‘विवादों के मंत्री’ को दलित चेहरा का फायदा:BJP की क्या मजबूरी…जो विवादों के बाद भी दिनेश खटीक पर एक्शन नहीं; मंत्री को प्रोटेक्शन के कारण समझिए

योगी सरकार में जलशक्ति संसाधन राज्यमंत्री दिनेश खटीक एक बार फिर विवादों में घिरे हैं। इस बार मंत्री का धमकी देने का ऑडियो सामने आया है। जिसमें हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक एक युवक को धमकी देते हुए तेरी जिंदगी खराब कर दूंगा कहते सुने जा सकते हैं।

ये मामला एक प्लॉट के विवाद में दो पक्षों के बीच होने वाली पंचायत का था। राज्यमंत्री दिनेश खटीक का कहना है कि क्षेत्र के लोगों ने बुधवार को दिव्यांशु की तरफ से पंचायत बुलाई थी। उन्हें भी बुलाया गया था। प्रदीप को भी पंचायत में आना था, गांव के लोगों ने बताया कि वो नहीं आए हैं तो मैंने फोन कर पूछा कि आप आए क्यों नहीं। उन्होंने मुझसे बदसलूकी की, जिस पर मैने उनको जवाब दिया। मेरा इसमें अपना निजी कोई मामला नहीं है। बातचीत की ऑडियो अधूरी है, पहले की वीडियो जानबूझकर काट दी गई है। 

योगी सरकार 1.0 में मंत्रीमंडल विस्तार के वक्त दिनेश खटीक को राज्यमंत्री बनाया गया। उसके बाद दिनेश खटीक का विवादों से नाम जुड़ता चला गया। 2022 में यूपी में भाजपा की सरकार बनने के बाद दिनेश खटीक को फिर मंत्रीमंडल में स्थान दिया गया।

3 पीढ़ियों से संघ से जुड़े रहने का फायदा
दिनेश खटीक को दो बार राज्यमंत्री बनने में बड़ा फैक्टर संघ से नजदीकी है। दिनेश का परिवार 3 पीढ़ियों से संघ से जुड़ा है। 2022 के चुनाव में जहां दिनेश खटीक का टिकट कटना तय था। वहां लास्ट वक्त पर दिनेश को टिकट मिला। बाद में राज्यमंत्री भी बने।

दिनेश खटीक के दादा बनवारी खटीक जनसंघी थे। पिता देवेंद्र कुमार भी स्वयं सेवक संघ से जुड़े रहे। इसीलिए दिनेश खटीक पर बचपन से ही संघ की विचारधारा की छाप रही और वे उससे जुड़े। छोटे भाई नितिन खटीक ने भी राजनीति में हाथ आजमाया है।

नितिन 2016 से 2021 तक जिला पंचायत सदस्य रहे हैं। परिवारवाद का विरोध करने वाली भाजपा से हालिया निकाय चुनाव में दिनेश खटीक की 2 बहनों को नगर पंचायत अध्यक्ष पद का टिकट मिला, चुनाव जीती। हालांकि पूर्व विधायक गोपाल काली इनकी संघ पृष्ठभूमि पर सवाल उठा चुके हैं।

वेस्ट यूपी में भाजपा के लिए दलित चेहरा
दिनेश खटीक भाजपा के लिए आज बड़ा दलित चेहरा हैं। बनियो, ब्राह्मणों की पार्टी कहलाने वाली भाजपा को पश्चिमी यूपी में अपनी जड़ें मजबूत करने के लिए ऐसे चेहरों की तलाश थी, जो दलितों में बड़ा नाम हो। ऐसे में भाजपा ने 2017 के चुनाव में हस्तिनापुर एससी रिजर्व सीट पर संघ के करीबी दिनेश खटीक को टिकट दिया। दिनेश खटीक ने बसपा प्रत्याशी योगेश वर्मा को मात दी और भाजपा में कद बढ़ा लिया। तभी से दिनेश भाजपा का वेस्ट यूपी में युवा दलित चेहरा बन गए।

पश्चिम यूपी से पार्टी में अब तक जो दलित चेहरे हैं, उनसे पार्टी संतुष्ट नहीं है। इसीलिए 2022 के चुनाव में दलितों को साधने के लिए दिनेश खटीक पर दोबारा दांव खेला गया। दिनेश की तब प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल से नजदीकी रही जिसका लाभ मिला। हस्तिनापुर सीट बिजनौर, मेरठ लोकसभा में आती है।