द्वारा चार राज्यों में बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने का निर्णय लिया गया है। इसमें बड़े राज्यों ने आवेदन दिया है। उत्तर प्रदेश की तरफ से यमुना प्राधिकरण ने भी इसके लिए आवेदन किया है। अगर इसे योजना में चुन लिया जाता है तो मेडिकल पार्क को बनाने में केंद्र सरकार से करीब 100 करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा।
चार राज्यों में होंगे स्थापित: चार पार्क आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल में स्थापित किए जाएंगे। उत्तराखंड और गुजरात ने भी इस तरह के पार्क के लिए केंद्र से संपर्क किया है।