केरल में निपाह संक्रमितों के कॉन्टैक्ट में 1008 लोग आए:इनमें 327 स्वास्थ्य कर्मी; वायरस के कारण कोझिकोड में 24 सितंबर तक स्कूल-कॉलेज बंद

केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस का छठा केस मिलने के बाद सभी स्कूल-कॉलेज और ट्यूशन सेंटर्स को 24 सितंबर तक बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। 14 सितंबर से ही शैक्षणिक संस्थाएं बंद हैं। दूसरी तरफ निपाह वायरस से संक्रमितों के कॉन्टैक्ट में आने वाले लोगों की संख्या 1008 हो गई है।

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि इनमें से 327 स्वास्थ्य कर्मी हैं। कोझिकोड जिले के बाहर संक्रमितों के संपर्क में 29 लोग आए हैं। कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में मलप्पुरम के 22, वायनाड के 1 और कन्नूर-त्रिशूर जिले के 3-3 लोगों की पहचान हुई है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि ये आंकड़ा और बढ़ सकता है। कोझिकोड में निपाह वायरस से 30 अगस्त को पहली और 11 सितंबर को दूसरी मौत हुई थी। 30 अगस्त को मृतक के अंतिम संस्कार में 17 लोग शामिल हुए थे। इन सभी को आइसोलेशन में रखा गया है।

निपाह के 4 एक्टिव मामलों में एक 9 साल का बच्चा भी शामिल
केरल में स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को कोझिकोड में एक व्यक्ति (39) के निपाह वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि की थी। इसी के साथ कोझिकोड में निपाह वायरस के चार एक्टिव मामले हो गए। इनमें एक 9 साल के बच्चे की हालत गंभीर है। वह आईसीयू में भर्ती है।

कोरोना के मुकाबले निपाह वायरस से मृत्यु दर काफी ज्यादा
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डीजी राजीव बहल ने शुक्रवार को बताया कि निपाह वायरस से मृत्यु दर 40-70% है। यह कोरोना वायरस से होने वाली मृत्यु दर की तुलना में काफी ज्यादा है। कोरोना से मृत्यु दर 2-3% है।

ICMR ने बताया कि केरल में निपाह वायरस के फैलने की वजह साफ नहीं है। हालांकि, अधिक मृत्यु दर को देखते हुए ICMR ने सावधानी बरतने की अपील की है। केरल में लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, मास्क पहनने और चमगादड़ों के संपर्क में आने वाले कच्चे भोजन से दूर रहने की सलाह दी गई है।

भारत ने ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के 20 डोज मांगी
ICMR के बताया कि निपाह वायरस के इलाज के लिए भारत ने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 और डोज ऑस्ट्रेलिया से मांगी है। अभी हमारे पास केवल 10 डोज मौजूद हैं।

हमारे शरीर में मौजूद एंटीबॉडी को जब लेबोरेटरी में बनाया जाता है, इसे मोनोक्लोनल एंडीबॉडी कहते हैं। ये कैंसर समेत कई बीमारियों के इलाज में मददगार होती है।

भारत के बाहर विश्व भर में अब तक निपाह से संक्रमित 14 लोगों को ही मोनोक्लोनल एंटीबॉडी दी गई है। इनमें सभी की जान बची है। भारत ने 2018 में ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी डोज मंगवाए थे। उस साल केरल के कोझिकोड और मलप्पुरम जिले में निपाह से 17 लोगों की मौत हुई थी।

कर्नाटक सरकार ने जारी किया सर्कुलर
केरल के पड़ोसी राज्य कर्नाटक में सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें आम जनता को केरल के प्रभावित इलाकों में सफर करने से बचने की सलाह दी है। सर्कुलर में अधिकारियों को केरल की बॉर्डर से जुड़े जिले (कोडागु, दक्षिण कन्नड़, चामराजनगर और मैसूर) में निगरानी तेज करने के भी आदेश दिए गए हैं।

निपाह का पहला मामला 25 साल पहले मलेशिया में मिला था
WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के मुताबिक, 1998 में मलेशिया के सुंगई निपाह गांव में पहली बार निपाह वायरस का पता चला था। इसी गांव के नाम पर ही इसका नाम निपाह पड़ा। तब सूअर पालने वाले किसान इस वायरस से संक्रमित मिले थे।

मलेशिया मामले की रिपोर्ट के मुताबिक, पालतू जानवरों जैसे कुत्ते, बिल्ली, बकरी, घोड़े से भी इंफेक्शन फैलने के मामले सामने आए थे। मलेशिया के बाद उसी साल सिंगापुर में भी इस वायरस का पता चला था।

इसके बाद 2001 में बांग्लादेश में भी इस वायरस से संक्रमित मरीज मिले। कुछ वक्त बाद बांग्लादेश से जुड़ी भारतीय सीमा के आसपास भी निपाह वायरस के मरीज मिलने लगे।