इजराइल ने गाजा में मस्जिदों पर हमले किए:सेना ने अब तक 1707 जगहों को निशाना बनाया; मैप-तस्वीरों में देखिए पहले और अब के हालात

इजराइल और हमास के बीच आज जंग का चौथा दिन है। हमास ने गाजा से 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमला किया था। इसके साथ ही उसके लड़ाकों ने इजराइल से 150 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया। इजराइल ने गाजा पर जवाबी हमले में अब तक करीब 1,707 जगहों को निशाना बनाया है। इस दौरान उन्होंने कई मस्जिदों पर भी हमला किया।

इजराइल ने अपनी सेना को सोमवार को पूरी गाजा पट्टी पर कब्जे करने का आदेश दे दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक इजराइल ने गाजा में कई मस्जिदों पर भी हमले किए हैं। इनमें से चार मस्जिद शती रिफ्यूजी कैंप में थीं, जो पहले से ही गाजा पट्टी के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है।

इजराइली सेना ने कहा है कि हमास के गाजा में रिहायशी इलाकों में ठिकाने हैं। वो यहीं से ऑपरेट करता है। इजराइल के मुताबिक, इसमें एक मस्जिद भी शामिल है जिस पर उसने हमला किया है।

इजराइल बोला- पहली बार एक दिन में हुई इतनी मौतें
गाजा की तरफ से हो रहे हमलों के बीच इजराइल ने बॉर्डर के पास रह रहे लोगों को वहां से हटाया है। इजराइल के फॉरेन प्रेस रिलीज के मुताबिक, देश की स्थापना से लेकर अब तक पहली बार इजराइल में एक दिन में इतनी मौतें हुई हैं। इजराइल पर हमास का सरप्राइज अटैक पिछले 50 सालों का सबसे बड़ा हमला है।

हमास को कहां से मिलती है फंडिंग
अमेरिका और यूरोप ने हमास को एक आतंकी संगठन घोषित किया है। इसलिए आधिकारिक मदद नहीं मिल पाती जैसे वेस्ट बैंक में PLO को मिलती है। फिलिस्तीनी प्रवासियों और फारस की खाड़ी के प्राइवेट डोनर्स ने इस उग्रवादी आंदोलन को ज्यादातर फंडिंग की है। कुछ इस्लामिक चैरिटी ने हमास समर्थित ग्रुप्स को पैसा दिया है।

गाजा की माली हालत बेहद खराब है। गाजा में रहने वाले फिलिस्तीनियों की जिंदगी अंतरराष्ट्रीय मदद पर निर्भर है। ये मदद आमतौर पर संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के जरिए गाजा तक पहुंचती है। इस वक्त हमास के सबसे बड़े मददगारों में ईरान शामिल है। वो पैसा, हथियार और ट्रेनिंग सब दे रहा है। एक अनुमान के मुताबिक ईरान हमास को सालाना करीब 100 मिलियन डॉलर यानी करीब 830 करोड़ रुपए की मदद देता है।

2002 में राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के सत्ता में आने के बाद से तुर्की हमास का एक कट्टर समर्थक और इजराइल का आलोचक रहा है। तुर्की केवल राजनीतिक रूप से हमास का समर्थन करने की बात करता है, लेकिन उस पर हमास के उग्रवाद को भी फंडिंग करने का आरोप लगाया जाता है।