यमुना के जलस्तर ने यहां विकराल रूप धारण कर लिया है। नदी से करीब दो से ढाई किलोमीटर दूर बसे गांवों तक पानी पहुंच गया। कई छोटे गांवों को खाली कराना पड़ रहा है। इससे प्रशासन के भी पसीने छूटने लगे हैं। हालांकि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत लोकल पुलिस प्रभावित गांवों में लोगों को निकालने में जुटी है।
मंझावली अकबरपुर गांवों में फंसे 342 लोगों को शनिवार सुबह रेस्क्यू किया गया। बाढ़ के सामने प्रशासन के संसाधन भी कम पड़ने लगे हैं। जरूरत के हिसाब से नावों की संख्या कम होने से अब ट्यूब के जरिए रेस्क्यू अभियान चलाना पड़ रहा है। बसंतपुर से लेकर मोहना तक के गांवों और खेत खलिहान स्विमिंग पूल बन गए हैं। तिगांव विधानसभा के करीब 22 गांवाें में तीन से पांच फुट तक पानी पहुंच गया है। डीसी विक्रम सिंह ने गांवों का दौरा कर स्थानीय लोगों से बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने में प्रशासन का सहयोग करने की गुजारिश की। प्रभावित लाेगों को ठहराने के लिए 16 जुलाई तक स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है।
मंझावली की बीपीएल कॉलाेनी में भर गया पानी
मंझावली गांव में बनी बीपीएल कॉलोनी के करीब 150 घरों में 7-8 फुट तक यमुना का पानी घुस गया। लोगों को वहां से निकालकर सरकारी स्कूल में शिफ्ट किया गया है। गुरुवार की रात यहां पानी अचानक पहुंचा है। मंझावली से लगते अकबरपुर में गांव में भी पानी भर गया। यहां करीब 100 लोग रहते थे। ग्रामीणांे ने बताया कि गांव के पास ही बुढ़िया नाला टूटने से गांव में पानी घुसा है।
एनडीआरएफ की बोट हो गयी पंचर
मंझावली गांव के पास एसआरएस कॉलोनी में फंसे लोगों को निकालने के दौरान एनडीआरएफ की बोट बंचर हो गयी। क्योंकि लोगों ने वहां खेतों में तारबंदी कर रखी है। गनीमत ये है कि बोट पंचर होने के बाद भी लोगों केा सही सलामत बाहर निकाला गया। वहीं दूसरी चीरसी कबूलपुर में प्रशासन द्वारा मंगाई गई नाव भी खराब हो गयी। डीआरओ बिजेंद्र राणा ने बताया कि आठ नावों से रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है।
ट्यूब के सहारे लोगों को निकालने का प्रयास
प्रशासन के पास जरूरत के उपलब्ध नावों की मांग अधिक होने के कारण अब ट्यूब के सहारे ग्रामीण रेस्क्यू अभियान शुरू कर रहे हैं। मोहना के पास मोइयापुर में में फंसे एक बुजुर्ग दंपत्ति को निकालने के लिए ग्रामीणों ने ट्यूब की व्यवस्था कर उन्हें बाहर निकाला इसी तरह अन्य गांवों में भी लोग अब टयूब के सहारे बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं।
बाहर निकलने के लिए नहीं थे तैयार, इसलिए फंसे
मंझावली, अरुआ, लतीपुर, मोठूका, दूलापुर, मोइयापुर, अलीपुर, िचजारसी कबूलपुर आदि गांवों में लाेग खेतांें में मकान बनाकर रहने लगे हैं। यमुना का जलस्तर बढ़ने पर पुलिस प्रशासन कीओर से उन्हें तुरंत घर खाली करने को कहा गया लेकिन वह बाहर निकलने के लिए तैयार नहीं थे। यही कारण है कि वह बाढ़ में फंस गये। तिगांव के पूर्व विधायक ललित नागर ने डीसी विक्रम सिंह से प्रभावित किसानों काे 50-50 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिलाने की मांग की।
मोहना गौशाला 400 से अधिक मवेशी फंसे
यमुना का पानी मोहना में गौशाला को भी अपने गिरफ्त में ले लिया है। पानी भरने से यहां करीब 400 से अधिक मवेशी फंस गए हैं। ग्रामीण उन्हें निकालने की कोिशश में जुटे हैं। जिला प्रशासन ने गुरुवार देररात से शुक्रवार दोपहर तक ढाई से तीन हजार लोगों को बाढ़ से बाहर निकाल चुका है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व लोकल पुलिस अन्य फंसे लोगों को निकालने में जुटी है।
दो सड़कों के टूटने से गांवों में घुसा पानी
मोठूका से दूलेपुर जाने वाली और मोहना से बागपुर होेते हुए पलवल जाने वाली सड़क यमुना के बाढ़ की चपेट में आने से टूट गई। इससे लोगों का संपर्क टूट गया। सड़क टूटने के कारण ही यमुना का पानी गांवों में घुसने लगा। सिंचाई विभाग के एसडीओ अरविंद शर्मा ने बताया कि अोखला बैराज से 3.65 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। फिलहाल अब जलस्तर स्थिर है। डीसी विक्रम सिंह ने बताया कि ददसिया किडावली के बीच लालपुर में बांध रोड पर आयी दरार का मेंटिनेंस कर दिया गया है। पत्थर और मिट्टी डालकर भरान करा दिया गया है। अब वहां खतरे की कोई संभावना नहीं है। प्रशासन के अधिकारी लगातार मौके की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।