सुप्रीम कोर्ट के आदेश से वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में चल रहे पुरातात्विक सर्वेक्षण के सातवें दिन एएसआई ने मस्जिद की इमारत का सर्वे पूरा कर लिया। अब टीम तहखाने में उतर गई है। तहखाने में व्यासपीठ हिस्से में पहले ही काम शुरू हो गया था।
इसमें 4 कमरे जैसे हिस्से हैं, लेकिन बाकी बड़े हिस्से पर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी का कब्जा है। कमेटी के कब्जे वाले तहखाने के हिस्से में पहले कभी कोयल और चाय की दुकान भी थी। हालांकि 1993 के बाद इस पर रोक लगा दी गई थी। आज आठवें दिन का सर्वे करने के लिए एएसआई की टीमें परिसर पहुंच चुकी हैं।
तहखाने में नमी, कीचड़ भरा मिला
बुधवार को एएसआई की टीम ने तहखानों के कमरों के साथ दूसरे तहखानों के भीतर के भग्नावशेषों, प्रस्तर खंडों, आकृतियों, दीवारों, फर्श और छत की संरचना का अध्ययन शुरू किया। यहां काम शुरू करने के लिए कई दिनों तक साफ-सफाई करानी पड़ी है। यहां अंदर काफी नमी, गाद और कीचड़ भरा था। एएसआई की टीम दर्जनों आधुनिक मशीनों का भी प्रयोग कर रही है। जानकारों का दावा है कि नींव के स्ट्रक्चर और निर्माण का कालखंड सर्वे रिपोर्ट में अहम भूमिका निभा सकता है।
उधर, एएसआई की एक टीम अब भी पश्चिमी दीवार के भीतरी हिस्से में ऊपर और नीचे के तहखाने का अध्ययन कर रही है। इस बीच आईआईटी कानपुर की ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार की विशेषज्ञ टीम के सदस्य वाराणसी पहुंच गए है। इसमें 8 सदस्य बताए जा रहे हैं।
मस्जिद कमेटी ने कहा-मीडिया में आ रहे साक्ष्य पर रोक लगे
इस बीच मस्जिद कमेटी ने मंगलवार को जिला अदालत में याचिका लगाकर मीडिया में आ रही साक्ष्यों से संबंधित खबरों पर रोक लगाने की मांग की। इस पर अदालत ने मीडिया को परिसर से दूर रखने की हिदायत दी है। प्रशासन का सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए भी निर्देश दिया। कोर्ट ने आदेश रिजर्व कर लिया है।
ज्ञानवापी में 8वें दिन ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) के लिए आए एक्सपर्ट मशीन लगाने की जगहों का चिह्नांकन शुरू कर रहे हैं। इसमें चार स्थान सेंट्रल ड्रोम यानि मुख्य तहखाने में तय किए जाएंगे। इससे पहले व्यास तहखाना में मिली कलाकृतियों, गुंबदों की सीढ़ियों के पास बने कलशनुमा कलाकृति की स्कैनिंग जारी है।
30 सदस्य तीनों गुंबद और तहखाने समेत संपूर्ण परिसर की 3D इमेजिंग और मैंपिग कर रहे हैं। इसके अलावा, व्यास तहखाने में मिले मलबे की भी ASI टीम ने जांच अभी जारी है। बुधवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ने तहखानों की दीवारों और सतह की थ्रीडी मैपिंग की थी। पश्चिमी दीवार और तहखानों के हर हिस्से की फोटो और वीडियोग्राफी कराई। सतह से लेकर निर्माण तक के सभी बिंदुओं को अब तक ट्रोपोग्राफी शीट पर उतारा गया है।
टीम से दूर रहेंगे हिंदू और मुस्लिम पक्ष
वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे के दौरान हिंदू और मुस्लिम पक्ष के बीच बढ़ती तल्खी को देखते हुए अधिकारियों ने दोनों पक्षों से संवाद किया। पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन और मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बुधवार को काशी विश्वनाथ धाम के पिनाक भवन में दोनों पक्षों के लोगों के साथ बैठक की।
तय किया कि सर्वे के दौरान अब हिंदू और मुस्लिम पक्ष के लोग एएसआई की टीम से दूर रहेंगे। यह नई व्यवस्था गुरुवार से लागू हो जाएगी। हिंदू या मुस्लिम पक्ष के लोगों को अपनी बात एएसआई टीम से कहनी है तो वह सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में प्रवेश और निकास के समय उनसे बात कर सकेंगे। सर्वे के दौरान अब हिंदू या मुस्लिम पक्ष के लोग टीम के साथ नहीं रहेंगे, किसी तरह के सवाल भी नहीं करेंगे।
9 बजे सर्वे शुरू, लंच पर रुकेगा काम
सर्वे के लिए एएसआई की टीम सुबह आठ बजे ज्ञानवापी परिसर पहुंची है। लगभग नौ बजे सर्वे शुरू किया गया है। सर्वे 12.30 बजे लंच और नमाज के लिए रोका जाएगा। 2.30 बजे से दोबारा सर्वे शुरू होकर शाम 5 बजे तक चलेगा।
व्यासजी के तहखाने में अभी सफाई जारी
ज्ञानवापी के सर्वे 4 अगस्त से जारी है, पहले दिन का सर्वे 24 जुलाई को हुआ था। आज आठवें दिन ज्ञानवापी के तीनों गुंबदों के साथ टीम व्यासजी तहखाना में सफाई कराई जा रही है। व्यासजी तहखाने में बल्ब, लाइट और एग्जॉस्ट लगवाए, इसके बाद सर्वे शुरू किया गया। इसकी दीवारों की 3-डी फोटोग्राफी, स्कैनिंग करवाई जा रही है।
2 सितंबर तक कोर्ट में देनी होगी रिपोर्ट
पूरी ज्ञानवापी बिल्डिंग को एक बार में देखने के लिए सैटेलाइट के जरिए 3D इमैजिनेशन तैयार किया जा रहा है। इसमें टीम दीवारों की 3D इमेजिंग, मैपिंग और स्क्रीनिंग भी करेगी। मंगलवार को ASI से 50 लोग, हिंदू पक्ष से 8 लोग और मुस्लिम पक्ष से 3 लोग मौजूद हैं। वहीं, जिला कोर्ट में शनिवार को सुनवाई हुई। अजय कुमार विश्वेश की अदालत ने आदेश दिया कि ASI को अपनी सर्वे रिपोर्ट 2 सितंबर तक सब्मिट करनी होगी।
अब तक सर्वे में ASI ने क्या-क्या जुटाया
ASI ने चार सेक्टर बनाकर 100 मीटर एरियल व्यू फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की। पश्चिमी दीवारों के निशान, दीवार पर सफेदी का चूना, ईंट में राख और चूने की जुड़ाई समेत मिट्टी के कई सैंपल जुटाए हैं। इसमें पत्थर के टुकड़े, दीवार की प्राचीनता, नींव और दीवारों की कलाकृतियां, मिट्टी और उसका रंग, अवशेष की प्राचीनता सहित अन्न के दाने का सैंपल जुटाया है। इसके अलावा, टूटी मिली प्रतिमा का एक टुकड़ा भी ASI ने सैंपल में शामिल किया है। डिजिटल नक्शे में अंदर की वर्तमान स्थिति को भी अंकित किया जा रहा है।
18-20 दिनों में पूरा हो सकता है सर्वे का काम
ASI के विशेषज्ञों की अधिकारियों से जो चर्चा हुई है, उसके मुताबिक सर्वे 18-20 दिन में पूरा हो सकता है। आधुनिक तकनीक पर आधारित फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, मैपिंग व स्कैनिंग कराई जा रही है। आज पांचवें दिन भी इसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। इसमें एक्सपर्ट के तय होते ही GPR तकनीक से सर्वे के लिए अलग टीम वाराणसी आएगी।