आज भारत का पहला सोलर मिशन आदित्य L1 श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। 11 बजकर 50 मिनट पर यह सूरज के पथ पर चल देगा। पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) रॉकेट इसे सबसे पहले पृथ्वी के वातावरण से बाहर निकालेगा। इसके बाद सैटेलाइट पर लगे बूस्टर फायर इसे L1 (लागरेंज) एक्सिस तक पहुंचाएंगे।
लॉन्चिंग से पहले यूपी में हवन-पूजन शुरू हो गए हैं। सफल लॉन्चिंग की प्रार्थना करते हुए अयोध्या और वाराणसी में यज्ञ हुई। वाराणसी में भी लोग अपने घरों, स्कूलों और यूनिवर्सिटी में आदित्य की लॉन्चिंग LIVE देखेंगे। वाराणसी में चारों ओर हवन कुंड में सामग्री डालकर हर-हर महादेव का जयघोष किया जा रहा है। बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ से आदित्य L1 की सफल लॉन्चिंग के लिए प्रार्थना की जा रही है।
डॉ. अलकेंद्र सिंह का कहना है कि स्पेस वेदर को लेकर स्थिति थोड़ी चैलेंजिंग है, लेकिन इसके फायदे भी हैं। इस साल सूरज से काफी ज्यादा मात्रा में प्लाज्मा, सोलर फ्लेयर्स और रेडिएशंस निकल रहे हैं। आदित्य L1 आज लॉन्च होने के बाद यह 127 दिन में 15 लाख किलोमीटर दूर L1 पाॅइंट पर पहुंचेगा। इन 4 महीने में आदित्य को कम से कम 15-20 बार स्पेस वेदर में सूरज के तूफान का सामना करना पड़ेगा। बहरहाल, इसे इस तरह के वेदर कंडीशन को झेलने लायक बनाया गया है। अपने तय समय अगले साल 7 जनवरी को यह सूरज को फतह कर लेगा।
कैसा होगा आदित्य का पथ
डॉ. अलकेंद्र ने आदित्य L-1 के पथ के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि यह चंद्रयान की तरह केवल गोल ही नहीं घूमकर चलेगा, बल्कि कई बार सीधे भी चलेगा या फिर लंबे परवलयाकार पथ को फॉलो करेगा। इस दौरान सूरज की ओर से कई इरप्शन आएंगे। आज भी एक सोलर इरप्शन है। लेकिन, यह टकराएगा नहीं। बल्कि काफी वैल्यूएबल डेटा देगा।
हैलो ऑर्बिट में घूमेगा यह
डॉ. अलकेंद्र ने कहा कि 127 दिन के बाद आदित्य L1 के हैलो ऑर्बिट में घूमता रहेगा। यह सूरज और पृथ्वी के बीच एक ऐसा स्थान है, जहां पर दोनों की मैग्नेटिक फील्ड 0 हो जाता है। आदित्य L1 सूरज से जुड़े डेटा हमें लाइट की स्पीड से भेजेगा। यानी कि हमें 5 सेकेंड में ही डेटा मिल जाएगा। रोजाना 1440 पिक्चर्स भी भेजेगा। डॉ. अलकेंद्र ने कहा कि सूरज से आने वाली अपार हीटिंग से आदित्य L1 को कोई नुकसान नहीं होगा। क्योंकि वैक्यूम में गर्मी का एहसास नहीं होता। आदित्य को 5 साल तक डेटा लेना है। यह काफी चैलेंजिंग मिशन है। अभी तक अमेरिका का सोहो ही इस पॉइंट तक पहुंचने में सफल रहा है।
150 सन स्पॉट खोलेंगे सूरज के राज
IIT-BHU में फिजिक्स डिपार्टमेंट के खगोल वैज्ञानिक और सूरज के वातावरण की भविष्यवाणी पर रिसर्च कर रहे डॉ. बिद्या बिनय कारक ने बताया कि सूरज को पढ़ने और समझने का यह सबसे सटीक समय है। आदित्य L1 दुनिया को काफी हैरतअंगेज और बड़े काम का डेटा भेज सकता है। क्योंकि, इसकी लॉन्चिंग टाइमिंग काफी सटीक है।
डॉ. कारक ने बताया, “जिस टाइम सैटेलाइट L1 पॉइंट पर पहुंचेगा। उस वक्त सूरज काफी आक्रामक होगा। सोलर विस्फोटों काफी ज्यादा होंगे। ऐसे में वहां से ज्यादा मात्रा में सोलर फ्लेयर्स, सोलर विंड, UV किरणें, XRAY और गामा समेत कई किरणों का काफी ज्यादा उत्सर्जन होगा। सन प्रेडिक्शन के डेटा पर रिसर्च करने के बाद पता चला है कि अगले 2-3 महीनों में स्थितियां पीक पर भी जाएंगी। सूरज पर करीब 150 सन स्पॉट्स बन सकते हैं। सूरज पर जितने ज्यादा धब्बे होंगे। उस टाइम पर उतने ही ज्यादा अच्छे डेटा मिलते हैं। सूरज के हर एक पहलु और उससे निकलने वाली हजारों रेडिएशन के डेटा को जान सकेंगे।”