प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में MBBS की जिस स्टूडेंट ने सुसाइड किया, वह पिछले 2 सालाें से डिप्रेशन की दवा खा रही थी। श्रुति श्रीवास्तव पढ़ने में भी अव्वल थी, यही कारण है कि श्रुति के सुसाइड करने की बात ने उसके दोस्तों को भी हैरान कर दिया।
दोस्तों ने बताया कि वो अधिकतर समय अपने परिवार के लोगों से ही मोबाइल पर बात करती थी, इससे ये आशंका है कि किसी पारिवारिक कलह के चलते वो तनाव में थी और इसलिए उसने सुसाइड कर लिया।
कमरे में मिली डिप्रेशन की दवाइयां
मेडिकल की छात्रा के सुसाइड के बाद जब फॉरेंसिंक एक्सपर्ट मौके पर पहुंचे ताे छात्रा के बैग और कमरे से कुछ दवाइयां निकली जो डिप्रेशन की बताई जा रही है। लैब के एक्सपर्ट उन दवाइयों को अपने साथ ले गए हैं। श्रुति श्रीवास्तव मूल रूप से सुल्तानपुर के हेमनापुर, बलीपुर गांव की रहने वाली थी लेकिन परिवार के लोग लखनऊ में ही रहते हैं। 2020 बैच में उसका दाखिला मोतीलाल नेहरू मेडिकल, प्रयागराज में कराया गया था।
परेशान होकर अलग हो गई थी रूम पार्टनर
श्रुति की रूम पार्टनर ने बताया “श्रुति कुछ दिनों से डिप्रेशन में चल रही थी। रात में कभी-कभी चिल्लाने लगती थी। उसकी इन हरकतों के चलते मेरी पढ़ाई नहीं हो पाती थी। हमनें वार्डेन को एप्लीकेशन देकर अलग रूम में रहने की मांग की थी। 3 दिन पहले ही उसे अलग कमरा एलॉट हो गया था।” श्रुति के साथ पढ़ने वाली दूसरी छात्राओं ने बताया कि वह पढ़ने में अच्छी थी और किसी सेमेस्ट एग्जाम में भी उसका परफॉर्मेंस बेहतर रहता था।
3 दिन पहले परिवार वाले भी आए थे
मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह बताते हैं कि उसके पिता मनोज श्रीवास्तव और उसकी मां 3 दिन पहले प्रयागराज आए थे। बेटी श्रुति परेशान थी, पिता ने समझाया भी था और उसके बाद वो लोग लखनऊ चले गए लेकिन 3 दिन बाद ही उसने सुसाइड कर लिया। कॉलेज से जब पिता को बेटी के सुसाइड की बात पता चली तो पूरे परिवार में कोहराम मच गया। जो मां बाप अपनी बेटी को डॉक्टर बनाने का सपना संजोए हुए थे वह दुनिया से विदा हो गई।
सुबह 8 बजे हॉस्टल के बाहर टहल रही थी बेटी
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एसपी सिंह ने बताते हैं कि “छात्रा थर्ड ईयर की छात्रा थी। पता चला कि वह मानसिक रूप से परेशान थी। शुक्रवार सुबह सुबह 8 बजे तक वह हॉस्टल के बरामदे में टहलती हुई दिखी थी अन्य छात्राओं ने भी उसे देखा था। उसके बाद से वह कहीं गई भी नहीं थी। छात्राओं के मुताबिक, वह परेशान दिख रही थी। आज शव को पोस्टमार्मट के लिए भेजा जाएगा।
नहीं मिला सुसाइड नोट, उलझी पुलिस
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य की पूछताछ में हॉस्टल की अन्य छात्राओं ने बताया कि शुक्रवार को श्रुति क्लॉस भी नहीं गई और अपने कमरे में ही रही। जब हास्टल में उसके आसपास के कमरों में रहने वाली छात्राओं ने देर शाम तक दरवाजा बंद देखा तो वह परेशान हो गईं। छात्राओं ने खिड़की से झांका तो दंग रह गईं। उसका शव देखकर छात्राएं भी सहम गईं। पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि उसने इस तरह का कदम क्यों उठाया? कोई सुसाइड नोट न मिलने की वजह से पुलिस सच्चाई जानने में उलझी हुई है।
पिता बोले, डिप्रेशन की दवा नहीं खाती थी मेरी बेटी
बेटी श्रुति के सुसाइड की सूचना मिलते ही पिता मनोज श्रीवास्तव पत्नी के साथ देर रात ही लखनऊ से प्रयागराज आ पहुंचे। हॉस्टल में पहुंचे उसके कमरे में गए। दूसरी छात्राओं से बातचीत भी किए। मनोज ने कहा…तीन दिन पहले 11 अक्तूबर को प्रयागराज आए थे, बेटी बिल्कुल ठीक थी, वह किसी तरह की डिप्रेशन की दवा नहीं खाती थी। हॉस्टल में क्या हुआ, कैसे हुआ यह मेडिकल कॉलेज ही जाने। देर रात ही श्रुति की डेड बॉडी को SRN अस्पताल परिसर में स्थित पोस्टमार्टम हाउस में रखवाया गया था, जिसका आज पोस्टमार्टम भी होना है।
प्रिंसिपल ने जांच के लिए बनाई कमेटी
MLN मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि छात्रा का सुसाइड करना बहुत दुख:द है। उसने सुसाइड क्यों किया है, इसके पीछे की वजह जानने के लिए हमने एक कमेटी गठित कर दी है। पैथॉलाजी डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ. वत्सला मिश्रा की अध्यक्षता में कमेटी पूरे मामले की जांच करेगी। शीघ्र ही रिपोर्ट देने को कहा गया है।