पेशाब कांड के शराबी को RPF की क्लीन चिट:वैज्ञानिक बोले- लाइट जलाई, फिर भी पत्नी पर पेशाब करता रहा; यूं छोड़ना गलत

झांसी में संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के एसी कोच में वरिष्ठ वैज्ञानिक और उनकी पत्नी पर पेशाब करने वाले आरोपी को आरपीएफ थाने से ही छोड़ दिया गया। क्योंकि उसके खिलाफ रेलवे एक्ट की धारा 145 में कार्रवाई की गई थी। यह जमानती धारा है। इस कार्रवाई से पीड़ित वरिष्ठ वैज्ञानिक बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है।

उनका कहना है कि एसी जैसे कोच में महिलाओं के सामने प्राइवेट पार्ट दिखाना और पेशाब करना कोई साधारण मामला नहीं है। इस अपराध से रेलवे की भी बदनामी हुई है। बेहद शर्मनाक हरकत करने वाले आरोपी को यूं ही छोड़ना गलत है। कम से कम उसे जेल भेजना चाहिए था। केस दर्ज कर उसे दोबारा गिरफ्तार किया जाए। जिससे आगे से वह किसी के साथ इस तरह का बर्ताव करने की हिम्मत न कर सके।

लाइट जलाई, फिर भी नहीं रुका शराबी
घटना बुधवार रात की है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जीएन खरे (66) और उनकी पत्नी ऊषा खरे (60) मध्यप्रदेश के हरपालपुर से हजरत निजामुद्दीन जा रहे थे। वे गाड़ी संख्या 12447 संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में रात 9:51 बजे एसी कोच बी-3 की लोअर बर्थ की सीट नंबर 57 व 60 पर यात्रा कर रहे थे। उनकी ऊपर वाली सीट पर कुतुब बिहार साउथ वेस्ट नई दिल्ली का रहने वाला रितेश सफर कर रहा था। आरोप है कि वो शराब के नशे में धुत था।

डॉ. जीएन खरे ने बताया,”जब मैं ट्रेन में सवार हुआ तो आरोपी पहले से सो रहा था। मैं और मेरी पत्नी भी सीट पर सो गए। झांसी पहुंचने से पहले ओरछा के आस-पास कुछ गीला-गीला आभास हुआ। जब उठकर देखा तो आरोपी नीचे खड़े होकर हमारे ऊपर पेशाब कर रहा था। मैंने लाइट जलाई, तब भी वह मेरी पत्नी के ऊपर पेशाब करता रहा। वह रुका तक नहीं। मैंने शोर मचाया, दौड़कर टीटीई और कोच अटेंडेंट को बुलाया। फिर ट्रेन में तैनात पुलिसकर्मी भी आ गए और आरोपी को पकड़ लिया।”

टीटीई लिखकर दे रहे हैं, फिर भी कार्रवाई कमजोर
आरपीएफ द्वारा इस शर्मसार कर देने वाली घटना को बेहद हल्के में लिया। रेलवे एक्ट में चालान काटकर युवक को घटना के चंद घंटों में ही चलता कर दिया। आरपीएफ की इस कार्रवाई से पीड़ित वैज्ञानिक डाॅ. जीएन खरे संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि झांसी स्टेशन पर बहुत कम समय के लिए ट्रेन रुकी थी, इतना समय नहीं था कि तहरीर दे सकूं।

लेकिन टीटीई ने लिखकर दिया कि आरोपी ने महिला के ऊपर पेशाब किया है, फिर भी आरोपी को थाने से ही छोड़ना गलत है। किसी महिला के सामने कोई नग्न अवस्था में खड़ा होकर इस तरह की गंदी हरकत कर रहा है और आरपीएफ ने उसे थाने से ही छोड़ दिया। यह बहुत बड़ा अपराध है। इस तरह से तो ऐसी घटनाओं को बढ़ावा मिलेगा।

डीआरएम ने दिए जांच के निर्देश
चलती ट्रेन में बुजुर्ग वैज्ञानिक और उनकी पत्नी के ऊपर शराबी यात्री द्वारा पेशाब करने की घटना के तूल पकड़ने के बाद रेल प्रशासन सक्रिय हो गया है। मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा की ओर से घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच के बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।