यूपी में भाजपा ने 2024 के लिए मिशन-80 का लक्ष्य रखा है। पार्टी इस लक्ष्य को हासिल करने में जोर-शोर से जुटी भी है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को यूपी की कमान संभाले एक साल से ज्यादा का वक्त भी हो गया है, लेकिन अभी तक 2024 के लिए जिलों की टीम तैयार नहीं हो पाई है।
इसी साल मार्च महीने में जब उन्होंने प्रदेश संगठन में बदलाव किया था। इसके बाद से ही हर बार ये चर्चा होती आ रही है कि जल्द नए जिला अध्यक्षों की घोषणा की जाएगी। लेकिन, हर बार चर्चा ठंडे बस्ते में चली जाती है।
1- अवध से बदल सकते हैं 7 जिलाअध्यक्ष
अवध क्षेत्र में 15 संगठनात्मक जिले आते हैं। इसमें रायबरेली, उन्नाव, लखनऊ महानगर, लखनऊ जिला, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, अयोध्या महानगर, अयोध्या जिला, अंबेडकर नगर और बाराबंकी शामिल हैं। इनमें से 7 जिलों में जिला अध्यक्ष बदले जाने की संभावना है। इसमें लखनऊ महानगर और बहराइच जिले के जिलाध्यक्ष के नाम सबसे ऊपर हैं। इसके अलावा रायबरेली, सीतापुर जिले में भी बदलाव संभव है।
2- ब्रज से अलीगढ़-मथुरा महानगर जिलाध्यक्ष का बदला जाना तय
ब्रज क्षेत्र में 19 जिले आते हैं, जिनमें पीलीभीत, शाहजहांपुर, महानगर, शाहजहांपुर जिला, बरेली महानगर, बरेली जिला, आंवला, हाथरस, बदायूं, मथुरा महानगर, मथुरा जिला, एटा,अलीगढ़ महानगर, अलीगढ़ जिला, कासगंज, फिरोजाबाद महानगर, फिरोजाबाद जिला, आगरा महानगर, आगरा जिला आते हैं। बीजेपी इसमें से 8 जिला अध्यक्ष बदल सकती है। इसमें अलीगढ़ जिलाध्यक्ष और मथुरा महानगर के जिलाध्यक्ष को बदला जाना तय है ।
3- काशी से बदल सकते हैं 8 जिला अध्यक्ष
काशी क्षेत्र में 16 जिले आते हैं। इसमें वाराणसी महानगर, वाराणसी जिला, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर मछली शहर, सुल्तानपुर, अमेठी, प्रतापगढ़, कौशांबी, प्रयागराज महानगर, प्रयागराज गंगापार, प्रयागराज यमुनापार और भदोही शामिल हैं। इसमें भी बीजेपी 8 जिला अध्यक्ष बदल सकती है। इसमें वाराणसी, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, गाजीपुर, और जौनपुर के जिला अध्यक्ष बदलने की सबसे ज्यादा संभावन है।
4- पश्चिम से 10 जिला अध्यक्ष बदले जाएंगे
पश्चिम क्षेत्र में 19 जिले आते हैं। इसमें अमरोहा, बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद जिला, गाजियाबाद महानगर, हापुड़, मेरठ जिला, मेरठ महानगर, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद जिला, मुरादाबाद महानगर, नोएडा महानगर, रामपुर जिला, सहारनपुर जिला, शामली जिला, बागपत जिला, सम्भल और बिजनौर जिला शामिल हैं। इसमें से 10 जिलों के जिला अध्यक्ष बदले जा सकते हैं। इनमें अमरोहा, गाजियाबाद, मुरादाबाद जिला और मेरठ जिले के जिलाध्यक्ष को बदले जाने की सबसे ज्यादा संभावना है।
5- कानपुर क्षेत्र से महोबा और कानपुर देहात जिलाध्यक्ष का बदला जाना तय
कानपुर क्षेत्र में 17 जिले आते है। इनमें कानपुर उत्तर, कानपुर दक्षिण, कानपुर ग्रामीण, कानपुर देहात, बदायूं, जालौन, महोबा, चित्रकूट, हमीरपुर, कन्नौज, इटावा, फर्रुखाबाद, औरैया, फतेहपुर, झांसी महानगर, झांसी जिला और ललितपुर शामिल हैं। इनमें से 6 जिलाध्यक्ष बदले जा सकते हैं। खासतौर से महोबा और कानपुर देहात के जिलाध्यक्ष का बदला जाना तय है। साथ ही फतेहपुर जिले में भी बदलाव हो सकता है।
6- गोरखपुर क्षेत्र से बदल सकते हैं 5 जिला अध्यक्ष
गोरखपुर क्षेत्र में 12 जिले आते हैं। इसमें गोरखपुर महानगर, गोरखपुर जिला, आजमगढ़, लालगंज, देवरिया, कुशीनगर, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, बस्ती, मऊ, बलिया शामिल हैं। इसमें से 5 जिला अध्यक्ष बदले जा सकते हैं। जिसमें लालगंज, आजमगढ़, बस्ती जिलों में बदलाव होना लगभग पक्का है।
- MLC-मेयर बने जिला अध्यक्ष भी हटेंगे। पढ़िए इनके बारे में…
