मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत 5 राज्यों में होने वाले चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन की फुट सामने आने लगी है। मंगलवार को कानपुर पहुंचे अखिलेश यादव ने कहा,”अगर राज्य और केंद्र के इंडिया गठबंधन में अलगाव हुआ तो आगे की राह मुश्किल होगी। यही समय है, जब तय करना होगा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव के लिए होगा या इस राष्ट्रीय गठबंधन का हिस्सा विधानसभा चुनाव भी होंगे। अगर अभी विधानसभा चुनाव में गठबंधन नहीं होगा तो भविष्य में भी प्रदेश स्तर का गठबंधन नहीं होगा।”
दरअसल, अखिलेश यादव का यह बयान मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनाव से पहले कई सवाल खड़े कर रहा है। कांग्रेस ने राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में उम्मीदवारों में सपा को कोई खास तवज्जो नहीं दी है। ऐसे में अखिलेश यादव का केंद्र और राज्य के गठबंधन में अलग-अलग होने की बात करना और कांग्रेस को रुख स्पष्ट करने की बात करना आगे इंडिया गठबंधन के लिए चुनौती बनता जा रहा है।
भांडेर, राजनगर, बिजावर और कटंगी कांग्रेस और सपा ने उतारे उम्मीदवार
दरअसल, अखिलेश यादव चाहते थे कि जिन सीटों पर पिछली विधानसभा चुनावों में पार्टी के कैंडिडेट जीते या दूसरे स्थान पर रहे वहां सपा के नेता चुनाव लड़ें। मगर कांग्रेस की लिस्ट आने के बाद सपा ने भी रविवार को 9 उम्मीदवारों की अपनी लिस्ट जारी कर दी। फिलहाल मध्य प्रदेश में 4 सीटें ऐसी है। जिनमें सपा और कांग्रेस दोनों ही प्रत्याशी उतार रखे हैं। इनमें भांडेर, राजनगर, बिजावर और कटंगी सीट शामिल है। अब कहा जा रहा है कि कांग्रेस के इस कदम से अखिलेश यादव इतने नाराज हुए हैं कि उन्होंने मध्य प्रदेश में पूरे दमखम के साथ चुनावी रण में उतरने की तैयारी कर ली है।
यूपी में कांग्रेस की तैयारी अजय राय सपा के नेताओं को तोड़ रहे
यूपी में भी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का नजरिया इंडिया गठबंधन के लिए स्वस्थ नहीं दिख रहा है। दोनों पार्टियां अति महत्वाकांक्षा और ओवर कॉन्फिडेंस में दिख रही हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय लगातार सपा के नेताओं को कांग्रेस पार्टी में शामिल करवा रहे हैं तो वहीं मुस्लिम बहुल क्षेत्र में बसपा- सपा के नेताओं को पार्टी में शामिल करने के लिए कर वह विशेष अभियान भी चला रहे हैं।
हालांकि अजय राय ने एक कार्यक्रम में कहा कि कांग्रेस सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी को लगता है 2009 की तरह करीब 20 से अधिक सीटें जीत सकती है। अभी तक की जो तस्वीर बन रही है। उससे लगता नहीं है कि कांग्रेस लोकसभा चुनावों में यूपी में 20 सीटों से कम पर नहीं मानेगी।
अखिलेश ने मध्य प्रदेश के लिए पक्के वादे घोषणा पत्र जारी किया
कांग्रेस के साथ तालमेल नहीं हो पाने के कारण सपा मध्य प्रदेश की 10-12 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने पर विचार कर रही है। सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया, “पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए ‘पक्के वादे’ जारी कर दिए हैं।
इसके अलावा पार्टी ने महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए यूपी में अपनी पिछली सरकार के दौरान शुरू की गई ‘1090 सर्विस’ की तर्ज पर एक रैपिड रिस्पांस टीम बनाने, मेधावी छात्रों को लैपटॉप देने, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, सभी को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने, किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने के साथ-साथ युवाओं को रोजगार की गारंटी देने आदि के वादे भी किए हैं।
चौधरी ने बताया कि सपा ने मध्य प्रदेश की जनता से ‘पक्का वादा’ किया है। पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक (PDA) और आदिवासियों को उनका हक और सम्मान दिलाया जाएगा, जाति जनगणना होगी और सभी को आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी मिलेगी। पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। महिलाओं के लिए समाजवादी पेंशन योजना शुरू की जाएगी।
बसपा बिगाड़ेगी इंडिया गठबंधन का खेल, बीजेपी को हो सकता है नुकसान
कांग्रेस और सपा के बीच तीखे तकरार और राजनीतिक असमंजस के बाद सवाल उठता है कि बसपा प्रमुख मायावती ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में राज्य स्तरीय पार्टी से गठबंधन कर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। बसपा प्रमुख के मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव में गोंडवाना पार्टी के साथ पूरी तरीके से सीट शेयरिंग और प्रत्याशियों का ऐलान भी कर दिया है।
वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस से समाजवादी पार्टी की तकरार के बीच उम्मीदवारों की सूची भी अलग-अलग जारी हो चुकी है। ऐसे में राजनीतिक जानकार मानते हैं कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के चुनाव में दो से तीन प्रतिशत वोट बैंक ही चुनाव में निर्णायक भूमिका तय करेंगे।