चौंकिए मत! कुछ-कुछ चंद्रमा की सतह जैसी दिख रही यह सड़क कानपुर की है। वही सड़क, जिसका नाम चंद्रयान-3 रखा गया है। सड़क पर 100-100 फीट के गड्ढे हैं। ये 3 फीट तक गहरे हो चुके हैं। बारिश में ये गड्ढे तालाब बन जाते हैं। आलम यह है कि जहां चांद तक जाने के लिए दुनिया में होड़ मची हुई है। वहां चंद्रयान-3 सड़क पर बाहरी लोगों ने आना-जाना छोड़ दिया है। हर दिन इन गड्ढ़ों की वजह से कोई न कोई गिरकर चोटिल होता है। खास बात यह है कि एक-दो साल नहीं, बल्कि करीब 15 साल से इस सड़क का यही हाल है।
दरअसल, शनिवार को नगर निगम सदन में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का स्वागत किया था। इसरो के वैज्ञानिक एस. सोमनाथ समेत पूरी टीम को बधाई दी थी। इसके बाद बर्रा बाईपास से कर्रही जाने वाली रोड का नाम चंद्रयान-3 रखने की घोषणा की थी। इस पर खूब तालियां बजीं। मगर कर्रही रोड के गड्ढों की फोटो और खबर सुर्खियां बनीं, तो अफसरों के पैरों तले जमीन खिसक गई। सोशल मीडिया पर भी इस रोड को लेकर फजीहत शुरू हो गई।
अखिलेश बोले- चंद्रयान ने इसकी फोटो भेजी तो सरकार मुंह दिखाने लायक नहीं बचेगी
इधर, सपा प्रमुख ने अखिलेश यादव ने गड्ढों की फोटो को ट्वीट कर शासन पर तंज कसा। उन्होंने ट्वीट कर लिखा-मुख्यमंत्री जी जल्दी से कानपुर की इस सड़क को ठीक करवा दीजिए, कहीं चंद्रयान ने इस ऊबड़-खाबड़ सड़क को चंद्रमा की सतह समझकर फ़ोटो खींचकर भेज दी तो धरती पर उप्र की भाजपा सरकार कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं बचेगी।” इसके बाद सरकारी मशीनरी हरकत में आ गई। नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन के मुताबिक बारिश के बाद सड़क को फोर लेन किया जाएगा। अभी मोटरबेल किया जा रहा है।
तीसरी बार यहां से विधायक बने हैं सतीश महाना
कर्रही रोड जिस विधानसभा में पड़ती है। वह विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना का गढ़ माना जाता है। यहां से वे तीसरी बार विधायक हैं। यही नहीं, ढाई किलोमीटर की लंबाई वाली 3 वार्डों से होकर गुजरती है। वार्ड-70 कर्रही, यहां से पार्षद हैं संतोष साहू। वार्ड-21 खाड़ेपुर यहां से पार्षद हैं धीरेंद्र सोनकर। वार्ड-82 जरौली यहां से पार्षद हैं ऋचा शुक्ला। जो नगर निगम में सबसे कम उम्र की पार्षद हैं। ये तीनों ही पार्षद भाजपा से हैं। लेकिन इसके बाद भी सड़क की हालत खस्ता है। अब सड़क को लेकर विपक्ष यूपी सरकार को घेर रहा है।