भाजपा, पार्टी विद द डिफरेंस के नारे को आगे लेकर चलती है। एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर काम करती है। इसीलिए जिला अध्यक्षों के इस बदलाव में ये तय किया गया कि जो जिला अध्यक्ष विधायक, MLC या मेयर बन चुके हैं, या उनके परिवार का कोई सदस्य नगर निगम या नगर पालिका का अध्यक्ष बन गए हैं, तो ऐसे जिला अध्यक्ष को भी उनके पद से हटाकर वहां नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी।
1- लखनऊ महानगर के जिला अध्यक्ष मुकेश शर्मा है, वो एमएलसी हैं। ऐसे उनकी जगह नया जिला अध्यक्ष घोषित किया जाएगा।
2- महोबा के जिला अध्यक्ष जितेंद्र सिंह सेंगर भी एमएलसी हैं। जितेंद्र की जगह भी नए जिला अध्यक्ष का नाम घोषित किया जाएगा।
3- वाराणसी जिले के जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा भी एमएलसी बन चुके हैं। विधान परिषद पहुंच गए हैं उनकी जगह भी नया जिला अध्यक्ष मिलने वाला है।
4- कानपुर देहात के जिला अध्यक्ष अविनाश चौहन भी विधान परिषद पहुंच गए हैं, वह भी एमएलसी हैं, उन्हें भी हटाया जाएगा।
5- अलीगढ़ के जिला अध्यक्ष ऋषिपाल जाट भी एमएलसी हैं, उन्हें भी बदला जाएगा।
6- मथुरा महानगर के जिला अध्यक्ष विनोद अग्रवाल मथुरा शहर के अब महापौर बन चुके हैं, उन्हें भी अब जिला अध्यक्ष की कुर्सी से हटाकर वहां नए व्यक्ति को नियुक्त किया जाएगा।
7- प्रयागराज महानगर के जिला अध्यक्ष गणेश केसरवानी भी प्रयागराज के मेयर बन चुके हैं, उनका भी हटना तय है। उनकी जगह नया जिला अध्यक्ष घोषित किया जाएगा।
8- बहराइच के जिला अध्यक्ष श्याम करण टेकरीवाल की पत्नी बहराइच नगर पालिका की अध्यक्ष बन चुकी हैं, ऐसे में उनका भी बदला जाना तय है।
9 -मेरठ के जिला अध्यक्ष विमल शर्मा सहकारी बैंक के अध्यक्ष बन चुके हैं ऐसे में उन्हें भी बदला जाना तय है।
दो टर्म पूरा कर चुके जिलाध्यक्ष भी बदले जाएंगे
2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी जिलों में नई टीम तैयार करने जा रही है। खासतौर से लंबे समय से जिला अध्यक्ष का कार्यभार संभाल रहे लोगों को भी बदलने की बीजेपी की तैयारी है। जो जिला अध्यक्ष के तौर पर दो टर्म से ज्यादा समय पूरा कर चुके हैं, ऐसे लोगों को भी इस बार बदला जाएगा। उनकी जगह नए, युवा और बेदाग चेहरों को पार्टी मौका देगी।
खासतौर से हरदोई के जिला अध्यक्ष कन्नौज के जिला अध्यक्ष झांसी के जिला अध्यक्ष, हमीरपुर के जिला अध्यक्ष, मिर्जापुर के जिला अध्यक्ष, प्रतापगढ़ के जिला अध्यक्ष, जौनपुर के जिला अध्यक्ष, गाजीपुर के जिला अध्यक्ष और अमेठी के जिला अध्यक्ष को भी बदलने की तैयारी पार्टी ने कर ली है।
जातीय समीकरणों को भी इस बदलाव के जरिए साधने की तैयारी
2024 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से इन जिला अध्यक्षों के बदलाव को काफी अहम माना जा रहा है। इस बदलाव के जरिए भाजपा न केवल क्षेत्रीय समीकरणों को साधने की कोशिश करेगी, बल्कि जातीय समीकरणों को भी साधने पर उसका फोकस रहेगा। माना जा रहा है कि इस बदलाव में पार्टी कई जिलों में OBC चेहरों को भी मौका दे सकती है।
उत्तर प्रदेश में OBC वोट बैंक की बात करें तो वह सबसे ज्यादा तकरीबन 52% है। चाहे 2014 के लोकसभा चुनाव रहे हों या फिर 2019 का…OBC समाज ने बीजेपी का हर चुनाव में साथ दिया है। लगातार भाजपा सत्ता में बनी रही है। इसीलिए अब OBC वोट बैंक को साथ लाने के लिए बीजेपी इस बदलाव में भी OBC चेहरों को ज्यादा मौका दे सकती है।
सभी 98 संगठनात्मक जिलों के जिला अध्यक्षों की सूची होगी जारी
भाजपा भले ही 44 से ज्यादा जिलों में नए जिला अध्यक्ष नियुक्त करें, लेकिन घोषणा संगठनात्मक जिलों के जिला अध्यक्षों की प्रदेश से की जाएगी। इसमें जिन जिलों में जिला अध्यक्ष को रिपीट करना है, उसका नाम लिस्ट में रहेगा। बाकी जिलों में जहां बदलाव होना है, वहां नए अध्यक्ष का नाम घोषित किया जाएगा। लेकिन, पार्टी की ओर से सभी जिलों की लिस्ट जारी की जाएगी। हालांकि, एक संभावना ये भी है कि मऊ जिले की घोसी सीट पर होने वाले उपचुनाव के चलते मऊ के साथ इन जिलों के नए अध्यक्षों का नाम चुनाव के बाद भी घोषित किया जा सकता है।