शराब घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर 12 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई टल गई। लाइव लॉ वेबसाइट के मुताबिक, इस केस के सुनवाई करने वाले जज जस्टिस संजीव खन्ना किसी और मामले की सुनवाई में बिजी थे। हालांकि, अभी तक यह नहीं बताया कि अब सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई कब होगी।
इससे पहले 5 अक्टूबर को कोर्ट ने जांच एजेंसी ED से पूछा था कि आखिर सिसोदिया के खिलाफ सबूत कहां हैं?
AAP नेता 228 दिन से जेल में बंद हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की हैं, जिनमें दिल्ली हाईकोर्ट के जमानत न देने के फैसले को चुनौती दी गई है। उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि सिसोदिया पर आरोप बेबुनियाद हैं और इनसे साबित नहीं होता कि याचिकाकर्ता का इस धांधली से कोई संबंध है।
दरअसल, सिसोदिया को आबकारी नीति केस में 26 फरवरी को CBI ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद इसी नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने 9 मार्च को उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
5 अक्टूबर की सुनवाई में SC ने ED से पूछा था- सबूत कहां हैं?
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने ED से कहा था- सबूतों की कड़ी एक-दूसरे से नहीं जुड़ रही है। आपकी दलीलें अनुमान पर आधारित हैं, जबकि यह सबूतों पर आधारित होनी चाहिए।
बेंच ने ED से सवाल किया कि सरकारी गवाह बने कारोबारी दिनेश अरोड़ा के बयान के अलावा सिसोदिया के खिलाफ सबूत कहां हैं। सिसोदिया को अगर पैसे मिले तो किसने दिया और यह उन तक कैसे पहुंचा? पैसे देने वाले बहुत सारे लोग हो सकते हैं। जरूरी नहीं कि यह शराब से जुड़ा हो।
26 फरवरी को CBI ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया
CBI ने 17 अगस्त को सिसोदिया और अन्य 13 के खिलाफ एक FIR दर्ज की थी, जिसके बाद लगातार जांच होती रही। 26 फरवरी को भ्रष्टाचार के मामले में एजेंसी ने सिसोदिया को अरेस्ट किया। शराब नीति मामले की CBI जांच का आदेश जुलाई में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की एक शिकायत के आधार पर दिया गया था। इसमें सक्सेना ने AAP नेताओं पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया था।
ED ने तिहाड़ जेल से सिसोदिया को गिरफ्तार किया था
जांच एजेंसी ED ने CBI की FIR कॉपी के आधार पर 22 अगस्त 2022 को शराब घोटाले में सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। एजेंसी ने 1 मार्च को शराब नीति केस में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर बिजनेसमैन अमनदीप सिंह ढल को गिरफ्तार किया।
अमनदीप से पूछताछ के बाद एजेंसी ने एक और बिजनेसमैन अरुण रामचंद्र पिल्लई को 6 मार्च को गिरफ्तार किया। इसके बाद ED दोनों आरोपियों को लेकर तिहाड़ जेल पहुंची और मनी लॉन्ड्रिंग केस में मनीष सिसोदिया से पूछताछ शुरू की। 9 मार्च को एजेंसी ने जेल से ही सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था।
ED ने मामले में चार चार्जशीट दाखिल कीं
करीब 10 महीने तक जांच-पड़ताल करने के बाद 1 जून को ED ने अपनी जांच पूरी की। एजेंसी ने इस मामले में चार चार्जशीट दाखिल कीं। ED ने कोर्ट को बताया कि उनके पास सिसोदिया के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। ED के मुताबिक, सिसोदिया ने सबूत छिपाने के लिए 14 फोन और 43 सिम कार्ड बदले, जिनमें से पांच सिम सिसोदिया के नाम पर ही थे।