देश में जन्माष्टमी की धूम है। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह को जेल की तरह सजाया गया है। यहां रात 12 बजते ही भगवान श्रीकृष्ण जन्म का पूजन और भगवान का पंचामृत अभिषेक शुरू हो गया। महंत नृत्य गोपाल दास भगवान के बाल स्वरूप का पंचामृत अभिषेक कर रहे हैं।
अभिषेक के लिए भगवान को कमल पुष्प पर विराजमान किया गया। 500 किलो गुलाब के फूल और इत्र की वर्षा की जा रही है।
राजस्थान के मेवाड़ में पहली बार आसमान में ड्रोन से कृष्ण लीला को दिखाया गया। ये आयोजन चित्तौड़गढ़ जिले के सांवलिया सेठ मंदिर में हुआ। सबसे पहले आसमान में सांवलिया सेठ के मंदिर के साथ ‘श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामना’ लिखा गया। 1000 ड्रोन के जरिए आसमान में कृष्ण लीलाओं को दिखाया गया।
गुजरात और महाराष्ट्र में कई जगहों पर दही-हांडी फोड़ने के कॉम्प्टीशन हुए। मुंबई के ठाणे में दही-हांडी उत्सव मनाया गया। गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर से श्रद्धालुओं ने श्रीकृष्ण की झांकी निकाली।
इस साल दो दिन जन्माष्टमी
देश के कई शहरों में बुधवार को जन्माष्टमी मनाई गई। रात 12 बजे मंदिरों और घरों में लोगों ने भगवान कृष्ण की पूजा की। हालांकि देश के कई बड़े मंदिरों में आज (7 सितंबर) को जन्माष्टमी मनाई जा रही है। इन मंदिरों में मथुरा का कृष्ण जन्मभूमि मंदिर, वृंदावन का बांके बिहारी और द्वारका का द्वारकाधीश मंदिर शामिल हैं। इन मंदिरों में 7 और 8 सितंबर की दरमियानी रात 12 बजे श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव होगा।