पुलिस ने न्यूजक्लिक फाउंडर की गिरफ्तारी की वजह बताई:कहा- वेबसाइट ने कश्मीर-अरुणाचल को भारत से अलग दिखाने का इंटरनेशनल एजेंडा चलाया

दिल्ली पुलिस ने बुधवार 4 अक्टूबर को न्यूजक्लिक के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी की वजह बताई। उन्होंने कहा- इनकी वेबसाइट ने अरुणाचल प्रदेश और कश्मीर को भारत का हिस्सा न दिखाने का इंटरनेशनल एजेंडा चलाया था। इसे लेकर उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं।

न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने ये भी दावा किया कि उनके पास प्रबीर पुरकायस्थ और अमेरिकी टेक मुगल नेविल रॉय सिंघम के बीच के ईमेल ट्रेल्स हैं। इनमें चर्चा की गई है कि भारत का नक्शा कैसे बनाया जाए जहां कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश ‘विवादित इलाका’ के रूप में दिखाए जाएं।

दिल्ली पुलिस ने 3 अक्टूबर की रात न्यूजक्लिक वेबसाइट के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ और HR प्रमुख अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था। 4 अक्टूबर की सुबह उन्हें 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। न्यूजक्लिक पर विदेशी फंडिंग लेने का आरोप है।

देश की एकता और अखंडता को कमजोर करने का इरादा था
दिल्ली पुलिस ने ये भी दावा किया कि वेबसाइट ने भारत की उत्तरी सीमाओं के साथ छेड़छाड़ और मैप में कश्मीर और अरुणाचल को भारत के हिस्से के रूप में नहीं दिखाया। उनकी ये कोशिश देश की एकता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करने के इरादे को दिखाती है।

पुलिस ने ये भी कहा है कि गौतम नवलखा के न्यूजक्लिक में शेयरधारक होने की भी जानकारी मिली है, जो देश विरोधी एक्टिविटी में शामिल रहे हैं।

दिल्ली पुलिस ने न्यूजक्लिक से जुड़ी 30 लोकेशंस पर रेड की
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार 3 अक्टूबर को सुबह न्यूजक्लिक से जुड़ी 30 से ज्यादा लोकेशंस पर छापेमारी की थी। पुलिस ने बताया कि 9 महिलाओं समेत 46 लोगों से पूछताछ की गई। इनमें पत्रकार उर्मिलेश, औनिंद्यो चक्रवर्ती, अभिसार शर्मा, प्रांजय गुहा के अलावा इतिहासकार सोहेल हाशमी भी शामिल हैं। करीब 6 घंटे की पूछताछ के बाद इन्हें छोड़ दिया गया।

पुलिस ने पत्रकारों से उनकी विदेश यात्रा, दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, किसान आंदोलन सहित विभिन्न मुद्दों से जुड़े 25 सवाल पूछे। पत्रकारों का आरोप है कि उनका लैपटॉप और मोबाइल जब्त कर लिया गया।

न्यूजक्लिक ने बयान जारी कर पक्ष रखा, कहा- हमने चीनी प्रचार नहीं किया

न्यूजक्लिक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पहले ट्विटर) पर बयान जारी कर अपना पक्ष रखा है। बयान में कहा गया है कि-

  • न्यूजक्लिक एक स्वतंत्र न्यूज वेबसाइट है, जो किसी चीनी संस्था या अथॉरिटी के आदेश पर डायरेक्टली या इनडायरेक्टली कोई खबर या जानकारी पब्लिश नहीं करती है।
  • न्यूजक्लिक अपनी वेबसाइट पर किसी चीनी प्रोपेगैंडा का प्रचार नहीं करती है। अपनी वेबसाइट पर पब्लिश होने वाले कंटेंट के लिए नेविल रॉय सिंघम से कोई दिशा-निर्देश नहीं लेती है।
  • न्यूजक्लिक को मिली सारी फंडिंग प्रॉपर बैंकिंग चैनल्स के जरिए आई हैं। इसके बारे में संबंधित अथॉरिटी को जानकारी दी गई थी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने दिल्ली हाईकोर्ट में इसकी पुष्टि भी की है।
  • न्यूजक्लिक वेबसाइट का सारा कंटेंट इंटरनेट पर सभी लोगों के लिए उपलब्ध है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने किसी भी आर्टिकल या वीडियो के बारे में नहीं बताया है, जिसे वे चीनी प्रचार मानते हों। वहीं, पुलिस ने दिल्ली दंगे और किसान आंदोलन की रिपोर्टिंग के बारे में सवाल पूछे। ये कार्रवाई के पीछे के इरादे के बारे में बताते हैं।
  • न्यूजक्लिक को कोर्ट और न्यायिक प्रक्रिया में पूरा भरोसा है। हम भारतीय संविधान के तहत पत्रकारीय आजादी के लिए लड़ते रहेंगे।

पॉलिटिकल पार्टियों और एडिटर्स गिल्ड ने छापेमारी का विरोध किया
कांग्रेस, आप और सपा ने छापेमारी की आलोचना की। विपक्षी गठबंधन ने कहा कि सरकार सच दबाने की कोशिश कर रही है। वहीं, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भुवनेश्वर में एक सभा में कहा कि देश में जांच एजेंसियां स्वतंत्र हैं और कानून के मुताबिक काम करती हैं।

एडिटर्स गिल्ड और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी छापेमारी का विरोध किया। एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि यह कार्रवाई मीडिया पर लगाम लगाने का एक और प्रयास है। कठोर कानूनों का इस्तेमाल डराने-धमकाने या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने के लिए नहीं होना चाहिए।

UAPA के तहत दर्ज किया गया था केस
5 अगस्त को न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया था कि न्यूजक्लिक को एक अमेरिकी अरबपति नोवेल रॉय सिंघम ने फाइनेंस किया था। वे चीनी प्रोपेगैंडा को बढ़ावा देने के लिए भारत समेत दुनियाभर में संस्थाओं को फंडिंग करते हैं।

इस रिपोर्ट के आधार पर 17 अगस्त को न्यूजक्लिक के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इनके खिलाफ IPC की धारा 153 (A) (धर्म, जाति के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के साथ-साथ UAPA की कई धाराएं (13, 16, 17, 18 और 22) भी लगाई गई हैं।

धारा 16- आतंकी मामलों से जुड़ी, धारा 17- आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग जुटाना, धारा 18- षड्यंत्र की सजा, धारा 22 सी- कंपनियों द्वारा किए गए अपराध की सजा है।

हाईकोर्ट ने पुरकायस्थ की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी
इससे पहले, 22 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने न्यूजक्लिक के एडिटर इन चीफ प्रबीर पुरकायस्थ को नोटिस दिया था। यह नोटिस दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंसेस विंग (EOW) की याचिका पर दिया गया था। पुलिस ने याचिका में कोर्ट के अंतरिम आदेश को वापस लेने की अपील की थी, जिसमें न्यूज साइट के खिलाफ सख्त एक्शन लेने पर रोक लगाई गई थी।

दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने 7 जुलाई 2021 को प्रबीर पुरकायस्थ को गिरफ्तार न करने का आदेश दिया था। हालांकि कोर्ट ने कहा था कि पुरकायस्थ को अधिकारियों के निर्देशों के मुताबिक जांच में सहयोग करना होगा। दिल्ली पुलिस की याचिका के बाद कोर्ट ने पुरकायस्थ से इस मामले में जवाब तलब किया था।